शाही ईदगाह मस्जिद सर्वे: ओवैसी बोले- मुसलमानों के सम्मान को ठेस पहुंचाना ही मकसद

नई दिल्ली। मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे एडवोकेट कमीश्नर से कराने की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अनुमति दे दी है। इसके बाद अब इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। इसको लेकर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि कानून का मजाक बना दिया है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने की इजाजत दे दी। बाबरी मस्जिद केस के फैसले के बाद मैंने कहा था कि संघ परिवार की शरारत बढ़ेगी।

ओवैसी ने कहा कि मथुरा विवाद दशकों पहले मस्जिद कमेटी और मंदिर ट्रस्ट ने आपसी सहमति से सुलझा लिया था। काशी, मथुरा या लखनऊ की टीले वाली मस्जिद हो, कोई भी इस समझौते को पढ़ सकता है। इन विवादों को एक नया ग्रुप उछाल रहा है। एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट अभी भी है, लेकिन इस ग्रुप ने कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया है। सुप्रीम कोर्ट को मामले में 9 जनवरी को सुनवाई करनी थी, तो ऐसी क्या जल्दी थी कि सर्वे कराने का फैसला देना पड़ा। ओवैसी ने आगे कहा कि जब एक पक्ष मुस्लिमों को लगातार निशाना बनाने में रुचि रखता है तो कृप्या हमें गिव एंड टेक यानी देन-लेन का उपदेश न दें। कानून मायने नहीं रखता। मुसलमानों के सम्मान को ठेस पहुंचाना ही मकसद है।

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