राज ठाकरे ने सरदार पटेल और मोरारजी देसाई का किया अपमान, बताया ‘एंटी-मराठी’
राज ठाकरे का विवादित बयान... सरदार पटेल और मोरारजी देसाई का किया अपमान... पटेल और मोरारजी को बताया एंटी-मराठी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल……. और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को लेकर दिए गए…… विवादित बयान के बाद गुजरात की राजनीति में घमासान मच गया है……. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और पाटीदार समुदाय के प्रमुख नेताओं ने इस बयान की कड़ी निंदा की है…….. ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने…… और गुजरात में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है……. बता दें कि हाल ही में ठाकरे ने ठाणे में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि जब बिहार के प्रवासियों को गुजरात से भगाया गया था……. तब यह कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बना…… और उन्होंने सरदार पटेल और मोरारजी देसाई को “एंटी-मराठी” बताया……. जिससे गुजरात के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नाराजगी फैल गई……
आपको बता दें कि पूरा मामला मीरा-भायंदर में आयोजित एक जनसभा से शुरू हुआ……. इस सभा में राज ठाकरे ने मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा का मुद्दा उठाया…….. और उन्होंने कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की मांग कुछ गुजराती व्यापारियों…….. और नेताओं ने की थी…….. ठाकरे ने दावा किया कि आचार्य अत्रे की किताब पढ़ते समय उन्हें पता चला कि मुंबई को महाराष्ट्र में शामिल न करने की बात सबसे पहले सरदार वल्लभभाई पटेल ने कही थी…….. और उन्होंने कहा कि हम जिन्हें लौह पुरुष मानते थे……. उन्होंने कहा था कि मुंबई महाराष्ट्र को नहीं दी जाएगी……. इसके साथ ही ठाकरे ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई पर भी मराठी विरोधी होने का आरोप लगाया…….
राज ठाकरे के इस बयान ने तुरंत विवाद को जन्म दिया……. खास तौर पर गुजरात में……… जहां सरदार पटेल को ‘लौह पुरुष’ के रूप में सम्मान दिया जाता है…….. इस बयान ने लोगों की भावनाओं को आहत किया……. गुजरात में पाटीदार समुदाय और कई राजनीतिक दलों ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की……
राज ठाकरे का यह बयान मराठी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के उनके पुराने आंदोलन का हिस्सा है……. पिछले कुछ समय से मनसे कार्यकर्ता महाराष्ट्र में मराठी भाषा के उपयोग को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं……. और उन्होंने दावा किया है कि महाराष्ट्र में रहने वाले सभी लोगों को मराठी सीखनी और बोलनी चाहिए…….. इस दौरान कई घटनाएं सामने आईं…….. जहां मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने वाले दुकानदारों…… और लोगों के साथ मारपीट की…….
बता दें कि मुंबई के वर्ली में आयोजित एक रैली में राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था…… कि अगर कोई गलत भाषा में बात करेगा…….. तो उसे एक मिनट में चुप करा देंगे……. लेकिन ऐसे में वीडियो न बनाएं…… इस बयान को हिंसा को बढ़ावा देने वाला माना गया……… इसके बाद, बॉम्बे हाई कोर्ट के तीन वकीलों ने महाराष्ट्र के डीजीपी को पत्र लिखकर राज ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज करने……. और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की…….
वहीं राज ठाकरे के सरदार पटेल और मोरारजी देसाई पर बयान के बाद गुजरात में आक्रोश फैल गया……. सरदार पटेल को भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक माना जाता है…….. उनकी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ गुजरात में गर्व का विषय है…….. ठाकरे के बयान को गुजरात के पाटीदार समुदाय ने अपमानजनक माना…….. पाटीदार नेता लालजी पटेल सरदार पटेल ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं…… उन्होंने कहा कि राज ठाकरे ने सरदार पटेल का अपमान किया है……. हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं…….
गुजरात कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि गुजरात की धरती पर कोई भी सरदार पटेल का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा…….. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने भी ठाकरे के बयान की निंदा की…… और उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की……… कुछ पाटीदार नेताओं ने तो राज ठाकरे के गुजरात में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग तक उठाई।……
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने राज ठाकरे के बयान की कड़ी निंदा की है……. कांग्रेस ने इसे संविधान विरोधी और सामाजिक एकता के खिलाफ बताया…… पार्टी ने कहा कि सरदार पटेल….. और मोरारजी देसाई जैसे नेताओं का अपमान न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है……. आप ने भी ठाकरे के बयान को “गुजराती अस्मिता” के खिलाफ बताया…… और मांग की कि उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।…….
राज ठाकरे के बयानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है……. बॉम्बे हाई कोर्ट के तीन वकीलों पंकज कुमार मिश्रा, नित्यानंद शर्मा और आशीष राय ने महाराष्ट्र के डीजीपी को पत्र लिखकर ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की……. और उन्होंने कहा कि ठाकरे के बयान संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन करते हैं…… जैसे कि अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), अनुच्छेद 19 (विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता)…… और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार)…….
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में वकील घनश्याम उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर की है…….. जिसमें ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है……… याचिका में कहा गया है कि ठाकरे ने मराठी भाषा के नाम पर गैर-मराठी लोगों के खिलाफ हिंसा को उचित ठहराया है……. जो देश की एकता के लिए खतरा है…… मराठी बनाम हिंदी का यह विवाद कोई नया नहीं है……. महाराष्ट्र में लंबे समय से भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता को लेकर तनाव रहा है…….. राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार हिंदी को “थोपने” की कोशिश कर रही है…… और उन्होंने कहा कि हिंदी केवल 200 साल पुरानी है……. जबकि मराठी का इतिहास 2500-3000 साल पुराना है…….
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने की योजना बनाई थी…….. जिसका मनसे और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने कड़ा विरोध किया…….. इसके बाद सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा……. 5 जुलाई को मुंबई में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक संयुक्त रैली में इस फैसले को अपनी जीत बताया……. इस रैली में दोनों नेताओं ने मराठी अस्मिता की बात की…….. लेकिन उनके बयानों को हिंसा को बढ़ावा देने वाला माना गया…….
राज ठाकरे शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे के भतीजे और उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं…….. 2006 में शिवसेना से अलग होने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना की……. शुरुआत में मनसे को कुछ सफलता मिली……. जैसे कि 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीतना…….. लेकिन 2014, 2019 और 2024 के चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन लगातार खराब रहा……… 2024 में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को माहिम सीट से हार का सामना करना पड़ा……
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है…… और उन्होंने कहा कि मराठी भाषा का समर्थन करना गलत नहीं है……. लेकिन कानून को हाथ में लेना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा……. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी ठाकरे के बयानों की निंदा की…… और कहा कि लोगों को मराठी बोलने के लिए मजबूर करना गलत है…… यह दादागिरी को बढ़ावा देता है…… वहीं विपक्षी दलों ने भी इस मामले को भुनाने की कोशिश की है…….. कांग्रेस ने ठाकरे के बयानों को “संविधान विरोधी” बताया……. जबकि आप ने इसे “गुजराती अस्मिता” के खिलाफ करार दिया…….
वहीं इस विवाद ने महाराष्ट्र और गुजरात के बीच तनाव को बढ़ा दिया है…… कुछ लोगों का मानना है कि राज ठाकरे का यह बयान आगामी बीएमसी……. और विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी को फायदा पहुंचाने की रणनीति हो सकती है……. लेकिन दूसरी ओर उनके इस बयान ने गुजरात में पाटीदार समुदाय…… और अन्य संगठनों को एकजुट कर दिया है…… जो उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं…….



