4PMके कार्यक्रम में संजय शर्मा के सवाल और अखिलेश के जवाब देश भर में वायरल
- तीखे सवालों के मजेदार जवाब देकर लोगों को अपना दीवाना बना दिया अखिलेश यादव ने
- योगी और केशव मौर्य को लेकर गजब कटाक्ष किये अखिलेश ने
देश के नंबर वन यूट्यूब चैनल 4PM के 6 मिलियन सब्सक्राइबर पूरे होने पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया और दर्शकों के मिले प्यार का जश्न मनाया गया। 4PM के इस जश्न का हिस्सा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी बने। इस खास मौके पर 4PM के संपादक संजय शर्मा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से एक खास बातचीत भी की। इस बातचीत के दौरान सपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव के नतीजों से लेकर यूपी बीजेपी में मची कलह और केशव प्रसाद मौर्य को दिए ऑफर तक के बारे में विस्तार से बात की। साथ ही कांग्रेस के साथ गठबंधन का भविष्य और इंडिया गठबंधन की आगे की रणनीति के बारे में भी अखिलेश ने विस्तार से बताया। अपनी हाजिरजवाबी के लिए मशहूर अखिलेश यादव ने बातचीत के दौरान योगी और केशव को लेकर कई मजेदार जवाब दिए। प्रस्तुत है इस बातचीत के कुछ अंश:-
- क्या आपने सोचा था कि लोकसभा में आपकी इतनी सीटें आ जाएंगी ? आपकी पार्टी के कई नेता मुझसे कहते थे कि 15-20 सीटें आ जाएं तो बहुत हैं।
- हमने अपने साथ काम करने वालों को पहले ही बोल दिया था कि इस बार भाजपा हारने जा रही है। छठे चरण के बाद मैं ये कहने लगा था कि बीजेपी 79 सीटें हार रही है और सिर्फ एक सीट जो क्यूटो (वाराणसी) है वो भी फंस रही है। नतीजों में देखिए ये ही हुआ है। मुझे पूरा यकीन था कि हम लोग 40 से ऊपर चले जाएंगे। अगर मुख्यमंत्री के इशारे पर प्रदेश के अधिकारियों ने बेईमानी न की होती तो आज यूपी में 50 सीटें सपा और इंडिया गठबंधन की होतीं और दिल्ली में बीजेपी की सरकार नहीं होती।
य आप संसद में कटाक्ष करते हैं कि हटा नहीं पा रहे हैं। आपकी योगी जी से क्या दुश्मनी है? आप उन्हें क्यों हटवाने पर तुले हैं?
य मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। वो काम तो अच्छा करें, किसने रोका है उन्हें। दिल्ली की सरकार उनकी, यूपी की सरकार उनकी, लेकिन फिर भी लखनऊ में वो कोई बड़ा काम नहीं बता पाएंगे। हमारे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने आज तक एक भी बिजली का कारखाना नहीं लगाया। जो एक्सप्रेस-वे बनाए हैं वो भी तुरंत ही रिपेयर मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री जी का प्रिय जानवर हर सड़क पर दिखाई दे रहा है। मैंने तो अब वीडियोज सोशल मीडिया पर डालना ही छोड़ दिया। प्रदेश की पूरी ट्रैफिक ही उस जानवर के हाथ में है। प्रतिदिन एक व्यक्ति उनके हमले से मर रहा है। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री जी नकल बहुत अच्छी करते हैं। दिल्ली ने कहा हम इतने ट्रिलियन इकोनॉमी बना देंगे, तो मुख्यमंत्री ने कह दिया हम प्रदेश की 1 ट्रिलियन इकोनॉमी बना देंगे। 1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए 30 प्रतिशत जॉब रेट चाहिए, तो कह रहे हैं हमने करोड़ों को नौकरी दे दी। ये भी तो बता दें कहां दी? एमओयू तो लाखों-करोड़ों के कर लिए, लेकिन जमीन पर क्या आया? ऐसे तमाम सवालों का जवाब सरकार के पास नहीं है, इसीलिए हम उनके खिलाफ खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। - क्या आपके ऑफर में कुछ लोग अपना माल बेचने आए थे ?
- हमने तो अपील की थी, लेकिन उनके पास कुछ होता तो हम भी सहयोग करते। फिर ऑफर ही बंद करना पड़ा मुझे।
- आप रणनीति से सरकार बदलना चाहते हैं उत्तर प्रदेश की?
