कांग्रेस की बदली चाल क्षेत्रीय दल निढाल

- केजरीवाल के बाद ममता का खेल बिगाड़ेगी कांग्रेस
- पश्चिम बंगाल में उठापटक जारी
- बिहार में पशुपति, तेजस्वी और राहुल की तिकड़ी में उड़ जाएंगे नीतीश कुमार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक चाल बदल ली है और अब वह पहले से ज्यादा आक्रामक राजनीति पर उतर आई हैं। कांग्रेस दिल्ली चुनाव से पहले तक क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर राजनीति कर रही थी। जिसका फायदा क्षेत्रीय दलों को तो हो रहा था लेकिन कांग्रेस को नहीं। दिल्ली चुनाव से कांग्रेस ने चाल बदल दी है और अब वह क्षेत्रीय दलों के साथ मोल-भाव के मूड में नहीं दिखाई दे रही।
सत्ता में क्षेत्रीय दल रहे या फिर बीजेपी इससे कांग्रेस की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। अब उसने क्षेत्रीय दलों के साथ बीजेपी से आर-पार की रणनीति बनाई है। दिल्ली के बाद कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल और बिहार में पत्ते मथना शुरू कर दिये हैं जिसके सकारात्मक परिणाम उसके पक्ष में आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में प्रणव मुखर्जी के बेटे ने कांग्रेस में वापसी की है वहीं पशुपति पारस भी कांग्रेस-राजद के साथ आ सकते हैं। पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अकेले चुनाव लडऩे का एलान किया उसी प्रकार ममता बनर्जी भी बंगाल में अकेले चुनाव लडऩे का एलान कर चुकी है। ऐसे में कांग्रेस ने बड़ा दांव चलते हुए रूठो का मानने की मुहिम शुरू कर दी। जिसके परिणाम सकारात्मक अये और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने टीएमसी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। अभिजीत मुखर्जी 2012 और 2014 में जंगीपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस ज्वाइन करने के फौरन बाद उन्होंने कहा कि कि तृणमूल में जाना उनके लिए एक गैर-राजनीतिक फैसला था और कांग्रेस छोड़कर उन्होंने गलती की थी। उन्होंने स्वीकार किया कि उनका निर्णय सही नहीं था और अब वह फिर से कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। अभिजीत मुखर्जी की पश्चिम बंगाल की राजनीति में मान सम्मान है। उनके आने से कांग्रेस मजबूत होगी और यदि ममता के साथ गठबंधन क बात शुरू होती है तो वह कुछ सीटों पर मजबूती से चुनाव लडऩे की स्थिति में होगी। यदि ममता के साथ गठबंधन नहीं होता है तो वह इस स्थिति में आज भी है कि वह ममता को नुकसान पहुंचा सके।
पशुपति बिहार की सभी 243 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
पशुपति ने अगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लडऩे का एलान कर दिया है। पशुपति के सभी सीटों पर चुनाव लडऩे का नुकसान एनडीए को होगा क्योंकि पुशपति कभी केन्द्र में मंत्री हुआ करते थे। चिराग पासवान के राजनीति में आने के बाद पशपुति का पत्ता कट गया और चिराग पासवान मंत्री बना दिये गये।
बिहार में बदलेगा सियासी गणित
बिहार के नये सियासी समीकरण इस ओर इशारा कर रहे हैं कि वहां लालू यादव की कोशिशें परवान चढ़ती दिखाई दे रही है। बीजेपी—नीतीश गठबंधन अपने पत्ते खोल चुका है और कील कांटे दुरूस्त हो रहे हैं। वहीं लालू प्रसाद यादव की चूढ़ा—दही भोज पर रालोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस से हुई मुलाकात का असर कल दिखाई दिया।लोकसभा चुनाव से पहले रालोजपा एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी, जिसमें पशुपति कुमार पारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत थे। लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में आरएलजेपी को कोई सीट नहीं मिली जिससे बीजेपी और रालोजपा में दरार आ गई। चिराग पासवान एनडीए में शामिल हो गए जबकि पशुपति पारस ने खुद को इससे अलग कर लिया। जनवरी में पटना में मकर संक्रांति पर चूड़ा-दही भोज के दौरान पशुपति कुमार पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को आमंत्रित किया था। लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेज प्रताप यादव के साथ पारस के आवास पर पहुंचे थे, जिसके बाद आरएलजेपी के महागठबंधन में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। पशुपति कुमार पारस ने संकेत दिया है कि चुनाव नजदीक आने पर गठबंधन पर फैसला लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के झोले में गिफ्ट का अंबार!
- विदेशी राजनीतिज्ञों को दिल खोलकर बांटते हैं गिफ्ट
- बाइडन की पत्नी के लिए ले गये थे महंगा हीरा तो फ्रांस के राष्ट्रपति को भी दिये हैं दिल खोलकर उपहार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झोला हमेशा विदेशी राजनायिकों के लिए सौगातों से भरा रहता है। इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी अपनी विदेश यात्रा पर है और अपने द्वारा दिये गये उपहारों से खास चर्चा में हैं। पिछली अमेरिका यात्रा पर उनके द्वारा तत्कालीन राष्ट्रपति बाइडन की पत्नी को दिया गया हीरा पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना था। उन्होंने किसी भी देश/व्यक्ति को पीछे छोड़ते हुए सबसे महंगा हीरा बाइडन को गिफ्ट किया था। उनके इस गिफ्ट की निगेटिव चर्चा हुई और उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा कि भारत को इतना महंगा तोहफा नहीं देना चाहिए था। इस बार अभी तक उनके द्वारा दिये गये उपहारों महंगे उपहार तो सामने नहीं आये है लेकिन देखना यही होगा कि वह मोजूदा राष्ट्रपति को ट्रंप को क्या देते हैं?
मैक्रों की पत्नी को दिये खास उपहार
पीएम मोदी बुधवार को फ्रांस की दो दिन की अपनी यात्रा समाप्त कर अमेरिका लिए पहुंच चुके हैं। यूरोप में उनके उपहारों ने खास चर्चा बटोरी है। पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी को खास उपहार दिए। फ्रांस के राष्ट्रपति को उपहार के तौर पर पीएम मोदी ने जड़े हुए पत्थरों के साथ डोकरा संगीतकार कलाकृति भेंट की। वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पत्नी को फूलों और मोर की आकृति वाला शानदार चांदी का हाथ से उकेरा हुआ टेबल मिरर गिफ्ट किया।
उपराष्ट्रपति वेंस के बच्चों को दिए तोहफे
उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस से मुलाकात के दौरान उनके बच्चों के लिए भी तोहफे दिए। यू.एस. उपराष्ट्रपति के बेटे विवेक वेंस को उपहार स्वरूप लकड़ी का रेलवे खिलौना सेट दिया तो दूसरे बेटे को भारतीय लोक चित्रों पर आधारित जिगसॉ पजल भेंट की। पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति की बेटी मीराबेल रोज वेंस को एल्फाबेट सेट गिफ्ट के तौर पर दिया। अब देखना यही होगा कि जब उनकी मुलाकात अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रंप से होगी तो वह उन्हें तोहफे में क्या देते हैं।