तेलंगाना में रमजान पर छुट्टी को लेकर सियासत
कर्मचारियों को मिलेगा एक घंटे पहले अवकाश

- इन लोगों पर भी लागू होगी यह छूट
- मुख्य सचिव के आदेश पर राजनीति शुरू
- बीजेपी बोली- नवरात्र में भी मिले छुट्टी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। तेलंगाना सरकार ने पवित्र रमजान के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को एक घंटे पहले ऑफिस से निकलने की इजाजत दी है। तेलंगाना की मुख्य सचिव शांति कुमारी ने एक आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक तेलंगाना में मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के महीने के दौरान आफिस से एक घंटे पहले निकलने की छूट दी है। सरकार के इस फैसले पर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा ने सवाल उठाया है कि यदि रमजान में छूट मिल सकती है तो फिर नवरात्र में क्यों नहीं।
बीजेपी नेता तरुण चुघ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के अंदर सिर्फ तुष्टिकरण भरा हुआ है। भाजपा नेता तरुण चुघ ने कहा है कि कांग्रेस में तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति भरी हुई है। मैं सीएम रेवंत रेड्डी से पूछना चाहता हूं कि वह नवरात्र, गणेश पूजन, शिवरात्रि और बुद्ध पूर्णिमा क्यों भूल जाते हैं। वह सिर्फ वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।
तेलंगाना की मुख्य सचिव शांति कुमारी ने एक आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, तेलंगाना में मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के महीने के दौरान एक घंटे पहले निकलने की छूट होगी। यह छूट 2 मार्च से 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी। सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ यह आदेश कॉन्ट्रैक्ट, आउटसोर्सिंग, बोर्ड और पब्लिक सेक्टर के मुस्लिम कर्मचारियों पर भी लागू होगा।
सभी धर्मों के लिए ऐसी व्यवस्था हो: कांग्रेस
छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि इस आदेश में कोई हर्ज नहीं है. सभी धर्म के जो प्रमुख त्योहार हैं, उन दिनों उस धर्म के मानने वालों के लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि वे अपने धर्म के पालन के लिए उपलब्ध हों। किसी एक धर्म के लिए ऐसा नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी धर्मों के लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।
राजा सिंह ने उठाये सवाल
इससे पहले भाजपा विधायक राजा सिंह ने इस आदेश पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी की सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के दौरान जल्दी छुट्टी देने की इजाजत तो दे दी लेकिन हिंदू त्योहारों को नजरअंदाज कर दिया है सभी के लिए समान अधिकार, या फिर कुछ नहीं।