- मैं नहीं बदलना चाहता। जनता हटाना चाहती है। जिस दिन यूपी बीजेपी मुक्त हो जाएगा, उस दिन ही खुशहाली के रास्ते पर चल देगा।
- योगी जी और केशव में बेहतर नेता कौन है?
- दोनों ही खराब नेता हैं।
- दोनों में ज्यादा खराब कौन है?
- ये मत पूछिए, जो लोग उनसे मिलते होंगे वो बता सकते हैं ज्यादा खराब कौन है।
- 10 विधानसभा सीटों पर यूपी में उपचुनाव होने हैं। लोगों का मानना है कि ये चुनाव तय करेंगे योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम रहेंगे या हटा दिए जाएंगे। समाजवादी पार्टी की क्या तैयारी है? कितनी सीटें जीत पाएगी?
- ईमानदारी से चुनाव हुआ और चुनाव आयोग ने शिकायतों पर एक्शन लिया तो भाजपा शून्य सीटें जीतेगी।
साक्षात्कार का शेष भाग पेज 4-4 पर - उत्तर प्रदेश के एक नेता हैं आप उनके पीछे पड़े रहते हैं। कभी उन्हें स्टूल मंत्री कहते हैं, कभी आप उनका मजाक उड़ाते हैं। आप केशव प्रसाद मौर्य से इतने मजे क्यों लेते हैं? उन्हें चुनाव हरवा दिया। क्या दिक्कत है आपको उनसे ?
- मैं नहीं करता। न्यूज में रहने के लिए वो ऐसा हमारे खिलाफ बोलते हैं। वो स्टूल नहीं, स्टूल किट मंत्री हैं। आवाज बहुत आती है उधर से। मैंने तो नहीं कहा आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, वो ही तो बनना चाहते हैं। हमने तो ऑफर भी दिया उन्हें। हम भी इंतजार करते रहे कितने दिन ऑफर चलाएं, फिर हमने ऑफर ही समाप्त कर दिया।
- कांग्रेस के साथ क्या भविष्य रहेगा? क्या हरियाणा-महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के तहत आप कांग्रेस से सीटें मांगेंगे?
- गठबंधन पर कांग्रेस से बात करेंगे। प्रयास करेंगे आगे हम उत्तर प्रदेश में भी और सीटें जीतें। अन्य राज्यों पर बात की जाएगी। कांग्रेस वाले जानते हैं हम समाजवादी लोग हैं हम किसी बात पर जिद नहीं करते। हमने उनकी जिद मानी है, लेकिन हम जिद नहीं करते। लेकिन ये सपना हर दल का होता है कि वो राष्टï्रीय पार्टी बने। आने वाले समय में समाजवादी पार्टी राष्टï्रीय पार्टी कैसे बनेगी, उस दिशा में काम करेंगे।
- क्या भाजपा के कुछ विधायक आपके संपर्क में हैं?
- मेरे संपर्क में कोई बीजेपी के विधायक नहीं हैं। लेकिन सभी विधायक दुखी हैं बीजेपी से।
- आपकी पार्टी के लिए हमेशा कहा गया कि ये पिछड़ों और मुसलमानों की पार्टी है। लेकिन अब आपका हृदय अचानक ब्राह्मणों की तरफ क्यों झुकने लगा? माता प्रसाद पांडेय की ताजपोशी, क्या ब्राह्मणों को रिझाने की ये नई रणनीति है?
- पीडीए में ब्राह्मण भी थे। ब्राह्मण ये समझ नहीं पाए। जब मुझसे पीडीए को लेकर सवाल किया गया तो मैंने कहा था कि पीडीए एक बड़ा नारा है। इसमें सबको साथ लेकर सबके साथ जुडऩे की बात है। बीजेपी के सबका साथ सबका विकास में बहुत से लोग उनके साथ नहीं हैं। कभी उनका सम्मान नहीं किया उन्होंने। लेकिन पीडीए मतलब सबको साथ जोडऩे का हमारा एक गठबंधन था। ए से अगड़ा था, आदिवासी था, आधी आबादी था, अल्पसंख्यक था, सब थे इसके अंदर। 69 हजार बच्चों का जो फैसला हाईकोर्ट से आया, उसके जिम्मेदार खुद मुख्यमंत्री हैं। इतने साल उन बच्चों को लडऩा पड़ा, संघर्ष करना पड़ा। ये झगड़ा बीजेपी ने लगाया। बीजेपी की रणनीति है सबको बांटने की। ये उनकी रणनीति का हिस्सा था उन्होंने पिछड़ों और दलितों का आरक्षण छीना। लेटरल एंट्री का भी मतलब है कि आपका आरक्षण खत्म कर देना। आपको ऊपर आरक्षण देंगे नहीं कुछ, नीचे आरक्षण देंगे नहीं, सब आउटसोर्स कर देंगे। तो पीडीए जाएगा कहां? इसका जवाब बीजेपी के पास नहीं है, इसीलिए बीजेपी हारी। इसीलिए यहां एम-वाई हारे।
- आपको लगता है यूपी सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी? मुख्यमंत्री आराम से कार्यकाल पूरा कर पाएंगे? क्योंकि झगड़ा लगाने की आपने भी कम कोशिश नहीं की। आपने भी सोचा योगी के हटने से ठाकुर आपकी तरफ आ जाएगा और अगर नहीं हटे तो ब्राह्मण आपके पास आएगा। राजनीति आपने भी की। आपको क्या लगता है योगी हटाए जाएंगे या कार्यकाल पूरा कर लेंगे?
