इंदिरा गांधी के अपमान पर आगबबूला हुआ राजस्थान

  • भाजपा मंत्री के पूर्व पीएम को दादी कहे जाने पर मचा बवाल
  • कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
  • गहलोत बोले- विपक्ष की आवाज दबाने का तरीका अपना रही बीजेपी
  • भाजपा बोली- हिन्दू समाज में तो दादी एक सम्मानजनक शब्द
  • पूरे प्रदेश में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान में दादी शब्द को लेकर कोहराम मच गया है। दरअसल विधानसभा में मंत्री अविनाश गहलोत के द्वारा इंदिरा गांधी को दादी कहे जाने का मामला बढ़ता जा रहा है। मामला इतना बढ़ा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में तो उठाया ही इसको लेकर अब वह भाजपा सरकार के खिलाफ पूरे राज्य में जमकर प्रदर्शन करेगी।
इससे पहले कांग्रेस की तरफ से इसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अपमान बताते हुए जमकर बवाल किया गया और वेल में आकर नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद 6 कांग्रेस विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया। इसे लेकर कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करने की बात कर रही है।राजस्थान कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा गया है, बीजेपी सरकार के मंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अपमान और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत 6 विधायकों के निलंबन के खिलाफ 22 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

ये है पूरा मामला

दरअसल ये पूरा हंगामा राजस्थान विधानसभा में भाजपा के तरफ से दिए गए एक बयान पर हुआ है। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ‘दादीÓ कह दिया। प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, ”2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादीÓ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था। स्पीकर की ओर से कांग्रेस के 6 विधायकों के निलंबन के बाद कांग्रेस आक्रामक रुप अपना सकती है। अब निलंबित विधायक रात से सदन के वेल में ही धरना दे रहे हैं। देखना ये है कि कांग्रेस के हंगाने के बाद इस सत्र के लिए विधायकों के निलंबन का फैसला वापस लिया जाएगा या नहीं।

छह कांग्रेस विधायक बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित

राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित कर दिया है। हंगामे के चलते तीन बार स्थगित होने के बाद शाम चार बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई। इसमें सत्ता पक्ष की तरफ से मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित मान लिया गया। इनमें कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन गेसावत, संजय जाटव, गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी और हाकम अली खान को शेष बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।

कोई अपमान नही किया : राधा मोहन

वहीं, जयपुर बीजेपी प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल का कहना है कि इंदिरा गांधी की शादी तो पारसी समाज में हुई थी। हमने कोई अपमान नहीं किया है। भाजपा नेता ने कहा हम पता करेंगे पारसी में क्या कहा जाता है, हम वही इंदिरा गांधी के लिए कहवा देंगे, हिन्दू समाज में तो दादी एक सम्मानजनक शब्द है।

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे : टीकाराम जूली

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हमारे तरफ से ऐसा कोई प्रतिरोध है नहीं, ये तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली स्थिती हो गई है। पहले तो बीजेपी के तरफ से इंदिरा गांधी के खिलाफ टिप्पणी की गई और उनके शब्दों को नहीं हटाया गया। पहली बार तो नहीं हुआ कि विधायक सदन के वेल में जा कर प्रदर्शन कर रहे हो। अब विधायक अगर अध्यक्ष के पास शिकायत करने नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे।

लोस-रास की तरह विस चलाना चाहती है बीजेपी: गहलोत

राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के निलंबन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा की तरह अब विधानसभा में भी विपक्ष की आवाज दबाने का तरीका अपनाया है। गहलोत ने कहा, पहले भाजपा सरकार के एक मंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी की गई और जब कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया, तो उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया। यह दर्शाता है कि सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए विपक्ष को दबाने में जुटी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि प्रश्नकाल के दौरान मंत्री को अपने जवाब के अलावा इस तरह की टिप्पणी करने की क्या आवश्यकता थी। गहलोत ने कहा कि देश के लिए जान देने वाली नेता पर की गई अपमानजनक टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। गहलोत ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से तमाशा बन गई है और उसके पास पिछले एक साल में गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए सत्र में नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होने दे रही है और अब दलित, पिछड़े, आदिवासी एवं अल्पसंख्यक वर्ग के विधायकों को भी निलंबित किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि कहीं यह बजट पर चर्चा से ध्यान भटकाने की कोशिश तो नहीं है। इस घटनाक्रम के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल मची हुई है और कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार पर हमलावर है।

सदन की गरिमा बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी : जवाहरसिंह बेढ़म

गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान विधानसभा में हुई घटना को लेकर विपक्ष को आत्मचिंतन करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी हैं और उनकी बात न मानते हुए सदन की परंपराओं को तार-तार करने वाली घटनाएं दुखद हैं। मंत्री बेढ़म ने कहा- मैं आहत हूं। सदन को सुचारू रूप से चलाना सभी की जिम्मेदारी है। कल सदन में की गई हरकत को लेकर विपक्ष को स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने गलत किया है और सभी को मिलकर सदन को चलाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि वे विपक्ष के नेताओं से मिलने कल रात गए थे लेकिन जो घटना घटी, उसने उन्हें आहत किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखना सभी दलों की जिम्मेदारी है और विपक्ष को आत्ममंथन कर भविष्य में सदन की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाने में सहयोग देना चाहिए।

Related Articles

Back to top button