4 दिन से आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर गिरफ्तार, गांधी मैदान में अवैध धरना का आरोप

पटना। बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने पीके पर गांधी मैदान में अवैध रूप से धरना देने का आरोप लगाया है. पुलिस ने कहा कि पीके गैर कानूनी रूप से धरना दे रहे थे. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. उन्हें अब कोर्ट में पेश किया जाएगा.
दरअसल, पीके पिछले चार दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. इससे पहले पटना पुलिस ने आधी रात को प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया था. पुलिस ने उन्हें आमरण अनशन स्थल से सुबह 4 बजे एंबुलेंस से ्रढ्ढढ्ढरूस् लेकर गई थी. उन्हें सभी लोगों से अलग कर दिया गया था.पीके ने इलाज करने से मना कर दिया और कहा कि आमरण अनशन जारी रखूंगा.
एम्स के बाहर पीके के समर्थकों के साथ पुलिस की झड़प हो गई. समर्थकों का कहना है, प्रशांत किशोर बिहार के लोगों के लिए, छात्रों के लिए लड़ रहे थे. सरकार इस एकता से डरती है. उनके खिलाफ शारीरिक हिंसा निंदनीय है. वहीं, झड़प के बाद प्रशांत किशोर को पुलिस ्रढ्ढढ्ढरूस् से निकालकर नौबतपुर ले गई. प्रशांत के समर्थकों के हंगामे को देखते हुए प्रशासन ने ये कदम उठाया.
पटना पुलिस ने गांधी मैदान में उस जगह को खाली करा लिया है, जहां प्रशांत किशोर प्रदर्शनकारियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे. पटना पुलिस ने गांधी मैदान से निकलने वाले वाहनों की चेकिंग भी की. प्रशांत किशोर बीपीएससी अनियमितताओं को लेकर आमरण अनशन कर रहे थे, जो 2 जनवरी को उन प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में शुरू किया गया था, जो बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
पुलिस प्रशांत किशोर को एम्बुलेंस में ले जाया गया. हिरासत में लिए जाने से पहले जन सुराज प्रमुख ने कहा कि पार्टी बीपीएससी अनियमितताओं को लेकर 7 जनवरी को हाई कोर्ट में याचिका दायर करेगी. प्रशांत किशोर ने कहा, यह हमारे लिए निर्णय का विषय नहीं है कि हम विरोध जारी रखेंगे या नहीं. हम वही करते रहेंगे जो हम अभी कर रहे हैं, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
इससे पहले रविवार को प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बैठे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव से भी विरोध का नेतृत्व करने की अपील की. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव एक बड़े नेता हैं और विपक्ष के नेता (एलओपी) भी हैं. प्रशांत किशोर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते तेजस्वी यादव को उनकी जगह विरोध का नेतृत्व करना चाहिए था. वह (तेजस्वी यादव) एक बड़े नेता हैं. उन्हें विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करना चाहिए था. मैं उन्हें विरोध का नेतृत्व करने के लिए कह रहा हूं. हम अलग हट जाएंगे. उन्होंने कहा कि वह पांच लोगों के साथ गांधी मैदान आ रहे थे लाखों लोगों के बारे में बात की जानी चाहिए. जन सुराज के संस्थापक ने कहा कि राजनीति कभी भी हो सकती है. हमारे यहां कोई पार्टी का बैनर नहीं है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि यह कोई धरना नहीं है. ये अपनी स्थिति बेहतर करने, भविष्य सुरक्षित करने का बिहार के लोगों का जुनून है. मैं आरोपों का जवाब देते-देते थक गया हूं. चारों ओर देखें, और अगर संभव हो तो वैनिटी वैन को देखें. किशोर ने कहा कि हम भी यहीं सोएंगे. शनिवार को तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बीपीएससी विरोध के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.
उन्होंने छात्रों के स्वतंत्र आंदोलन का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले ये लोग बीजेपी की बी टीम हैं. उन्होंने कहा कि इसका पूरी तरह से राजनीतिकरण किया जा रहा है. हमें लगता है कि बिहार के लोगों को उन लोगों को पहचानना होगा जो बीजेपी की ‘बी’ टीम हैं और इस स्वतंत्र आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं. यह बेहद निंदनीय है.
जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन को लेकर हुए विवाद पर तेजस्वी यादव ने कहा कि आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की गई. वैनिटी वैन में अभिनेता बैठते हैं और निर्माता और निर्देशक उन्हें बैठाते हैं, हम जानते हैं कि निर्माता कौन है, निर्देशक कौन है, और एक्टर को क्यों बैठाया गया ये सभी जानते हैं. छात्र 13 दिसंबर को बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) 2024 को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

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