- मैं उस बारे में कुछ नहीं सोच रहा कि हटाए जाएंगे, या खुद हट जाएंगे या कोई उन्हें रिप्लेस कर देगा। मेरा सिर्फ ये मानना है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है, ये खुशहाली के रास्ते पर जाए। उसके लिए हम लोग तैयारी कर रहे हैं कि आने वाले समय में समाजवादियों की सरकार कैसे बनेगी। किस तरह से किसान तरक्की करे, युवाओं के हाथ में नौकरी आए और प्रदेश में खुशहाली आए, इस बारे में हम लोग सोच रहे हैं।
- लोगों में एक दर्द है कि नेता जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं और लोगों को बांटते हैं। विकास से पहले जाति-धर्म का बंटवारा आ जाता है। आप पढ़े-लिखे हैं आपके सपने अलग थे। लेकिन अब आपको भी राजनीति उसी लाइन में करनी पड़ रही है?
- ये केवल समाजवादियों पर आरोप लगता आया है। लेकिन सच्चाई ये है कि भाजपा से बड़ी कोई जातिवादी पार्टी नहीं है। हमारी किसी योजना में किसी विकास कार्य में आपको भेदभाव नहीं दिखेगा। लेकिन फिर भी हम पर जातिवादी होने के आरोप लगते रहे। जो लोग हम पर आरोप लगाते थे आज वो चुप बैठे हैं। आप देख लीजिए मुख्यमंत्री से लेकर नीचे तक जो लोग बैठे हैं वो कौन हैं और कितना अन्याय हो रहा है। उत्तर प्रदेश में जितनी लूट आज मची है, उतनी कभी नहीं मची। सुल्तानपुर में एक इंजीनियर को उसके घर में घुसकर मार दिया गया। क्या ये भ्रष्टाचार नहीं है? लेकिन सरकार इसके बारे में बोलना भी नहीं चाहती। दुर्भाग्य ये है कि सरकार के अलावा मीडिया हाउस भी इन मुद््दों को नहीं उठाते, इस पर खबर नहीं बनाते। क्योंकि अगर वो दिखाएंगे तो उनका बजट काट दिया जाएगा। ये दुर्भाग्य है। कितनी बेटियां-महिलाएं, किसान मुख्यमंत्री के आवास पर न्याय मांगने आए और निराश होकर कितनों ने आत्मदाह किया। इसका जवाब नहीं देती सरकार। कौन है इसका जिम्मेदार ?
- कभी आपकी करीबी होती थीं मायावती, अब आपने उनको जीरो पर ला दिया। कैसा लगता होगा उन्हें ?
- मैंने नहीं लाया उन्हें जीरो पर। उनके अपने फैसले उन्हें जीरो पर ले आए। वो और जितना करीब बीजेपी के जाएंगी, उतना और जीरो पर जाएंगी।
- 37 सीटें जीतने के बाद ये आपका हाई कॉन्फिडेंस है?
