मानहानि मामले में हाई कोर्ट से राहुल गांधी को नहीं मिली राहत
नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गुजरात हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। राहुल गांधी को हाई कोर्ट से झटका मिला है। उनकी याचिका खारिज हो गई है, मतलब राहुल गांधी की सांसदी बहाल नहीं होगी। गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है। उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। अदालत ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं।
इस फैसले के बाद राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी के पास क्या विकल्प बचा है। तो बता दें कि राहुल गांधी अब गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
कोर्ट के फैसले पर याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने कहा कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। राहुल गांधी को विचार करना चाहिए और उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। हालांकि ऐसे बयान देना का उनका इतिहास रहा है।
कोर्ट ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति ने कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे। राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम 2 साल की सजा देने का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं।
गुजरात में बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराया था। कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। अदालत के इस फैसले के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत राहुल गांधी की संसद की सदस्यता चली गई थी। राहुल 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड से चुनाव जीते थे।