राज ठाकरे पर भड़के राजीव राय, कहा- देश किसी के बाप की जागीर नहीं!
महाराष्ट्र में इन दिनों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए हिंदी विरोधी मुहिम को हवा दे रहे हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में हाल के दिनों में हिंदी और मराठी भाषा को लेकर एक भयंकर विवाद छिड़ा हुआ है……. इस विवाद ने न केवल सामाजिक बल्कि राजनीतिक माहौल को भी गरमा दिया है…… समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के घोसी से सांसद राजीव राय ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे पर तीखा हमला बोला है……. और उन्होंने हिंदी भाषियों के खिलाफ कथित बयानबाजी……. और गुंडागर्दी को लेकर कड़ा ऐतराज जताया है……. राजीव राय ने अपने बयान में कहा कि देश का कोई हिस्सा केवल भाषा के आधार पर किसी का निजी नहीं हो सकता…….. सपा सांसद के इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है…….
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता….. और भाषा को लेकर समय-समय पर विवाद उठते रहे हैं…….. यह विवाद विशेष रूप से तब और तेज हो जाता है…….. जब मराठी भाषा और संस्कृति को गैर-मराठी लोगों……. खासकर हिंदी भाषियों से खतरे की बात की जाती है……… इस बार विवाद का केंद्र महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई……. शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे हैं……. दोनों नेताओं ने हाल ही में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक मंच साझा किया…… जो लगभग दो दशकों बाद उनकी एकजुटता का प्रतीक था…….
वहीं यह विवाद तब और भड़क गया जब मनसे के कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर एक फूड स्टॉल मालिक की पिटाई कर दी……. क्योंकि वह मराठी नहीं बोल रहा था…… इस घटना ने हिंदी भाषी समुदाय को नाराज कर दिया…… और सामाजिक और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं……. समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की……. और राज ठाकरे को कायरता का प्रतीक बताते हुए कड़ा हमला बोला…….
बता दें कि राजीव राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लंबा पोस्ट लिखा……. जिसमें उन्होंने राज ठाकरे को सीधे निशाना बनाया……. उनका यह बयान न केवल हिंदी भाषियों के प्रति कथित हिंसा……. और बयानबाजी के खिलाफ था……. बल्कि यह भी एक चेतावनी थी कि ऐसी गुंडागर्दी का इलाज हो सकता है…… राजीव राय ने राज ठाकरे से सवाल किया कि आखिर क्यों उनकी राजनीतिक ताकत महाराष्ट्र में मजबूत नहीं हो पाई……. और उन्होंने इसे उनकी कायरता से जोड़ा…… जिसमें गरीब हिंदी भाषियों को निशाना बनाकर मीडिया का ध्यान खींचने की कोशिश की जा रही है……
राजीव राय ने राज ठाकरे के परिवार की हिंदी फिल्म उद्योग से हुई कमाई का जिक्र किया…… और उन्होंने कहा कि जिस हिंदी सिनेमा ने बॉलीवुड को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई……. और ठाकरे परिवार को अरबों की कमाई दी……. उसके खिलाफ राज ठाकरे कभी नहीं बोलते…… और उन्होंने चुनौती दी कि अगर उनमें दम है…… तो हिंदी फिल्म उद्योग को मुंबई से बाहर करें…… राजीव राय ने जोर देकर कहा कि भारत का कोई हिस्सा केवल भाषा के आधार पर किसी का निजी नहीं हो सकता…… और उन्होंने कहा कि जैसे मराठी लोगों का पूरे देश में सम्मान और अधिकार है…… वैसे ही हिंदी भाषी लोगों का भी महाराष्ट्र में समान अधिकार है……..
और उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को पूरे देश का नायक बताया…… राजीव राय ने सख्त लहजे में कहा कि गुंडागर्दी का इलाज हो सकता है…… और वह ठीक से हो सकता है….. और उन्होंने राज ठाकरे को आत्मचिंतन करने की सलाह दी….. और कहा कि भारत की पहचान “अतिथि देवो भव:” की भावना से है…… न कि हिंसा और गुंडागर्दी से…… राजीव राय ने बॉलीवुड के सितारों की चुप्पी पर भी दुख जताया…… और उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा, जो महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था…… और मराठी परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है…… उसके खिलाफ होने वाली बयानबाजी पर बॉलीवुड को बोलना चाहिए…….
