Shahid Kapoor की ऑनस्क्रीन दादी का निधन, Kamini Kaushal छोड़ गईं दुनिया। जबरदस्ती हुई थी शादी !
बॉलीवुड इंडस्ट्री को ना जाने क्या हो गया है..? आखिर, हिंदी सिनेमा की दुनिया से सिर्फ और सिर्फ बुरी खबरें ही सुनने को जो मिल रही हैं। अभी जहां, दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र की खराब सेहत लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बॉलीवुड इंडस्ट्री को ना जाने क्या हो गया है..? आखिर, हिंदी सिनेमा की दुनिया से सिर्फ और सिर्फ बुरी खबरें ही सुनने को जो मिल रही हैं। अभी जहां, दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र की खराब सेहत लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। तो अब, बी टाउन के ‘कबीर सिंह’ उर्फ़ एक्टर शाहिद कपूर की दादी के निधन की दुखद खबर सामने आई है।
जी हां, एक्टर की ऑनस्क्रीन दादी का किरदार निभाने वाली दिग्गज एक्ट्रेस कामिनी कौशल अब हमारे बीच इस दुनिया में नहीं रही हैं। आज 14 नवंबर के दिन वो हमेशा-हमेशा के लिए सबसे दूर चली गई हैं। मायानगरी से आई खबरों के मुताबिक, दिवंगत लेजेंड्री एक्टर दिलीप कुमार की पहली गर्लफ्रेंड रहीं एक्ट्रेस कामिनी कौशल का दुखद स्वर्गवास हो गया है। कामिनी कौशल के निधन की जानकारी उनके परिवार ने दी है। साथ ही परिवार ने ये भी विनती की है कि उनकी प्राइवेसी का सम्मान किया जाए। उम्र संबंधी बीमारी के चलते उनका निधन हुआ है। 97 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली।
बात, कामिनी कौशल की करें तो, वो हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस रहीं। कामिनी कौशल बॉलीवुड की सबसे उम्रदराज एक्ट्रेस थीं। आखिरी बार वो एक्टर आमिर खान और करीना कपूर स्टारर फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में नजर आई थीं। इसके अलावा वो साल 2023 में शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी स्टारर फिल्म ‘कबीर सिंह’ में शाहिद की दादी का किरदार निभाती हुई भी दिखाई दी थीं।
आपको बताएं कि, 24 फरवरी 1927 को कामिनी कौशल का जन्म लाहौर में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। पढ़े-लिखे परिवार में जन्मीं कामिनी का असली नाम ‘उमा कश्यप’ था। वहीं, आगे चलकर हिंदी सिनेमा की दुनिया में कामिनी कौशल के नाम से पहचानी गईं। बचपन से ही वो टैलेंटेड थीं। उनके पिता एक प्रिंसिपल थे और घर में पढ़ाई से भरा माहौल था। शायद यही वजह थी कि, उमा उफ़ कामिनी को एक्टिंग सिर्फ एक एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि ह्यूमन फीलिंग्स को समझने और बताने का जरिया लगता था।
स्कूल के दिनों में कामिनी पढ़ाई में तेज़ थी, लेकिन दिल उन्हें एक्टिंग की ओर खींचता था। नाटकों में हिस्सा लेना, कविता पढ़ना, सहेलियों के बीच एक्टिंग करके सबको हंसाना—ये सब वो किया करती थी। हालांकि, उस दौर में लड़कियों के लिए फिल्मों में जाना बहुत आसान नहीं होता था। लेकिन, कामिनी के अंदर जो सितारा बैठा था, उसे बाहर आने से कोई नहीं रोक सकता था।
कामिनी के बड़े भाई विद्यापति कश्यप, ‘ऑल इंडिया रेडियो’ से जुड़े थे। उनके जरिये कामिनी को रेडियो शोज में भाग लेने का मौका मिला। ये स्टेज उनका पहला मौका था। उनकी आवाज़ में मिठास थी, इसी खूबी ने डायरेक्टर चेतन आनंद का ध्यान खींचा था।
फिर, साल 1946 में चेतन आनंद अपनी फिल्म “नीचा नगर” बना रहे थे। ये वही फिल्म है..जो, भारत की पहली फिल्म बनी, जिसने कान्स फिल्म फेस्टिवल में “ग्रां प्री” (आज का पाम द’ओर) अवार्ड जीता। चेतन आनंद को अपनी हीरोइन के लिए एक ऐसी लड़की चाहिए थी, जिसमें मासूमियत हो। उन्होंने कामिनी को देखा और कहा- “तुम्हारी सादगी ही तुम्हारी सबसे बड़ी ताकत है।” और, इसी के साथ उमा कश्यप बन गईं कामिनी कौशल। इसी नाम से उनका फिल्मी सफ़र शुरू हुआ।
फिल्म, “नीचा नगर” ने ज्यादा बिजनेस बॉक्स ऑफिस पर नहीं किया, लेकिन दुनिया में इसने हिंदी सिनेमा को पहचान दी। और, साथ ही दी..एक नई एक्ट्रेस—कामिनी कौशल। तब, उनकी एक्टिंग ने लोगों को खूब इम्प्रेस किया।
