शिवराज सरकार का भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार व घोटालाराज जग जाहिर: राजपूत
कमलनाथ को ‘ठग’ बताने पर भाजपा पर बरसे कांग्रेस प्रवक्ता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को ठग बताया था। सीएम के इस बयान पर कांग्रेस ने पटलवार करते हुए शिवराज को घोटालाराज बताया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता की। जहां उन्होंने कहा कि रोज सोचता हूं कि मप्र के 18 साल के शिवराज शासनकाल का कोई तो अच्छा काम होगा, जिस विषय पर आप साथियों से वार्ता करूंगा। लेकिन मैं हर रोज गलत साबित हो जाता हूं।
हर रोज शिवराज सरकार का भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार खबर की शक्ल में सामने आ जाता है। अब आज आदिम जाति कल्याण विभाग का भ्रष्टाचार सामने आ गया है, जिसमें 10 करोड़ रू. का घोटाला हुआ है। सात साल से सह-आयुक्त रहे आठ अफसरों पर न्यायालय ने भी भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने का आदेश जारी किया है, जिसमें न्यायालय ने कहा कि नियम विरुद्ध उन्होंने खाते से ही आहरण राशि जारी रखी।
राजपूत ने आरोप लगाते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री का सभी तरह के भ्रष्टाचारियों को सरंक्षण प्राप्त है। अधिकारी खुलेआम नियम विरुद्ध खाता खोलते थे और उससे राशि खुद ही निकालते थे। शिवराज जी ये पैसा किसको जाता था। कहीं ये पैसा सिंधिया वाले गद्दारों को खरीदने के काम तो नहीं आता था। राजपूत ने कहा कि शिवराज जी आपके शासन में तो आदिवासियों पर अत्याचार की और आदिवासी विभाग में अत्याचार की पराकाष्ठा हुई है।
मप्र में सबसे अधिक आदिवासी समाज के लोग अनादिकाल से रह रहे हैं। किंतु पिछले 18 सालों की शिवराज सरकार में आदिवासी वीभत्स यातना, अमानवीय प्रताडऩा और आत्मा को छलनी करने वाले कुकृत्यों के शिकार हैं। और शिवराज सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। सत्ता के नशे में मदमस्त भाजपा नेताओं ने आदिवासी समाज के खिलाफ नरपिशाची कृत्यों की सारी हदें पार कर दी हैं। कभी आदिवासी समाज के लोगों को अपमानित करने के लिए सरेआम निर्ममता से उनके ऊपर पेशाब करते हैं और उसका वीडियो बनाकर वायरल भी करते हैं। कभी आदिवासियों के खिलाफ प्रतिशोध की आग में जल रही शिवराज सरकार विदिशा में आदिवासियों पर गोली दागते हैं और आदिवासी समाज के युवक को मौत के घाट उतारते हैं।
जानवरों के खाने लायक भी नहीं अनाज
कभी शिवराज सरकार आदिवासियों के जिलों में ऐसा अनाज बांटती है जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या शिवराज सरकार में आदिवासी जानवरों से भी बदतर हो गए हैं? कभी शिवराज सरकार आदिवासी भाइयों के 3.22 लाख से अधिक वनाधिकारी पट्टे निरस्त करती है और आदिवासियों को दर-ब-दर भटकने पर मजबूर करती है। आदिवासी समाज अपने स्वाभिमान के लिए जल, जगंल, जमीन की लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी आदिवासी समाज के साथ दृढ़ता के साथ खड़ी है।
अपने मंत्रिमंडल के भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं कराती मोदी सरकार : सुशील शुक्ला
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद के बयान पर पलटवार
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बयान पर पलटवार किया है। राजीव भवन में पत्रवार्ता में बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व की रमन सरकार और अपने मंत्रिमंडल के भ्रष्टाचार की जांच क्यों मोदी सरकार क्यों नहीं कराती है? रमन सिंह के और उनके मंत्रियों के 1 लाख करोड़ के घोटाले पर क्यों चुप है रविशंकर प्रसाद। 36 हजार करोड़ के नान घोटाले और 6200 करोड़ के चिटफंड घोटाले और पनामा पेपर घोटाले पर मोदी सरकार जांच क्यों नहीं करवाती? एआईसीसी संचार विभाग की कोआडिनेटर राधिका खेरा ने कहा कि आज रविशंकर प्रसाद छत्तीसगढ़ पधारे हैं , उनका स्वागत है। पितृपक्ष अभी चल रहा है। दावा करते हुए कहा कि हार सामने देखकर उनको उनके पूर्वज दिखाई दे रहे हैं और जोगी जी बहुत याद आ रहे हैं जो उनके बी टीम के मुखिया थे। ब?ी याद आ रही है उनको। 3 दिसंबर को उनका काल आता हुआ दिखाई दे रहा है। वो जोगी जी याद आ रहे जब रमन सिंह को 20 साल पहले सरकार मिली थी विरासत में कांग्रेस में। नक्सलवाद दक्षिण बस्तर के 2 ब्लॉक तक सीमित था। आरोप लगाते हुए कहा कि 15 साल में रमन सिंह के कुशासन में नक्सलवाद 14 जिलों में फैला दिया। किसी भी प्रदेश के मुखिया के लिये बड़ी शर्म की बात है कि उनका खुद का गृह क्षेत्र और जहां से वो चुनाव लड़ते हैं वो नक्सल क्षेत्र से घिर गये। बात करते है कि यहां पर आतंक चल रहा है। जो उनको विरासत में मिला उनको वो संभाल नहीं पाये। छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद के हवाले कर दिया। उनको सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं। 5 साल पहले तक जब कांग्रेस की सरकार नहीं थी, जब रमन सिंह की सरकार थी तो छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पहचाना जाता था। आज छत्तीसगढ़ की पहचान होती है आज धान से, धनी किसान के नाम से जाना जाता है।