अयोध्या के स्टेडियम निर्माण में अनियमितता न हो : सहगल

लखनऊ। अयोध्या में निर्माणाधीन डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में जल्द खेल गतिविधियां शुरू होंगी। पहला क्रिकेट मैच डीएम-11 बनाम एसपी-11 के बीच खेला जाएगा। सोमवार को अपर मुख्य सचिव, खेल नवनीत सहगल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। उन्होंने कहा कि स्टेडियम के निर्माण में बताई जा रही कमियों को जल्द दूर किया जाए। खिलाड़ियों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाए। बापू भवन सचिवालय स्थित उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में सहगल ने कहा कि स्टेडियम में खिलाड़ियों के बैठने व ठहरने के लिए अच्छी व्यवस्थाएं की जाएं। क्रिकेट मैच के लिए पूरी तरह से मैदान तैयार किया जाए। स्वीमिंग पूल, बैडमिंटन कोर्ट, हैंडबाल कोर्ट आदि खिलाड़ियों के लिए जल्द प्रारंभ किया जाए। एथलेटिक्स ट्रैक को ठीक कर जल्द खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए फुट ओवर ब्रिज का भी निर्माण किया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा, ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देकर अंतरराष्टï्रीय स्तर पर पहुंचाने की है। मालूम हो कि उन्होंने बीते शुक्रवार को निर्माणाधीन स्टेडियम का औचक निरीक्षण किया था। स्टेडियम के निर्माण में मिली कमियों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें जल्द दूर करने के कड़े निर्देश दिए थे। बैठक में खेल निदेशक आरपी सिंह भी मौजूद रहे। बता दें कि वरिष्ठ आइएएस अधिकारी नवनीत सहगल ने जबसे अपर मुख्य सचिव खेल की कुर्सी संभाली है तबसे लगातार सभी जिलों में खेल की सुविधाओं की समीक्षा कर रहे हैं। जिम्मेदारी मिलने के तीन दिन के भीतर ही उन्होंने लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम को बड़ा उपहार दे दिया। इसके अलावा भी खेल से जुड़ी सभी गतिविधियों पर उनकी नजर बनी हुई है। इसका सकारात्मक असर यूपी में देखने को मिल सकता है।

बीजेपी सांसद अंसारी के गैंगस्टर मामले में यूपी सरकार तलब

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी की गिरोह बंद कानून के तहत कार्यवाही के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए दो हफ्ते का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अफजाल अंसारी की याचिका पर दिया है। याची की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की। याची की ओर से तर्क दिया गया कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्या केस में वह बरी हो चुका है। इस आधार पर एमपीएमएलए विशेष अदालत में चल रहे गैंग्स्टर एक्ट केस को समाप्त करने की अर्जी दी, जो खारिज कर दी गई। हाईकोर्ट में उसे चुनौती दी गई है। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल के साथ ही 2007 में अफजाल अंसारी के खिलाफ कृष्णानंद राय कह हत्या का दर्ज हुआ था। उसी के आधार पर गैंगस्टर का मुकदमा कायम किया गया है। दलील दी गई सिर्फ एक मुकदमे के आधार पर गैंगस्टर अधिनियम में केस नहीं चलाया जा सकता। याचिका में गिरोह बंद कानून के तहत कार्यवाही को रद किए जाने की मांग की गई हैं।

दोषी 35 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईवे थाना मथुरा में 35 पुलिसकर्मियों और फिरोजाबाद के रसूलपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआई को सौंप दी है। कोर्ट ने नौ नवंबर को सीबीआई को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। राष्टï्रीय मानवाधिकार आयोग तथा अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के निर्देश पर विशेष जांच टीम ने 35 पुलिस कर्मचारियों को याची सहित मां व भाई के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर फंसाने का दोषी ठहराया है। इसके बावजूद पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टे पुलिस ने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के हर हथकंडे अपनाए। अपहरण के फर्जी केस में कुर्की कार्रवाई की। कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह लखनऊ को फिरोजाबाद के रसूलपुर थाने में दर्ज अपहरण केस सहित अन्य मामले सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। फिरोजाबाद रसूलपुर केस की विवेचना कर रहे आगरा के विवेचना अधिकारी व एसएसपी आगरा को विवेचना रोक कर रिकॉर्ड तत्काल सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई नौ नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने सुमित कुमार व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में याची, उसकी मां व भाई के खिलाफ दर्ज अपहरण केस रद्द करने तथा इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है।

याची का कहना है कि प्रेम सिंह ने याची के भाई पर जानलेवा हमला किया। याची की मां पुलिस थाने में शिकायत लेकर गई लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। उल्टे याची का चालान कर दिया गया। मां माया देवी ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के निर्देश पर हाईवे थाना मथुरा में प्राथमिकी दर्ज की गई। इससे नाराज पुलिस ने याची की मां के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इसकी शिकायत राष्टï्रीय मानवाधिकार आयोग को की गई। आयोग के आदेश पर एसएचओ हाईवे सुरेंद्र सिंह यादव व दरोगा नेत्रपाल सिंह के खिलाफ 10अगस्त 2016 को धारा 166 ए में केस दर्ज हुआ। इसके बाद एसओजी ने 12 जनवरी 18 को उसके भाई पुनीत कुमार व याची व ऑटो ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया, जिसकी शिकायत अनुसूचित जाति जनजाति आयोग से की गई। आयोग के निर्देश पर लखनऊ मुख्यालय के एएसपी की विशेष जांच बिठाई गई। रिपोर्ट में 35 पुलिस कर्मचारियों को झूठे केस दर्ज कर झूठे साक्ष्य गढ़ने का दोषी करार दिया। जब पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो याची ने शिकायत की। इसके बाद फिरोजाबाद में अपहरण का केस दर्ज कराया गया। शिकायत वापस लेने का पुलिस ने दबाव बनाया। फिर शिकायत पर आईजी आगरा रेंज ने केस आगरा स्थानांतरित कर दिया।

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