कर्नाटक विधानसभा सत्र के दूसरे दिन हंगामा, कांग्रेस की पांच गारंटियों को लेकर भाजपा हमलावर
नई दिल्ली। सोमवार यानी 03 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है। सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। दरसल, विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर जुबानी जंग छिड़ी, जिसके बाद सदन का माहौल काफी गरमा गया।
सत्र के दूसरे दिन सदन में भाजपा विधायकों और कांग्रेस विधायकों के बीच जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, भाजपा ने कांग्रेस को राज्य में सरकार की पांच गारंटियों के कार्यान्वयन के मुद्दे को लेकर घेरा। इसके बाद कर्नाटक विधानसभा का काफी गरमा गरम माहौल देखने को मिला।
इस दौरान स्पीकर ने दोनों दलों के विधायकों को शांत कराने की काफी कोशिश की। अंत में स्पीकर यूटी खादर को सदन को कुछ देर के लिए स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जब स्पीकर ने विधायक शिवालिंगे गौड़ा को प्रश्नकाल में एक प्रश्न पूछने के लिए कहा, तो भाजपा नेता बसवराज बोम्मई, आर अशोक और अश्वथनारायण और अन्य लोग खड़े हो गए और अध्यक्ष से प्रश्नकाल को निलंबित करने और उन्हें कांग्रेस द्वारा घोषित गारंटियों पर चर्चा करने के लिए समय देने की मांग की।
स्पीकर ने विपक्षी भाजपा से बार-बार प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे पांच गारंटी की सफलता को बर्दाश्त करने में असमर्थ हैं। शिवकुमार ने कहा, प्रश्नकाल होने दीजिए। फिर हम उनके (भाजपा के) बातों को सुनेंगे।
हालांकि, भाजपा विधायक पांच वादों के कार्यान्वयन में विफलता के बारे में अपनी बात रखने पर अड़े रहे। शिवकुमार ने जानना चाहा कि क्या भाजपा ने हर किसी के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने का अपना वादा कभी पूरा किया है। उन्होंने कहा, हम अपने वादों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और हम उन्हें पूरा करेंगे। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी बीजेपी से अपना अडिय़ल रवैया छोडऩे की अपील की।