माई-बाप वाले बयान पर बिहार में सियासत तेज
पटना। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राजद केवल माई की पार्टी है, इसलिए तेजस्वी यादव की यात्रा में बस यही दो समुदाय दिखे, बाप (बहुजन, अगड़ा, आधी आबादी, पुअर) गायब था। बिहार में राजद को जब भी सरकार बनाने का मौका मिला, केवल दो समुदायों का ख्याल रखा गया।
संजय यादव को राज्यसभा भेजा गया। यह पार्टी एम-वाई से बाहर के कुछ लोगों पर नाम के लिए कृपा करती भी है, तो उन्हें जल्द ही किनारे लगा देती है। अगड़े समाज के रघुवंश प्रसाद सिंह को राजद ने एक लोटा पानी कह कर ऐसा अपमानित किया कि उन्होंने अस्पताल के बिस्तर से अपना त्यागपत्र लालू प्रसाद को भेज दिया था।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी अपनी यात्रा में बताएं कि वे 29 वर्ष की उम्र में वे पटना से दिल्ली तक 53 बहुमूल्य संपत्ति के मालिक कैसे बन गए? वे हिसाब दें कि गरीबों के वोट लेकर उनके माता-पिता ने कैसे सात पुश्तों के लिए संपत्ति बटोर ली? राहुल गांधी की तरह तेजस्वी यादव की यात्रा भी राजनीतिक तमाशा सिद्ध होगी। इसका कोई असर नहीं होगा।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि अनजाने में ही सही, लेकिन तेजस्वी यादव ने स्वीकार किया कि राजद माई-बाप की पार्टी है। तेजस्वी की विश्वास यात्रा व उपलब्धियों के बारे में शर्मा ने कहा कि वे अपने कामों को एडिट करके बताते हैं। उनको उन तमाम कामों को बताना चाहिए, जो उन्होंने और उनके परिवार ने किए हैं।
बताना चाहिए कि उनके पास यह अकूत संपत्ति कैसे आई? उन पर सीबीआइ, ईडी और आइटी के छापे क्यों पड़ते हैं? उनके माता-पिता, बड़ी बहनों पर गिरफ्तारी की तलवार क्यों लटकी हुई है? तेजस्वी यदि जनता के बीच जा रहे तो खुलकर अपने दिल की बात जनता के सामने रखें, सच बताएं।
तेजस्वी के माई-बाप वाले बयान पर मनोज ने कहा कि आप लाख माई-बाप का मतलब समझाते रहिए, लेकिन बिहार की जनता जानती है कि आपके मुंह से जो शब्द निकले हैं, वे बिल्कुल सही निकले हैं। राजद माई-बाप की ही पार्टी है।
परिवार की ही पार्टी है और परिवार के अलावा यदि किसी को कोई पद आप लोग देते हैं तो उससे उतना लाभ जरूर ले लेते हैं, जिससे आप लोगों को नुकसान नहीं होता है।
दरअसल, आप लोगों ने राजद को राजनीति या फिर समाज सेवा के लिए नहीं बनाया है। इसे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाया है और इसके बदौलत आप सभी पालीटिकल बिजनेस करते हैं।