- नहीं, ये हाई कॉन्फिडेंस नहीं है और न ही ओवर कॉन्फिडेंस में हम हैं। वहां समाजवादियों की पहले से सीटें हैं। अलीगढ़ इसलिए हारेंगे क्योंकि अलीगढ़ के सांसद के साथ-साथ वहां की पूरी जनता जानती है कि वो जीते हुए सांसद थे उन्हें बेईमानी से चुनाव हरा दिया गया। बाकी कई सीटें हैं जो समाजवादी की सिटिंग रही हैं। सपा का संगठन अच्छा है। हमारा समीकरण बहुत अच्छा है। इसलिए इंडिया गठबंधन भाजपा को इस बार शून्य कर देगा।
- मुझे याद है कि जब आपकी सरकार में कोई घटना होती थी तो मीडिया में आपकी बड़ी सी फोटो उस घटना पर चलती थी। लेकिन अब इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हो जाती हैं, पर मुख्यमंत्री की फोटो कहीं नहीं दिखती। आपको क्या लगता है मीडिया को मुख्यमंत्री जी से इतना प्यार क्यों है? और आपके साथ ऐसा क्यों होता था?
- (अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा) ये सब सीखने की बातें हैं। तब हम लोग सीखे नहीं थे, अब सीख गए हैं। कुछ बीजेपी से भी सीखना चाहिए। कुछ बीएसपी से भी सीखना चाहिए। बस सीखते रहना चाहिए।
- आप जब मुख्यमंत्री थे तो मैं आपके खिलाफ बहुत तीखा लिखता था, कड़ा लिखता था। उस समय आपके मन में क्या आता था? गुस्सा आती थी?
- न केवल आप बल्कि कई पत्रकार ऐसा करते थे। लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं कहा। क्योंकि एक बार एक पत्रकार ने मेरा इंटरव्यू लिया और इंटरव्यू रिकॉर्ड करके रख लिया। मैंने पूछा ये कब आएगा तो उसने मुझे बता दिया कि फला तारीख में फला समय आएगा। लेकिन वो इंटरव्यू नहीं आया। तो मैंने उससे पूछा कि हमारा इंटरव्यू क्यों नहीं आया? तो वो बोला कि हमारे सेल्स और मार्केटिंग डिपॉर्टमेंट ने मना कर दिया था। तो मैं उस बात को अब समझ रहा हूं।
- वर्तमान समय में जो मीडिया का स्वरूप है और बड़े-बड़े औद्योगिक घराने मीडिया क्षेत्र में आ रहे हैं। वो हिंसा के बड़े-बड़े थंब बनाकर समाज में नफरत फैला रहे हैं। समाज में जहर घोलने में भी मीडिया की अहम भूमिका है। ऐसे में जो बौद्धिक रूप से समृद्ध लीडरशिप है उसे इस क्षेत्र में काम करना चाहिए, ताकि मीडिया हिंसा का सहारा न ले? इस बात पर विचार करना चाहिए ?
- मीडिया की खबर सरकार की सूचना होनी चाहिए और सूचना पर रिएक्ट होना चाहिए। लेकिन अब जो सरकारें हैं वो खबर को दबा देती हैं। किस पर बहस होनी है ये टॉपिक व्हाट्सएप पर आता है। ये टॉपिक वहां से आता है जहां से फंड आता है।
- नेता लोग इमोशनल कार्ड बहुत खेलते हैं, आप ने भी खेला कि आपके घर खाली करने के बाद उसे धुलवाया गया। जबकि आप पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन इस बात के जरिए आप पिछड़ों को अपनी ओर करना चाहते थे और उसका फायदा उठाना चाहते थे? आपको इसका लाभ मिला भी।
- इस तरह के भेदभाव को खत्म करने का प्रयास किया जाना चाहिए। अगर पहले किसी ने इतनी पुरानी इस सोच को बदलने का प्रयास किया होता तो हालात कुछ अलग होते। इस पीढ़ी में जो सत्ता में लोग हैं उनका व्यवहार ऐसा नहीं होना चाहिए था। मैंने इन बातों को उतना नहीं उठाया है। लेकिन भाजपा को किसी के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए। ये भाजपा बताए कि उन्होंने क्यों गंगाजल से धुलवाया मुख्यमंत्री आवास, क्यों धुलवाया मंदिर? इसका जवाब मैं नहीं दूंगा, इसका जवाब जनता देगी क्योंकि जनता जानती है उन्होंने ऐसा क्यों किया।
- लोकसभा चुनाव और नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के व्यवहार में आप अंतर देखते हैं?
स्वाभाविक है, क्योंकि पद पाने के बाद बहुत सी चीजें अपने आप आ जाती हैं। सौभाग्य से बहुत सी चीजों को वो डील कर रहे हैं और आगे करेंगे भी। - आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है। आप जब लोगों से मिलते हैं तो मुस्कुराकर मिलते हैं। लेकिन जब आप टीवी चैनलों पर इंटरव्यू के लिए जाते हैं तो आपके तेवर काफी तीखे रहते हैं। कई एंकर्स पर आप गुस्सा हो जाते हैं। इतना गुस्सा क्यों आता है आपको ?
