पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है मटके का पानी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गर्मी में सिर्फ पानी पीने के इच्छा होती है और ऐसे में फ्रिज का ठंडा पानी मिल जाए तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। लेकिन यदि गर्मी में फ्रिज के बजाय मटके का पानी पिएंगे तो बहुत फायदेमंद होगा। मटका मिट्टी का बना होता है और मिट्टी के तत्व पानी में मिलने के बाद उसे और सेहतमंद बना देते हैं। मटके का पानी हर उम्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इस पानी से शरीर में होने वाली सभी गंदगी की दूर होती है। मटके का तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है, पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। अगर आपको गैस या एसिडिटी की समस्या रहती है, तो ऐसे में रोजाना मिट्टी के घड़े का पानी पीना बेहद फायदेमंद रहेगा। क्योंकि इसके सेवन से पाचन क्रिया सुचारू रूप से कार्य करती है। इसे पीने से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी बढ़ता है।

पीएच लेवल को करता है मेंटेन

मटके का पानी पीने का एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह पीएच लेवल मेंटेन करने में सहायता करता है। ऐसा मिट्टी में मौजूद क्षारीय गुणों के कारण संभव हो पाता है। मिट्टी के यह क्षारीय गुण पानी की अम्लता के साथ प्रभावित होकर, उचित पीएच संतुलन प्रदान करता है। मटके का पानी एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं को दूर करने का कार्य करता है।

कैसे ठंडा करता है पानी

मिट्टी से बने होने के कारण मटके में अनेक सूक्ष्म छिद्र मौजूद होते हैं। आकार में बहुत सूक्ष्म होने के कारण इन छिद्रों को नग्न आंखों से देखना सम्भव नहीं होता। बता दें कि पानी का ठंडा होना वाष्पीकरण की क्रिया पर निर्भर होता है। जिसका मतलब जितना अधिक वाष्पीकरण उतना ज्यादा ठंडा पानी। इन सूक्ष्म छिद्रों द्वारा मटके का पानी बाहर निकलता रहता है और मटके में वाष्प बनाने के लिए गर्मी यह मटके के पानी से लेता है। इस पूरी प्रक्रिया में मटके का तापमान कम हो जाता है और पानी ठंडा रहता है।

लू से भी बचाता है

अगर आप मटके का पानी पीते हैं तो इससे आप लू से बचे रहते हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं गर्मियों के मौसम में बहुत भीषण गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से लोगों को सनस्ट्रोक या लू लगना एक बहुत ही आम समस्या होती है। ऐसे में घड़े का पानी पीते हैं तो आपको लाभ मिलता है क्योंकि यह पानी विटामिन और खनिज शरीर के ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में सहायता करता है जिससे शरीर को ठंडक मिलती है।

कैंसर के खतरे को कम करता है

मटके का पानी पीने से कैंसर की बीमारी का खतरा बहुत कम हो जाता है। घड़े का पानी गले से संबंधी बीमारियों से बचा कर रखता है और यह हमको जुकाम खांसी की परेशानी से भी बचाता है। मटके का पानी पीना से पीएच संतुलन सही होता है। मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर उचित पीएच बेलेंस बनाते हैं जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगडऩे नहीं देते। मटके का पानी प्राकृतिक तौर पर ठंडा होता है, जबकि फ्रिज का पानी इलेक्ट्रिसिटी की मदद से। बल्कि एक बड़ा फायदा यह भी है कि इसमें बिजली की बचत भी होती है।

शरीर को ठंडक पहुंचाता है

अगर गर्मियों के मौसम में मटके का पानी पिया जाए तो यह शरीर को ठंडा रखने में बेहद मददगार साबित होता है। आपको बता दें कि मिट्टी के घड़े की सतह में छोटे-छोटे पोर्स होते हैं इनमें पानी आसानी से इवैपोरेट हो जाता है, जिससे उसकी गर्मी खत्म हो जाती है। इसी वजह से मटके में रखा हुआ पानी का तापमान कम हो जाता है। मटके का पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है जो शरीर को ठंडा रखने में भी मदद करता है।

वात, पित्त और कफ को करे नियंत्रित

बर्फीला पानी पीने से शरीर के तापमान में अचानक बदलाव आने लगता है। जिससे वात, पित्त और कफ बिगडऩे लगता है और सर्दी, खरास तथा कब्ज और अपच हो जाती है। वहीं मटके का पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होने के कारण किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता।

टॉक्सिक पदार्थों को अवशोषित करे मटका

मिटटी में मौजूद प्राकृतिक गुण पानी के सभी विषैले पदार्थ को अवशोषित कर लेते हैं और आपको एक साफ और मिरनलस से भरपूर पानी प्रदान करते हैं। साथ ही मटके का पानी ना बहुत अधिक ठंडा, ना बहुत गर्म होता है।

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