राबड़ी देवी को मिली बड़ी राहत

  • लैंड फॉर जॉब मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 फरवरी तक दी अंतरिम जमानत
  • मीसा भारती व हेमा को भी मिली राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। कोर्ट ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले के मामले में तीनों को 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है। विशेष न्यायमूर्ति विशाल गोगने ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उस दावे के बाद तीनों आरोपियों को जमानत दे दी कि उसे उनकी नियमित जमानत याचिका पर दलीलें दाखिल करने के लिए समय चाहिए।
विशेष कोर्ट (धन शोधन निवारण अधिनियम) ने मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत के बाद बिहार की लालू परिवार के कई सदस्यों को समन किया था। इसमें लालू यादव की पत्नी राबड़ी, उनकी बेटियां मीशा और हेमा शामिल थीं। जानकारी के मुताबिक, ईडी ने 8 जनवरी को पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत अमित कत्याल, राबड़ी देवी, मिशा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियों मेसर्स ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड के खिलाफ अभियोजन शिकायत (पीसी) दाखिल की थी। शिकायत नौकरी के लिए भूमि घोटाले मामले में विशेष न्यायालय (पीएमएलए) नई दिल्ली के समक्ष पेश की गई। विशेष कोर्ट ने 27 जनवरी को इस पर संज्ञान लिया और आरोपी व्यक्तियों को आगे की सुनवाई के लिए 9 फरवरी को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया था।

ईडी ने किया था दावा

ईडी ने बिहार में जमीन के बदले नौकरी मामले में बड़ा दावा किया था कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्ययमंत्री राबड़ी देवी की गौशाला के एक पूर्व कर्मचारी ने रेलव में नौकरी पाने के इच्छुक व्यक्ति से संपत्ति हासिल की और बाद में उसे लालू-राबड़ी दंपती की पुत्री हेमा यादव को सौंप दी। केंद्रीय एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत में आरोप-पत्र दायर किया था, जिसमें कुछ बाहरी लोगों के अलावा लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों राबड़ी देवी, मीसा भारती हेमा यादव को आरोप बनाया गया है।

कल एनसीपी में शामिल होंगे बाबा सिद्दीकी : अजित

  • बोले- शिवसेना (यूबीटी) पार्षद की हत्या की होनी चाहिए जांच

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी शनिवार 10 फरवरी को अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो सकते हैं। इस बात की पुष्टि खुद महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने की है। उन्होंने कहा कि बाबा सिद्दीकी 10 फरवरी की शाम को एनसीपी में शामिल होंगे और 11 फरवरी को कुछ और लोग भी पार्टी का दामन थामेंगे।
बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी को ‘बाबा सिद्दीकी’ के नाम से भी जाना जाता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के एक महीने के भीतर शहर के दूसरे नेता ने कांग्रेस को अलविदा कहा है। सिद्दीकी के बेटे जीशान शहर से कांग्रेस विधायक हैं। हालांकि, बाबा सिद्दीकी ने कहा कि जीशान अपना फैसला खुद लेंगे। पुणे में शिवसेना (यूबीटी) के पार्षद अभिषेक घोसालकर की हत्या पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि दोनों के बीच दोस्ताना रिश्ते थे। इसके बावजूद अगर ऐसा कुछ होता है तो पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। मैं इस बात से इनकार नहीं करता कि विपक्ष को सरकार को बदनाम करने और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग करने का मुद्दा मिल गया है, लेकिन इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि क्या है? यह भी देखा जाना चाहिए। घटना पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने भी कल बैठक की है और मामले की जांच की जा रही है।

सीट बंटवारे पर जल्द होगी चर्चा

भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी के बीच लोकसभा सीट बंटवारे पर अजित पवार ने कहा कि हम साथ बैठकर इस पर चर्चा करेंगे और अपना फैसला बताएंगे कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटे हैं। कुछ भी अटकलें लगाने की जरूरत नहीं है। अजित पवार ने पीएम मोदी के सतारा दौरे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी 19 फरवरी को विभिन्न कार्यक्रमों के साथ सतारा आ रहे हैं। हमने पीएम मोदी से नवनिर्मित हवाई अड्डे का उद्घाटन करने का अनुरोध किया है, लेकिन यह तय करना पीएमओ का अधिकार है।

मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या। आज मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इसी मान्यता के चलते रामनगरी अयोध्या में भी लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं। सरयू में डुबकी लगाकर मंदिरों में दर्शन-पूजन करते हैं। अयोध्या में पांच लाख श्रद्धालुओं के उमडऩे की संभावना है। इसके चलते यहां यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया है। गुरुवार शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है।
मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं। पूर्वांचल के श्रद्धालुओं का हुजूम प्रयागराज स्नान के बाद अयोध्या में भी उमड़ता है। ऐसे में शुक्रवार व शनिवार को रामनगरी में प्रयागराज से लौटने वाले श्रद्धालुओं का दबाव रहेगा। यहां पहले से ही रोजाना दो लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

