बांके बिहारी कॉरिडोर : अधिग्रहण पर सवाल! कुंज गलियों में बवाल

- सरकार गोरखपुर के मंदिर का क्यों नहीं कर रही अधिग्रहण
- देवकी नंदन ठाकुर से पूछे सवाल क्या हुआ सनातन बोर्ड का
- कॉरिडोर बने लेकिन दुकान, मकान और मंदिरों को न तोड़ा जाए
- गोस्वामी समाज कर रहा है विरोध शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने उठाई आवाज
- सरकार ट्रस्ट बना कर मंदिरों का खुलेआम कर रही है अधिग्रहण
- हेमा मालिनी की अपील बन जानें दे कॉरिडोर सभी को होगा फायदा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वृंदावन की पावन भूमि में इन दिनों केवल राधे-राधे के स्वर नहीं गूंज रहे हैं। बल्कि नारों और विरोध की गूंज भी सुनाई दे रही है। श्रद्धा बनाम संपत्ति के इस संघर्ष ने वृंदावन की कुंज गलियों को एक बार फिर जगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बांके बिहारी कॉरिडोर बनने का रास्ता साफ हो गया है।
हालांकि अखिल भारत तीर्थ पुरोहित महासभा ने कारिडोर के औचित्य पर ही सवाल उठाते हुए विरोध का बिगुल बजा दिया है। वहीं मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने कॉरिडोर को बन जाने की अपील जारी की है तो शंकराचार्य अविमुक्तेश्रानंद महाराज ने चेतावनी देते हुए योगी सरकार के खिलाफ ताल ठोक दी है।
मजबूरी में बुलानी पड़ी प्रेस वार्ता
अखिल भारत तीर्थ पुरोहित महासभा के संरक्षक महेश पाठक ने प्रेस वार्ता बुलाई और कहा कि यह बैठक बिहारी जी के गोस्वामियों को इसलिए बुलानी पड़ी की पेपरों में तरह-तरह की भ्रांतियां फैला रहे हैं। महेश पाठक ने कहा कि हमारा कहना यह है बिहारी जी पर भीड़ आती है इसमें कोई दो राय नहीं है जब तत्कालीन सरकार मंदिर अधिग्रहण कर रही थी तब मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने पार्लियामेंट में यह बात कही थी कि अनुच्छेद 25, 26 के अनुसार हम लोगों को पूजा पाठ अपने मंदिर में करने का राइट मिलता है और यह अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। महेश पाठक ने सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल किया है कि अब जब वह खुद मुख्यमंत्री हैं तो अब मंदिर अधिग्रहण की बात क्यों आयी। उन्होंने कहा कि आप कॉरिडोर बनाओ परंतु मंदिर का अधिग्रहण मत कीजिए, मंदिर अधिग्रहण नहीं होना चाहिए।
मंदिर अधिग्रहण का अध्यादेश सरकार तुरंत वापस ले : महेश पाठक
संरक्षक महेश पाठक ने कहा कि इसमें कोई इगो का सवाल नहीं है क्योंकि बात कॉरिडोर से शुरू हुई और अधिग्रहण तक पहुंच गई। यहां पर बहुत मंदिर हैं। वैष्णो देवी मंदिर। प्रेम मंदिर। फिर आप बोलेंगे यहां भी भीड़ आती है इनको भी अधिग्रहण कर लो। अगर सरकार को कॉरिडोर बनाना ही है तो जो मंदिर अधिग्रहण का अध्यादेश है उसको सरकार तुरंत वापस ले।
देवकीनंदन ठाकुर की चुप्पी पर सवाल
कभी सनातन बोर्ड के समर्थन में जोरदार आवाज़ उठाने वाले देवकीनंदन ठाकुर इस मामले में लगभग चुप हैं। सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने जिस सनातन सुरक्षा बोर्ड की बात की थी वह कहां गया? क्या सनातन केवल उस वक्त याद आता है जब राजनीतिक समीकरण अनुकूल हों?
शंकराचार्य की हुंकार
ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सरकार मंदिरों पर ट्रस्ट के नाम पर कब्जा कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर श्रद्धालुओं की सुविधा ही मकसद है तो गोरखपुर मंदिर पर ऐसी योजना क्यों नहीं बनाई जाती वहां तो मुख्यमंत्री स्वयं पीठाधीश्वर हैं। क्या यह दोहरी नीति नहीं है?
गोस्वामी समाज का विरोध
बांके बिहारी मंदिर की सेवा में सदियों से लगे गोस्वामी समाज ने कॉरिडोर निर्माण में उनकी सलाह न लिए जाने और उनकी परंपरागत भूमिकाओं की अनदेखी पर गहरी नाराजग़ी जताई है। वे पूछ रहे हैं कि सरकार मंदिर को ट्रस्ट के हवाले कर किस अधिकार से अधिग्रहण कर रही है? क्या धार्मिक स्वतंत्रता केवल एकपक्षीय नियमों की मोहताज हो गई है? संरक्षक महेश पाठक कहते हैं कि गोस्वामियों का यह मत है कि 20- 25 एकड़ जमीन हमें सरकार दे दे और वहां पर मंदिर का भव्य निर्माण हो अच्छी पार्किंग बने आने वाले किसी तीर्थ यात्री को तकलीफ ना हो कुंज गलियों को ना तोड़ा जाए दुकानों को न उखाड़ा जाए बृजवासियों के मकानों को ना तोड़ा जाए यह भी एक ऑप्शन है।
विरासत का संकट
महेशन पाठक ने कहा कि वृंदावन की कुंज गलियों का अस्तित्व ही इन छोटे-छोटे मंदिरों, गद्दियों और गोस्वामी घरानों से है। अधिग्रहण की प्रक्रिया इन गलियों की आत्मा को ही नष्ट कर देगी। कई मकान जो कि सौ साल से अधिक पुराने हैं तोड़े जाने की सूची में हैं। इससे न सिर्फ़ रहवासी बेघर होंगे बल्कि सनातन परंपरा का जीवंत स्वरूप भी समाप्त हो जाएगा।
हेमा मालिनी की भावुक अपील
मथुरा की सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर जरूरी है ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित किया जा सके और हादसों से बचा जा सके। उन्होंने अपील की कि स्थानीय लोग इसका विरोध न करें क्योंकि इससे भविष्य में सभी को लाभ होगा। हेमा मालिनी ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए यह कॉरिडोर सुरक्षा और सुविधा दोनों के लिए ज़रूरी है।