लेकिन ठीक इसी समय, जब उनका करियर बन रहा था, तभी निजी ज़िंदगी में उन्हें एक बड़ा सदमा मिला। उनकी बड़ी बहन का अचानक ही निधन हो गया। जिनके पीछे दो छोटे बच्चे थे। परिवार की जिम्मेदारियों को देखते हुए कामिनी ने एक बड़ा फैसला लिया कि, वो अपनी बहन के पति बी.एस. सोढ़ी से शादी करके दोनों बच्चों की देखभाल करेंगी। कामिनी के लिए ये फैसला बिलकुल भी आसान नहीं था। क्योंकि, इसका सीधा-सीधा मतलब था कि वो परिवार की जिम्मेदारियों को सबसे ऊपर रख रही थीं, चाहे इससे उनका करियर धीमा भी पड़ जाए। हां पर, यही तो कामिनी कौशल थीं, जिन्होंने दोनों चीजों को बखूबी संभाला।
जीजा से शादी के बाद उन्होंने फिल्मों में दोबारा वापसी की। ये वो दौर था, जब औरतें शादी के बाद अक्सर फिल्मों से दूरी बना लेती थीं। लेकिन, कामिनी ने अपने टैलेंट और काम करने के तरीके के दम पर इंडस्ट्री में अपनी जगह कायम रखी।
1940–1950 के दशक में उन्होंने एक से बढ़कर एक यादगार किरदार निभाए। उनकी फिल्मों में, ‘शहीद’, ‘जंजीर’, ‘अरुणोदय’, ‘नदिया के पार’, ‘शबनम’, ‘संग्राम’, और ‘आरज़ू’ शामिल रहीं। लेकिन, सबसे यादगार रही, उनकी और दिवंगत लेजेंड्री एक्टर दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन केमिस्ट्री। खासतौर पर फिल्म “नदिया के पार” और “शबनम” में। उनकी जोड़ी ने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। तो, शादीशुदा होने के बावजूद फिल्म में काम करने के दौरान ही कामिनी कौशल, दिलीप कुमार को पसंद करने लगीं। दिलीप कुमार भी उनसे शादी करना चाहते थे, हालांकि भाई के विरोध और परिवार की नाराजगी के चलते कामिनी को ये रिश्ता खत्म करना पड़ा।
तो, इस रिश्ते के बारे में, साल 2014 में एक मैगजीन से बातचीत करते समय कामिनी ने कहा था- “दिलीप साहब ने अपनी बायोग्राफी में लिखा कि वो मुझसे अलग होने के बाद बिखर गए थे। लेकिन हकीकत यह है कि, हम दोनों ही बिखर गए थे। हम एक-दूसरे के साथ बहुत खुश थे। लेकिन क्या कर सकते थे? मैं यह कहकर किसी को धोखा नहीं दे सकती थी कि अब बहुत हुआ, मैं जा रही हूं। मैं अपनी दिवंगत बहन को क्या मुंह दिखाती? मेरे हसबैंड बहुत अच्छे इंसान हैं। वो समझते थे कि ऐसा क्यों हुआ? प्यार में कोई भी पड़ सकता है।”
सालों बाद दिलीप कुमार और कामिनी कौशल का सामना 2013 में दिवंगत एक्टर प्राण के चौथे पर हुआ। दिलीप साहब वहां पत्नी सायरा के साथ पहुंचे थे। इस दौरान दिलीप साहब की चेयर ठीक कामिनी कौशल के बगल में लगी थी। तब दिलीप साहब 90 साल के थे और कामिनी 86 की। लेकिन उम्र की दिक्कतों के चलते दिलीप साहब कामिनी को पहचान नहीं पाए।
वहीं, कामिनी कौशल की खूबसूरती सिर्फ़ चेहरे में नहीं, उनकी एक्टिंग में भी थी। वो ज़रूरत से ज़्यादा ग्लैमर या भावनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने में विश्वास नहीं रखती थीं। उनका फोकस हमेशा किरदार की सच्चाई पर होता था। फिर, समय के साथ इंडस्ट्री बदली। नई पीढ़ी की हसीनाएं आईं। लेकिन, कामिनी कौशल ने खुद को सीमित नहीं किया, बल्कि उन्होंने अपनी एक्टिंग को नई दिशा दी। उन्होंने मां जैसे किरदार निभाने शुरू किये और इतनी गहराई से निभाये कि लोग उन्हें सच में भी ‘आदर्श मां’ की तरह देखने लगे। उन्होंने एक्टर शशि कपूर की मां से लेकर अमिताभ बच्चन की मां का रोल निभाया।
बॉलीवुड के साथ-साथ कामिनी कौशल ने टीवी की दुनिया में भी एक्टिंग की छाप छोड़ी। कई शोज में उन्होंने काम किया। हद से ज्यादा पॉपुलर होने के बावजूद वो सादगी से भरी रही। तो, कामिनी कौशल को उनके योगदान के लिए कई सम्मानों से भी नवाजा गया। जिनमें, ‘पद्म श्री’, ‘फिल्मफेयर’ और ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ शामिल रहा।
गौरतलब है कि, कामिनी कौशल ने लगभग आठ दशकों तक हिंदी सिनेमा में काम किया और वो फेम हासिल किया, जो बहुत कम सितारों को मिलता है। जिसका सबूत यही है कि, कामिनी कौशल 40 के दशक की सबसे कामयाब एक्ट्रेसेस में शामिल थीं। बॉक्स ऑफिस इंडिया की टॉप एक्ट्रेस लिस्ट में 1947 और 1948 में वो टॉप एक्ट्रेस रही हैं। उन्हें साल 2022 में आउटलुक इंडिया की ’75 बेस्ट बॉलीवुड एक्ट्रेसेस’ में शामिल किया गया था।


