Ram Rahim : जेल से बाहर आए राम रहीम, इतने दिन की मिली फरलो..

राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है। रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है। रोहतक की सुनारिया जेल से गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम सीधे सिरसा के लिए रवाना हो गया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है। रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है। रोहतक की सुनारिया जेल से गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम सीधे सिरसा के लिए रवाना हो गया है। हरियाणा में सौदा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम सिंह 13वीं बार जेल से बाहर आए हैं। इस बार उन्हें 21 दिन की फरलो मिल गई है। जेल से बाहर आते ही राम रहीम ने अपने डेरा की ओर रुख किया। राम रहीम इससे पहले दिल्ली चुनाव के दौरान भी फरलो पर बाहर आए थे। उनके बार-बार फरलो पर आने से राजनीति में भी हलचल मची हुई है। और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका क्या असर पड़ता है।

हरियाणा के रोहतक स्थित सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को एक बार फिर से हरियाणा सरकार द्वारा 21 दिन की फरलो दी गई है। राम रहीम, जो रेप और हत्या के मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहा है, आज जेल से बाहर आया। इस बार, राम रहीम को फरलो मिलने के बाद सिरसा के अपने डेरा में ही रहने की अनुमति दी गई है। उसे जेल से निकलने के दौरान सुरक्षा प्रदान की गई थी, और वह पुलिस सुरक्षा के बीच अपने डेरा की ओर रवाना हुआ। यह फरलो राम रहीम के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, और इसके साथ ही राज्य सरकार की इस फैसले पर कई सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह है कि यह फरलो राम रहीम के लिए कैसे परिणाम लेकर आता है।

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, जिसे 2017 में दो शिष्यों के साथ रेप के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी, 13वीं बार फरलो पर बाहर आया है। राम रहीम को जेल से बाहर लाने के लिए हनीप्रीत और डेरा की गाड़ियों का काफिला सिरसा में पहुंचा। इससे पहले राम रहीम दिल्ली चुनाव से पहले 30 दिन की फरलो पर बाहर आया था। हाल ही में, फरवरी महीने में, सुप्रीम कोर्ट ने डेरा प्रमुख की अस्थायी रिहाई के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। राम रहीम की रिहाई और फरलो के मुद्दे पर जनहित में गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है, और इसे लेकर कई सामाजिक संगठनों ने अपनी आवाज उठाई है।

क्या होता है फरलो

फरलो (Furlough) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जिसके तहत जेल में सजा काट रहे कैदियों को कुछ समय के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति दी जाती है। यह कैदियों के लिए एक विशेष अवसर होता है, लेकिन यह उनका अधिकार नहीं है। फरलो के तहत जेल से बाहर जाने के लिए कुछ शर्तें लागू की गई हैं। फरलो का मुख्य उद्देश्य कैदियों को जेल की कठोर जिंदगी से कुछ समय के लिए दूर रखना और उन्हें अपने परिवार तथा समाज के साथ संबंध बनाए रखने का अवसर प्रदान करना है। यह व्यवस्था उनके मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक पुनर्वास के लिए आवश्यक मानी जाती है।

आपको बता दें,कि  यह ध्यान रखना आवश्यक है कि उन कैदियों को फरलो नहीं दिया जाता है जिनके बाहर आने से सुरक्षा या अपराध की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। फरलो का निर्णय कैदी के आचरण और जेल अधीक्षक की राय पर आधारित होता है। जब कोई कैदी दोषसिद्धि के बाद कम से कम तीन वर्ष की सजा काट चुका होता है, तब उसे फरलो पर बाहर आने की अनुमति दी जा सकती है।
यह प्रणाली कैदियों के बीच सुधार को बढ़ावा देने और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने में सहायक सिद्ध होती है।

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