महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर नहीं बन पा रही बात, शिंदे गुट ने की बगावत !

 

मुंबई। देश के अंदर होने वाले लोकसभा चुनावों का बिगुल अब बज चुका है। यही वजह है कि देश के अंदर सियासी तापमान अब चरम पर पहुंच चुका है। सभी राज्यों में राजनीतिक दल पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं और अपनी-अपनी पार्टी को ज्यादा से ज्याजा सीटें दिलाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। इसी क्रम में लोकसभा सीटों के नजरिए से देश के दूसरे सबसे बड़े व प्रमुख राज्य महाराष्ट्र में सियासी हलचल लगातार जारी है। प्रदेश में सियासी उठापटक लगातार मची हुई है और परिस्थितियां लगातार बदल रही हैं। दरअसल, ये उठापटक मची हुई है सीटों के बंटवारे को लेकर। क्योंकि ये सीट बंटवारा न तो अभी तक सत्ता पक्ष के गठबंधन महायुति में हो पाया है। और न ही विपक्षी गठबंधन एमवीए में भी सीट बंटवारे पर कोई आपसी सहमति बन पा रही है।

हालांकि, भाजपा का कहना है कि महायुति में बात बन गई है और सब कुछ डन है। इसीलिए उसने 20 सीटों पर प्रदेश में अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए। लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए ऐसा लगता है कि अभी तक महायुति में सीट बंटवारे पर आपसी सहमति नहीं बन पाई है। इसकी वजह ये है कि गठबंधन में भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना शिंदे गुट और अजित पवार की एनसीपी भाजपा के फॉर्मूले पर अब तक तैयार नहीं हुए हैं। क्योंकि भाजपा अपने नेतृत्व के अंदर इन दोनों ही दलों को काफी कम सीटें दे रही है। जो इन दलों को पसंद नहीं आ रही है। इसीलिए उस पर न तो एनसीपी तैयार हो रही है. और न ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना। अब एकनाथ शिंदे की शिवसेना की तरफ से कुछ नेताओं ने भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा करना शुरू कर दिया है।

दरअसल, बारामती सीट को लेकर अब महायुति के अंदर भी विवाद की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। ये स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता विजय शिवतारे। जाहिर है कि बारामती सीट एनसीपी का गढ़ रही है। यहां से शरद पवार, अजित पवार से लेकर वर्तमान समय में एनसीपी शरद पवार गुट की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले लोकसभा सांसद हैं। सुप्रिया पिछली दो बार से बारामती सीट से जीत रही हैं। और अब तीसरी बार भी वो चुनावी मैदान में हैं। तो वहीं अजित पवार के भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में जाने के बाद अब सुप्रिया सुले के सामने उनकी भाभी यानी अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार इस बार ताल ठोकेंगी।

क्योंकि गठबंधन में बारामती सीट अजित पवार की एनसीपी को मिली है। लेकिन अब शिंदे गुट के नेता विजय शिवतारे ने भी बारामती से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है और पूरे जोश के साथ इस क्रम में आगे बढ़ रहे हैं। शिवसेना शिंदे गुट के नेता विजय शिवतारे ने शरद पवार पर निशाना साधा। उन्होंने पवार परिवार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि लोगों को हमेशा पवार परिवार के सदस्यों को वोट क्यों देना चाहिए? विजय शिवतारे ने बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। इस सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले लगातार जीत रही हैं। इससे पहले, उनके पिता और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के संस्थापक-अध्यक्ष शरद पवार 6 बार और उनके चचेरे भाई वर्तमान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख अजित पवार एक बार 1991 में यहां से चुने गए थे। ऐसे में इस बार जब शरद पवार और अजित पवार अलग-अलग हैं तो अजित पवार ने बहन सुप्रिया सुले के सामने आपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाने की तैयारी की है।

ताकि बारामती सीट को शरद पवार से छीना जा सके। लेकिन इस बीच अब बारामती लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पुरंदर के पूर्व विधायक विजय शिवतारे निर्दलीय चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं क्योंकि उनकी पार्टी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ सत्तारूढ़ सहयोगी हैं। ऐसे में अब अगर शिवतारे भी बारामती से चुनाव लड़ते हैं तो जाहिर है कि इससे नुकसान महायुति गठबंधन को ही होगा। क्योंकि वो शरद पवार के विरोधी वोटों को ही काटेंगे। पिछले लगभग 10 दिन से, विजय शिवतारे बारामती लोकसभा सीट के लिए जोरदार कोशिश कर रहे हैं।

जबकि यह स्पष्ट हो गया है कि सुनेत्रा पवार महा विकास अघाड़ी की संयुक्त उम्मीदवार सुप्रिया सुले के खिलाफ संभावित उम्मीदवार हैं। यह घोषणा करते हुए कि वह आम मतदाताओं की आवाज’ उठाएंगे, विजय शिवतारे ने अजित पवार पर निशाना साधा और तर्क दिया कि बारामती के लोग यहां पवार की ‘दादागिरी’ से निराश हैं। विजय शिवतारे ने कहा कि पहले इस पवार को वोट दें, फिर उस पवार को, अब कोई अपनी पत्नी को आगे बढ़ाना चाहता है। कल वे कहेंगे कि पवार के बेटे या बेटी को वोट दें। यहां लोकतंत्र खत्म हो गया है। पवार परिवार को कब तक और क्यों वोट देना चाहिए, क्या हमें हमेशा वोट देते रहना चाहिए?

