‘बाकी बरी, मुझे मिली 7 साल की सज़ा’, मुख्तार अंसारी मामले में सुप्रीम कोर्ट का उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस

नई दिल्ली। यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने अंसारी की अपील पर नोटिस जारी करते हुए यूपी सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. मुख्तार अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया. लेकिन सिर्फ मुख्तार अंसारी को ही सजा सुनाई है. अंसारी को जेलर को धमकाने और उसरपर रिवाल्वर तानने के मामले में हाईकोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी. इस मामले के खिलाफ मुख्तार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं, इस मामले में यूपी सरकार का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा है कि मुख्तार अंसारी पर 50 से ज़्यादा केस हैं. उस पर गैंगस्टर ऐक्ट भी लगा हुआ है.
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने माफिया मुख्तार अंसारी को तीन अलग-अलग धाराओं के तहत सात साल की सजा सुनाई थी. आरोप था कि जेल में मुख्तार से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने पर उसने जेलर को जान से मारने की धमकी दी थी. इसके अलावा जेलर पर बंदूक भी तान दी थी.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जेलर को धमकाने के अलावा कुछ अन्य मामलों के तहत अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 504 और 506 के तहत दोषी पाया था और उसे जेल की सजा सुनाई थी. हालांकि, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगा दी है और हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अंसारी की अपील पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है.
अंसारी का आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का इतिहास रहा है और वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है. उन पर हत्या के मामले सहित कई अन्य मामले भी चल रहे हैं, जिनकी सुनवाई फिलहाल विभिन्न अदालतों में चल रही है.

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