राहुल गांधी का बड़ा सवाल, कहा-पूर्व उपराष्ट्रपति एक शब्द भी नहीं बोल सकते, ऐसा समय आ गया

राहुल गांधी ने इसको लेकर कहा कि क्या वे एक शब्द भी नहीं बोल सकते हैं, जो राज्यसभा में खुलकर बोलते थे,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस्तीफे के बाद से चुप्पी साधे हुए हैं. उनकी इस चुप्पी पर विपक्ष ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. राहुल गांधी ने इसको लेकर कहा कि क्या वे एक शब्द भी नहीं बोल सकते हैं, जो राज्यसभा में खुलकर बोलते थे, वह आज पूरी तरह से चुप क्यों हैं.

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को उनके इस्तीफे के बाद से देखा नहीं गया है. इसके साथ ही इस्तीफे के बाद उनका किसी तरह का कोई बयान सामने नहीं आया है. इसको लेकर विपक्ष की तरफ से पिछले कई दिनों आरोप लगाए जा रहे हैं. यहां तक शिवसेना नेता संजय राउत ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हेबियस कॉर्पस याचिका लगाने की बात कही थी. इसके बाद भी अब तक न तो धनखड़ सामने आए हैं और न ही उनका बयान सामने आया है. अब इस मामले पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को सवाल खड़ा किया है.

बुधवार को संसद में INDIA गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान राहुल गांधी ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक गायब और खामोश हो जाने पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि क्या वे एक शब्द भी नहीं बोल सकते?

राहुल ने कहा, जिस दिन उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया, वेणुगोपाल जी ने मुझे फोन कर बताया कि उपराष्ट्रपति चले गए हैं. उनके इस्तीफे के पीछे एक बड़ी कहानी है, जिसे कुछ लोग जानते होंगे और कुछ नहीं. सवाल यह है कि वे क्यों छिपे हुए हैं? भारत के उपराष्ट्रपति ऐसी स्थिति में क्यों हैं कि वह एक शब्द भी नहीं बोल सकते? जो राज्यसभा में खुलकर बोलते थे, वह आज पूरी तरह से चुप क्यों हैं. यही वह समय है जिसमें हम रह रहे हैं.

हम मध्यकाल में जी रहे- राहुल
20 अगस्त को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और लगातार 30 दिन हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के प्रावधान वाले बिल पेश किया गया. इसको लेकर विपक्ष की तरफ से जमकर हंगामा हुआ.

राहुल गांधी ने इस बिल को लेकर कहा कि हम इस समय मध्यकाल में जी रहे हैं. उस सयम राजा अपनी इच्छा से किसी को हटा देता था. लोकतांत्रिक रूप से चुने गए व्यक्ति का कोई मोल नहीं है. अगर आपका चेहरा पसंद नहीं, तो ईडी को केस दर्ज करने का आदेश दे दिया जाता है और 30 दिनों में चुना हुआ नेता खत्म. उन्होंने कहा कि देश को मध्ययुगीन काल में वापस धकेला जा रहा है, जब राजा किसी को भी गिरफ्तार करवा देते थे, जो उन्हें पसंद नहीं होता था.

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