उद्यान अधीक्षक पर क्यों नहीं लागू स्थानांतरण नीति

  • दशकों से राजधानी में ही जमे हैं गंगाराम गौतम
  • विभाग व शासन की स्वच्छ छवि को लगा रहे पलीता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ के उद्यान अधीक्षक गंगाराम गौतम जो कि उद्यान विभाग के सबसे बड़ा ठेकेदार भी हैं, वो नगर विकास विभाग की स्थानांतरण नीति से भी परे हैं। क्योंकि उन पर यह नीति लागू ही नहीं हो रही है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि लगभग 20 सालों से उद्यान अधीक्षक के पद पर जमे हुए गंगाराम गौतम का कार्यकाल ही बता रहा है।
गौतम इस पद पर बैठे-बैठे मोटी कमाई कर रहे हैं। क्योंकि उनके भाई की फर्म भी नगर निगम में रजिस्टर्ड है और गंगाराम अपने चहेतों ठेकेदारों से भी मिलीभगत कर ऊपरी कमाई कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गंगाराम गार्डन विभाग की फाइलों को माली से बनवाकर भाई की फर्म या चहेते ठेकेदारों की फर्म में हिस्सेदारी के माध्यम से काम कर विभाग को कई सालों से लूट रहा है और चूना लगा रहा है।

पार्कों के विकासीकरण के टेंडर में किया खेला

इससे पहले भी गंगाराम के खिलाफ 15वें वित विभाग के माध्यम से बनी पत्रावलियों पर खेल किया गया था। लेकिन अपनी सेटिंग करके व जुगाड़ लगाकर वह बच गया और लखनऊ में ही जमा हुआ है। अब एक बार फिर गंगाराम ने अपने भाई की फर्म व अपने चहेते ठेकेदारों को काम दिलाने के लिए एक बड़ा खेल किया। दरअसल, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इस मकड़ जाल से निजात पाने के लिए गार्डन विभाग में पार्कों के अनुरक्षण तथा डेवलपमेंट के लिए टेंडर निकाले। लेकिन गंगाराम ने उन टेंडरों को भरने के लिए भी अपने भाई की फॉर्म तथा उसके द्वारा सेटिंग किए गए ठेकेदारों की फॉर्म के अलावा अन्य ठेकेदारों को टेंडर फॉर्म ही नहीं लेने दिया।
जानकारी के मुताबिक, गंगाराम संबंधित बाबू को फॉर्म न देने के बहाने करना तथा फॉर्म पर उद्यान अधीक्षक की साइन होने की बात कहकर अन्य ठेकेदारों को घुमाता रहा। गौतम यह सब कर्मकांड की भूमिका बनाता रहा। इसके चलते उसने अन्य ठेकेदारों को फॉर्म बेचने का समय खत्म होने का बहाना बना दिया और टेंडर नहीं लेने दिया।

हल्द्वानी में हिंसा के बाद पूरे उत्तराखंड में हाई अलर्ट

  • सीएम धामी ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त एक्शन के दिए आदेश
  • पूरे प्रदेश में तैनात भारी फोर्स

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई भयानक हिंसा ने पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण बना दिया है। बनभूलपुरा में अवैध तरीके से बने मदरसे और मस्जिद के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में उतरी भीड़ ने जमकर पथराव किया। हल्द्वानी शहर में सख्त कर्फ्यू लगा दिय गया है। सैकड़ों पुलिसकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए, तो सुबह तक 6 लोगों की मौत की भी सूचना थी।
हालांकि, नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। हालात को संभालने के लिए आसपास के जिलों से फोर्स बुलाई गई है, तो सेंट्रल फोर्स की भी तैनाती की गई है। पीएसएसी को भी मोर्चे पर लगाया गया है। सुबह हल्द्वानी में हर तरफ तबाही के निशान दिखे। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन का आदेश दिया है। राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को हल्द्वानी भेजा गया है। इस बीच पुलिस ने हिंसा में शामिल रहे लोगों के खिलाफ ऐक्शन का आगाज कर दिया है। हिंसा के बाद पूरे उत्तराखंड में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस को सतर्क किया गया है। डीएम ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं।

किसी विशेष संपत्ति को नहीं किया गया टारगेट: जिलाधिकारी

हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर जिलाधिकारी वंदना ने पत्रकारावार्ता में कहा कि कल तीन तरीके से हमला हुआ था। पहले पत्थरबाजी की गई। फिर पेट्रोल पंप जलाया और फिर थाना फूंका गया। हमारी कल भी सुरक्षा व्यवस्था पूरी थी। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम की टीम जहां थाना फूंका गया वहां सफाई करने गई है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी की गई है। डीएम ने कहा कि पंद्रह-बीस दिन से हल्द्वानी में अलग-अलग जगहों पर और उससे पहले भी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई हैं। सरकार द्वारा भी अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित की गई। सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के निर्देश दिए गए। सभी जगह विधिक रूप से कार्रवाई की गई है। सबकी बात सुनने के बाद हम आगे बढ़े। किसी विशेष संपत्ति को टारगेट करके नहीं किया गया। किसी को उकसाने की कोशिश नहीं की गई, लेकिन कुछ अराजकर तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया।

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