लोकतंत्र का लगातार बीजेपी व जदयू कर रहे अपमान : राबड़ी

  • कहा- बागी विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये दिए गए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। महागठबंधन के छह विधायकों के राष्टï्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में जाने के बाद बिहार में सियासी घमासान जारी है। एक ओर जहां भाजपा और जदयू के नेता कह रहे हैं कि अभी को खेल शुरू ही हुआ। बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं ने बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा और जदयू पर बड़ा आरोप लगा दिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और जदयू के तरफ से उन बागी विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इतना ही नहीं राबड़ी देवी यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के विधायकों को खरीदने वाली पार्टी बेशर्म हो गई है। ये लोग जोड़-तोड़ की राजनीति कर लोकतंत्र का लगातार अपमान कर रहे हैं। वहीं बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर इन विधायकों में थोड़ी भी शर्म होती तो सभी इस्तीफा देकर भाजपा और जदयू में शामिल होते। अगले चुनाव में जनता इन्हें जरूर जवाब देगी।

केके पाठक के समर्थन में आईं पूर्व सीएम

वहीं सदन में जिनके के विरोध में विपक्ष के विधायक प्रदर्शन कर रहे थे, उनके समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी उतर गईं हैं। शिक्षकों की ड्यूटी की टाइमिंग नहीं बदले जाने के सवाल पर राबड़ी देवी ने कहा कि उन्होंने (केके पाठक) जो फैसला लिया है, वह सही है। नौकरी पर जाने में क्या हर्ज है? जब नौकरी कीजिएगा तो घर में बैठे तो नहीं कीजिएगा, फिर जाने में क्या हर्ज है?

सीएम की बात नहीं मानते पदाधिकारी : राजद

राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि जिस राज्य का मुख्यमंत्री कमजोर हो, उसके पदाधिकारी भी उनकी बात नहीं मानते हैं। अब तो सदन की घोषणा को कोई पदाधिकारी नहीं मान रहा तो यह मामला अवमानना का बनता है। शिक्षा विभाग में एक अधिकारी की तानाशाही चल रही है। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आदेश भी नहीं मान रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। इस मामले में फौरन संबंधित अधिकारी को निलंबित कर देना चाहिए। राजद विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों के ड्यूटी टाइमिंग को लेकर बदलाव की घोषणा की थी। अब अगर उनके पदाधिकारी ही उनका आदेश नहीं मान रहे, यह तो दुखद है। ऐसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें सस्पेंड कर देना चाहिए।

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