- इंटरव्यू में गुस्सा आना भी बहुत जरूरी है। उससे कुछ रिजल्ट मिलता है। आप ईमानदार पत्रकार हैं मैं आपको ईमानदार कहूं। लेकिन अब अगर बेईमान से बेईमान कह दूं तो वो गुस्सा हो जाए तो क्या करूं मैं। उसे ईमानदार कह दूं क्या? जो सच्चाई दिखाएगा जनता उसे स्वीकार करेगी। फिर वो चाहे यूट्यूब हो, या टीवी चैनल हो या अखबार हो। आप सच्चाई के साथ आएंगे तब आपकी विश्वसनीयता बनेगी। मुझे लगता है बहुत से चैनलों में अब सुधार आने लगा है।
- ये जो रिजल्ट आए हैं उसके बाद मोदी जी की पर्सनालिटी टीवी चैनल पर दिखाई देती है, वो अच्छी हुई है या गड़बड़ा गई है?
- उस पर मैं कुछ भी नहीं कहूंगा। वो प्रधानमंत्री हैं। जब हटेंगे तब उस पर चर्चा करेंगे।
- योगी जी की कोई बात आपको अच्छी लगती है?
- नहीं, मुझे कोई बात अच्छी नहीं लगती।
- केशव प्रसाद मौर्य में कुछ न कुछ तो अच्छा होगा?
- ये तो योगी जी से पूछना पड़ेगा। उनसे पूछूंगा तब बताउंगा उनमें अच्छा क्या है।
- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी में से ज्यादा अच्छा कौन है? आपकी किससे ज्यादा अच्छे से पटती है?
- दोनों बहुत अच्छे हैं। मेरी दोनों (राहुल और प्रियंका) से अच्छी बनती है।
- आपका देश का सबसे आइडियल नेता कौन है?
- (अखिलेश मुस्कुराते हुए) आइडियल नेता देखना होगा तो मैं शीशे में जाकर खुद को देखूंगा, आपको क्यों बताउंगा।
- आपकी हाजिर जवाबी संसद में अनुराग ठाकुर पर गुस्सा होते समय दिखी थी जब उन्होंने राहुल गांधी की जाति पूछ ली थी। आप राहुल गांधी के लिए खड़े हुए और बोले कि जाति कैसे पूछ ली। आप राहुल गांधी के इतने पक्के दोस्त बन गए हैं?
- बीजेपी को किसी भी नेता की इस तरह से जाति नहीं पूछनी चाहिए। कम से कम नेता प्रतिपक्ष के बारे में तो ऐसा व्यवहार उनका (बीजेपी) नहीं होना चाहिए। (अनुराग ठाकुर पर इशारों में तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा) अगर मंत्री ही बनना है तो चमचागिरी का कोई दूसरा तरीका अपना लो।
- इससे पहले आप एक के बाद एक चुनाव हार रहे थे, पार्टी की स्थिति दिन पर दिन कमजोर होती जा रही थी। आपके नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे थे। उस वक्त आपकी मन: स्थिति क्या थी? क्या आप निराश हो गए थे ?
- राजनीति में मेरे जैसा व्यक्ति कभी निराश नहीं हो सकता। निराशा उनसे पूछिए जो 10 साल के बाद हारे हैं। जो हार स्वीकार करना जानता हो उसे हार से कोई फर्क नहीं पड़ता। जो पहली बार हारे हैं उनके चेहरे बता रहे हैं कैसा बुरा हारे हैं वो।
- युवा पीढ़ी जो धर्म और जाति के दलदल से इतर विकास की बात करता है। अगर वो धर्म और राजनीति के दल-दल से अलग हो गया तो जो लोग धर्म की बात करते हैं और इस पर राजनीति करते हैं, उनके पास अगला मुद््दा क्या बचेगा?
- नई पीढ़ी के अपने सपने होते हैं। ये नई पीढ़ी अपने हिसाब से चलती है। हमारी आपकी जिम्मेदारी यही बनती है कि हमारी अगली पीढ़ी को हम कुछ अच्छा देकर जाएं। जो कुछ विकास हम कर सकें वो करें। नई पीढ़ी को अच्छा रास्ता देकर जाएं, ये ही हम लोगों का सपना होना चाहिए ये ही संकल्प होना चाहिए।