फिर रुका राज–उद्धव ठाकरे मिलन! आखिर अब कहां फंस गया पेच ?

राजनीति में ठाकरे भाइयों की संभावित एकजुटता पर एक बार फिर ब्रेक लग गया है... महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों BMC चुनाव को लेकर काफी हलचल मची हुई है.. मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है.. उसकी नगर निगम चुनाव हमेशा से ही राज्य.. और राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण रहे हैं.. वहीं इस बार चुनाव जनवरी 2026 में होने वाले हैं.. लेकिन बीएमसी चुनाव की तैयारी अभी से शुरू हो गई है.. खासतौर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT).. और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच गठबंधन की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं.. सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा अंतिम दौर में है.. लेकिन आधिकारिक घोषणा में थोड़ी देरी हो रही है.. आपको बता दें कि पहले यह ऐलान 23 दिसंबर 2025 को होने वाला था.. लेकिन अब इसे 24 दिसंबर तक टाल दिया गया है.. वहीं MNS की ओर से यह रुख अपनाया जा रहा है कि.. जब तक सीट शेयरिंग पूरी तरह से तय नहीं हो जाती.. तब तक कोई औपचारिक घोषणा न की जाए.. वहीं यह खबर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.. क्योंकि ठाकरे परिवार की एकजुटता मुंबई की राजनीति को नया मोड़ दे सकती है..

आपको बता दें कि ठाकरे बंधुओं को एक साथ आने की खबरें कई महीनों से सामने आ रही है.. कई बार दोनों भाई एक साथ मंच भी साझा कर चुके हैं.. बीते दिनों खबर निकलकर सामने आई थी की ठाकरे ब्रदर बहुत जल्द साथ आने वाले हैं.. और बीएमसी चुनाव में साथ मिलकर ताल ठोकेंगे.. लेकिन एक बार फिर से गठबंधन टल गया है.. और दोनों भाईयों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कहीं पेंच फंस गया है.. जिसके चलते अभी मिलन नहीं हो पाया है.. जिसको लेकर शिवसेना यूबीटी नेताओं का कहना है कि ठाकरे बंधुओं में सब कुछ ठीक है.. और बहुत जल्द दोनों भाई साथ में नजर आएंगे.. और बीएमसी चुनाव साथ में लड़ेगें…

जानकारी के मुताबिक BMC चुनाव मुंबई की 227 वार्डों के लिए होते हैं.. और यह नगर निगम दुनिया के सबसे अमीर नगर निकायों में से एक है.. इसका बजट हजारों करोड़ रुपये का होता है.. जो शहर की सड़कें, पानी, सफाई, स्वास्थ्य.. और विकास कार्यों पर खर्च होता है.. पिछले चुनावों में शिवसेना ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था.. लेकिन 2022 में पार्टी में फूट पड़ने के बाद स्थिति बदल गई.. उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) अब विपक्ष में है.. जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना सत्ताधारी महायुति गठबंधन का हिस्सा है.. राज ठाकरे की MNS मुख्य रूप से मराठी अस्मिता पर जोर देती है.. और मुंबई में उसका एक मजबूत वोट बैंक है.. खासकर मराठी भाषी इलाकों में सबसे ज्यादा वोट है.. वहीं दोनों पार्टियों के गठबंधन से विपक्षी खेमे को मजबूती मिल सकती है.. लेकिन सीट बंटवारे पर मतभेद के कारण घोषणा टल रही है…

बता दें कि ठाकरे परिवार महाराष्ट्र की राजनीति का एक बड़ा नाम है.. बाल ठाकरे ने 1966 में शिवसेना की स्थापना की थी.. जो शुरू में मराठी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ती थी.. उद्धव ठाकरे उनके पुत्र हैं.. जबकि राज ठाकरे उनके भतीजे है.. 2006 में राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर MNS बनाई.. क्योंकि उन्हें लगता था कि पार्टी में उनका सही सम्मान नहीं हो रहा है.. तब से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक दुश्मनी रही है.. लेकिन हाल के वर्षों में 2019 के बाद.. जब उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस.. और NCP के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई.. तो राज ठाकरे ने भी अपनी रणनीति बदली.. 2024 के लोकसभा चुनावों में MNS ने BJP का समर्थन किया.. लेकिन अब BMC चुनाव में वे उद्धव के साथ आ रहे हैं.. वहीं यह बदलाव इसलिए संभव हुआ.. क्योंकि दोनों पार्टियां मुंबई में मराठी वोटर्स को एकजुट करना चाहती हैं..