विजय शिवतारे के इस तरह के बयान महायुति गठबंधन में चिंताएं पैदा कर रहे हैं। क्योंकि उनके बारामती से चुनाव लड़ने के फैसले और इस तरह के बयानों से अजित पवार के साथ-साथ भाजपा भी नाराज दिख रही है। और वो शिवतारे को शांत कराने के लिए एकनाथ शिंदे पर दबाव बना रही है। यही वजह रही कि सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवतारे को अपने घर पर बुलाया। लेकिन जानकारी के मुताबिक, विधायक ने उनकी बात नहीं सुनी। पुरंदर में प्रभाव का दावा करते हुए, विजय शिवतारे ने कहा कि अगर मैं यहां के लोगों से कहूंगा कि वे पवार को वोट न दें, तो वे नहीं देंगे। इंदापुर या बारामती जैसे अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी यही स्थिति है। कोई भी उन्हें नहीं चाहता है और स्थानीय लोग अच्छे विकल्पों के लिए तरस रहे हैं।

उन्होंने संसद और विधानसभा दोनों सीटों पर चार दशकों से अधिक समय तक बारामती पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए पवार की आलोचना की। और कहा कि बारामती शहर से परे बहुत कम विकास कार्य हुए हैं। घटनाक्रम से परेशान राकांपा के ठाणे प्रमुख आनंद पी. परांजपे ने चेतावनी दी कि यदि विजय शिवतारे बारामती में समस्या पैदा करने पर अड़े रहे, तो यह ठाणे में (शिवसेना) के लिए विनाश का कारण बन सकता है। बता दें कि ठाणे सीएम शिंदे का गृह जिला है। उनके बेटे और मौजूदा सांसद श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा से हैट्रिक बनाने की उम्मीद कर रहे हैं और परांजपे के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। बीजेपी ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है, जबकि राकांपा-सपा के किसी भी बड़े नेता ने बारामती में चल रहे नाटक पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।

लेकिन इतना तो साफ है कि शिंदे गुट के नेता विजय शिवतारे ने महायुति गठबंधन में रार पैदा कर दी है और इससे भाजपा भी खासा नाराज नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर अब तक सीट बंटवारे पर बात फाइनल न हो पाने के कारण अब कुछ चर्चाएं भी लगातार फैल रही हैं। एक चर्चा ये भी चल रही है कि कहीं उद्धव ठाकरे वापस भाजपा के साथ एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इन चर्चाओं ने अभी महाराष्ट्र की सियासत को हवा दी ही थी कि इस मामले पर भाजपा नेता व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया सामने आ गई है। उद्धव के एनडीए में आने पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी का शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट के साथ समझौते का कोई सवाल ही नहीं उठता है।  हालांकि, उन्होंने राज ठाकरे के मनसे के साथ सीट शेयरिंग की संभावना से इनकार नहीं किया। राज ठाकरे के मनसे के साथ गठबंधन की संभावना पर बीजेपी नेता ने कहा कि उनसे बातचीत नहीं चल रही है। लेकिन “गठबंधन से इनकार भी नहीं है”।

वहीं दूसरी ओर एमवीए में भी तारीख पर तारीख दी जा रही हैं। लेकिन सीट शेयरिंग पर बात फाइनल नहीं हो पा रही है। इस बीच उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में अरविंद सावंत को उम्मीदवार घोषित कर दिया। मुंबई की एक सभा में उन्होंने कहा कि वो अरविंद सावंत के नाम की घोषणा कर रहे हैं और उनसे चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि अरविंद सावंत को आपने दो बार सांसद बनाया। तीसरी बार उन्हें मौका दीजिये। सावंत साउथ मुंबई से लोकसभा के सांसद हैं। बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार घोषित कर दिया था। इसको लेकर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कड़ी आपत्ति भी जताई।

दरअसल, महाविकास अघाड़ी के सीट बंटवारे में दो सीट सांगली और रामटेक पर खींचतान जारी है। ऐसा देखा जा रहा है कि इन दोनों सीटों को लेकर ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच खींचतान चल रही है। शिवसेना उद्धव समूह और कांग्रेस ने सांगली और रामटेक दोनों सीटों पर दावा किया है। इन दोनों सीटों पर कल चर्चा हुई। हालांकि, रास्ता नहीं निकला। यही वजह है कि अब तक एमवीए में सीट बंटवारे पर रैंच मची हुई है। फिलहाल अब जब चुनावी बिगुल बज चुका है। और सबकुछ साफ हो गया है। फिर भी अभी तक महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर बात फाइनल न हो पाना सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही लिए चिंता की बात है।

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