संत रामपाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पांच अनुयायियों की मौत के मामले में उम्रकैद की सजा निलंबित

हरियाणा के सतलोक आश्रम के प्रमुख और स्वयंभू संत रामपाल को अदालत से बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पाँच साल पहले सुनाई गई उनकी आजीवन कारावास की सज़ा को निलंबित कर दिया है। यह सज़ा 2018 में पाँच अनुयायियों की मौत के मामले में सुनाई गई थी।
क्या था पूरा मामला?
साल 2014 में, हिसार के बरवाला शहर में स्थित रामपाल के सतलोक आश्रम में पुलिस और उनके समर्थकों के बीच ज़बरदस्त झड़प हुई थी। इस झड़प के दौरान चार महिलाओं सहित पाँच लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा था।
इस मामले में, अक्टूबर 2018 में हिसार की एक अदालत ने रामपाल और उनके कुछ अनुयायियों को हत्या, बंधक बनाने और आपराधिक साज़िश के दो अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया था और उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी।
रामपाल ने इस फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल और जस्टिस दीपिंदर सिंह नलवा की खंडपीठ ने रामपाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी सज़ा को निलंबित करने का आदेश पारित किया।

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