जानकारी के अनुसार गठबंधन की चर्चा पिछले कुछ महीनों से चल रही थी.. दिसंबर 2025 की शुरुआत में शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने MNS प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की.. इसके बाद MNS के नेता बाल नंदगांवकर उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ पहुंचे.. इन बैठकों में सीट बंटवारे पर विस्तार से बात हुई.. शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया कि शिवसेना (UBT) को 145 से 150 सीटें मिल सकती हैं.. जबकि MNS को 65-70 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.. आपको बता दें कि शरद पवार की NCP (SP) को भी 10-12 सीटें देने की योजना थी.. लेकिन अब नए अपडेट्स में आंकड़े बदल गए हैं.. इंडिया टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना (UBT) को 125 सीटें.. और MNS को 90 सीटें मिलने की संभावना है.. वहीं यह बदलाव इसलिए आया क्योंकि कुछ इलाकों में मतभेद थे.. जिसमें घाटकोपर, कांदिवली, बोरिवली और मुलुंड जैसे गैर-मराठी बहुल क्षेत्र शामिल हैं.. इन इलाकों में MNS ज्यादा सीटें मांग रही है.. क्योंकि वहां उनका प्रभाव है..

वहीं पहले खबरें आईं कि 23 दिसंबर को ठाकरे भाई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का ऐलान करेंगे.. लेकिन MNS ने ब्रेक लगा दिया.. पार्टी के कार्यकर्ता उत्सुक हैं.. लेकिन नेतृत्व का कहना है कि सीट शेयरिंग पूरी तरह से तय होने तक इंतजार करें.. सूत्रों का कहना है कि कुछ सीटों पर अभी भी बातचीत चल रही है.. जहां मतभेद हैं, उन्हें सुलझाने की कोशिश हो रही है.. मुंबई के उत्तरी इलाकों में MNS को ज्यादा सीटें चाहिए.. जबकि शिवसेना (UBT) अपने पारंपरिक गढ़ों को नहीं छोड़ना चाहती है.. अगर ये मुद्दे न सुलझे, तो गठबंधन पर असर पड़ सकता है..

इस देरी से विपक्षी गठबंधन में तनाव बढ़ गया है.. MVA (महा विकास अघाड़ी) में पहले से ही फूट पड़ चुकी है.. कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि वह BMC चुनाव अकेले लड़ेगी.. हाल के लोकल बॉडी चुनावों में हार के बाद शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की.. लेकिन सफल नहीं हुई.. कांग्रेस का कहना है कि मुंबई में उनका अपना वोट बैंक है.. और वे अकेले मैदान में उतरकर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.. इससे MVA कमजोर हो गया है.. और अब शिवसेना (UBT) को MNS पर ज्यादा निर्भर होना पड़ रहा है..

दूसरी तरफ, सत्ताधारी महायुति गठबंधन (BJP, शिंदे शिवसेना और अजित पवार NCP) ने पहले ही अपनी तैयारी पूरी कर ली है.. सूत्रों के मुताबिक, BJP को 155 सीटें.. शिंदे शिवसेना को 60 और अन्य को 12 सीटें मिलेंगी.. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच बैठक में यह फैसला हुआ है.. महायुति ने साफ कहा है कि कोई फ्रेंडली फाइट नहीं होगी.. और पार्टियां एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को नहीं लेंगी.. BJP मुंबई में बड़ा भाई बनकर उभर रही है.. जबकि शिंदे सेना ठाणे में मजबूत रहेगी..

आपको बता दें कि BMC चुनाव 15 जनवरी 2026 को होंगे.. और काउंटिंग 16 जनवरी को होगी.. महायुति को लगता है कि वे आसानी से जीतेंगे.. क्योंकि हाल के चुनावों में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है.. उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा कि मुंबई का वातावरण प्रदूषित हो रहा है.. और विकास की योजना शून्य है.. और उन्होंने महायुति पर पैसे बांटने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.. लेकिन महायुति का फोकस विकास कार्यों पर है..

 

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