भारत आतंकवाद का सफाया करेगा: राजनाथ
- बोले- हर सैनिक परिवार के सदस्य के समान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनंगर। जम्मू पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्षेत्र में आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद वहां की जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के लिए राजौरी का दौरा किया, जिसमें दो कैप्टन सहित चार सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। आतंकी हमले के बाद इलाके में तीन नागरिकों की भी मौत हो गई। राजौरी में सेना के जवानों से बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए और आतंकवाद को खत्म करने के लिए इसी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढऩे की जरूरत है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे लिए हर सैनिक बेहद महत्वपूर्ण है, हमारा हर एक सैनिक परिवार के सदस्य के समान है।
आपके ऊपर कोई नजऱ डाले यह हमें कतई बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसी दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके लिए शासन की तरफ से जिस भी सहयोग की आवश्यकता होगी उसके लिए सरकार का खज़ाना खुला हुआ है। उन्होंने कहा कि हम युद्ध भी जीतेंगे और आतंकवाद का भी सफाया करेंगे। हम सभी नागरिकों का दिल जीतना सुनिश्चित करेंगे। आप सभी के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और इसके लिए हम सदैव आपके आभारी रहेंगे। इससे पहले दिन में सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे जम्मू पहुंचे। पिछले सप्ताह गुरुवार को राजौरी सेक्टर में थानंडी के पास भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें तीन अन्य कर्मी भी घायल हो गए थे।
मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर पर लगा बैन, यूएपीए के तहत लिया गया एक्शन
नई दिल्ली। केंद्र ने जेल में बंद अलगाववादी नेता मसर्रत आलम भट के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर को गैरकानूनी संघ घोषित किया और यूएपीए के तहत 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं। गृह मंत्री ने आगे लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। संगठन का नेतृत्व ऑल इंडिया हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के अंतरिम अध्यक्ष मसर्रत आलम द्वारा किया जाता है, जिसका नेतृत्व पहले अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी करते थे। वह लगभग 13 वर्षों से हिरासत में हैं। आलम ने 2010 में विरोध प्रदर्शन के कैलेंडर जारी किए थे और बाद में लंबे समय तक पीछा करने के बाद उन्हें पीएसए (जम्मू और कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम) के तहत हिरासत में लिया गया था।
रक्षामंत्री से कोई उम्मीद नहीं : फारूक अब्दुल्ला
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कुलगाम में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जम्मू दौरे से उन्हें किसी तरह की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि यह आशा जरूर है कि पुंछ में तीन नागरिकों की मौत क्यों और कैसे हुई इन सवालों की पड़ताल होगी और भविष्य में इस तरह नागरिक नहीं मारे जाएंगे। सांसद ने राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल काफ्रेंस ने पहले भी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन किया था। भारत न्याय यात्रा का भी उनकी पार्टी समर्थन करती है। नेका अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी भारत को जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। देशवासियों के बीच नफरत को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। देश में एकजुटता के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने राहुल गांधी को मुबारकबाद दी। साथ ही उन्होंने गाजा को कश्मीर बनने के खरते और भारत-पाक के बीच वार्ता करने के बयान का फिर समर्थन किया। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर भविष्य में जंग हुई तो उसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ेगा। अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत नहीं करते हैं तो कश्मीर में गाजा जैसी स्थिति हो सकती है। कश्मीर में एक तरफ पाकिस्तान है और दूसरी तरफ चीन। अगर युद्ध हुआ तो कश्मीर के लोग प्रभावित होंगे। उन्होंने फिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बात दोहराई कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन अपने पड़ोसी नहीं।