राज ठाकरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संस्थापक और प्रमुख हैं……. लंबे समय से मराठी अस्मिता और मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं……. उनकी राजनीति का मुख्य आधार मराठी मानुष और उनकी संस्कृति की रक्षा रहा है……. हालांकि उनकी यह विचारधारा कई बार हिंदी भाषी समुदाय के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी…… और कथित हिंसा के रूप में सामने आई है……. हाल ही में राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए सुर्खियां बटोरीं कि पीटो, लेकिन इसका वीडियो मत बनाओ……. वहीं इस बयान को हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने के रूप में देखा गया……. इसके बाद ठाणे के भयंदर में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा एक फूड स्टॉल मालिक की पिटाई की घटना ने इस विवाद को और हवा दी…….
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख हैं…….. और राज ठाकरे हाल ही में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक मंच पर आए……. यह घटना 5 जुलाई 2025 को हुई……. जब दोनों ने महाराष्ट्र सरकार की त्रिभाषा नीति को रद्द करने की जीत का जश्न मनाया……… इस नीति के तहत स्कूलों में हिंदी और अन्य भाषाओं को अनिवार्य करने की योजना थी……. जिसे मराठी अस्मिता के लिए खतरा माना गया…… हालांकि उद्धव ठाकरे ने बाद में यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि उनकी पार्टी हिंदी के खिलाफ नहीं है…… यह बयान संभवतः हिंदी भाषी मतदाताओं को नाराज करने से बचने की रणनीति थी……. क्योंकि मुंबई और इसके आसपास के क्षेत्रों में हिंदी भाषी समुदाय की आबादी काफी बड़ी है…….
महाराष्ट्र के मुंबई में हिंदी भाषी समुदाय की आबादी काफी बड़ी है…… जानकारी के अनुसार मुंबई और इसके उपनगरीय क्षेत्रों में लगभग 35 लाख हिंदी भाषी लोग रहते हैं……. ये लोग न केवल आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं……. बल्कि राजनीतिक रूप से भी प्रभावशाली हैं……. पिछले विधानसभा चुनावों में लगभग हर राजनीतिक दल ने हिंदी भाषी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था…….. जिससे इस समुदाय की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है…… हिंदी सिनेमा जिसे बॉलीवुड के नाम से जाना जाता है……. मुंबई की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है……. यह उद्योग न केवल हिंदी भाषी लोगों के लिए रोजगार का स्रोत है…… बल्कि हजारों मराठी परिवारों को भी आर्थिक सहारा प्रदान करता है……
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन जिसमें भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी शामिल हैं…… उसने त्रिभाषा नीति को वापस लेने का फैसला किया…….. वहीं यह फैसला राज और उद्धव ठाकरे की रैली के बाद लिया गया……. जिसे मराठी अस्मिता की जीत के रूप में पेश किया गया……. हालांकि इस नीति के यू-टर्न ने हिंदी भाषी समुदाय में असंतोष को जन्म दिया…….. वहीं यह विवाद केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है……. भारत की पहचान उसकी अनेकता में एकता की भावना में शामिल है……. भाषा के आधार पर लोगों को निशाना बनाना इस भावना के खिलाफ है……. राजीव राय ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया कि मराठी भाषा संस्कार की भाषा है…… न कि गुंडागर्दी की…….
आपको बता दें कि मराठी और हिंदी दोनों ही भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं……. मराठी साहित्य, कला और संस्कृति का देश में विशेष स्थान है……… और हिंदी भी एक ऐसी भाषा है जो भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती है……. दोनों भाषाओं के बीच टकराव की बजाय सहयोग और सम्मान की जरूरत है……
महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद ने एक बार फिर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पहचान के बीच टकराव को उजागर किया है……. समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय का राज ठाकरे पर तीखा हमला इस विवाद को और गहरा सकता है……. उनका बयान न केवल हिंदी भाषी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की मांग करता है……. बल्कि यह भी याद दिलाता है कि भारत की ताकत उसकी विविधता और एकता में है……



