दिवाली के बाद उत्तर भारत में स्मॉग का कहर, दिल्ली-NCR में AQI खतरनाक स्तर पर
दिवाली की रोशनी बिखरने के बाद उत्तर भारत के आसमान पर स्मॉग का काला बादल फिर से छा गया है। पंजाब, हरियाणा, और दिल्ली-एनसीआर के शहरों में लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दिवाली की रोशनी बिखरने के बाद उत्तर भारत के आसमान पर स्मॉग का काला बादल फिर से छा गया है। पंजाब, हरियाणा, और दिल्ली-एनसीआर के शहरों में लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। यहां गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर को पार कर चुका हैं।
पंजाब में पराली जलाने के मामलों में भले ही कमी आई हो लेकिन दिवाली के बाद से ही पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों के लिए पराली का धुआं बड़ी मुसीबत बन चुका है. लेकिन ये पराली पंजाब हरियाणा के किसानों के द्वारा उतनी संख्या में नहीं जलाई जा रही बल्कि हमारे किसानों से करीब 4 से 5 गुना पराली भारतीय सीमा से सटे पाकिस्तान के इलाकों में जलाई जा रही है. पाकिस्तान के पंजाब में लगातार पराली जलने के कारण पंजाब के कई शहरों की हवा की गुणवत्ता बेहद ही खराब हो गई है. पूरे उत्तर भारत पर इसका असर देखने को मिल रहा है क्योंकि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत समेत दूसरे राज्यों की वायु गुणवत्ता खराब होनी शुरू हो गई है.
पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) चंडीगढ़ की संयुक्त टीम की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं. अगले दो सप्ताह महत्वपूर्ण रहने वाले हैं क्योंकि धान की कटाई के साथ पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
रिपोर्ट के अनुसार 1 सितंबर से 26 अक्टूबर तक पाकिस्तान के पंजाब में पराली जलाने के अब तक 5700 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. जबकि भारतीय पंजाब में सिर्फ 743 और हरियाणा में अब तक 300 से अधिक जगह पराली जली है. अगर पिछले साल से तुलना की जाए तो पंजाब में पराली जलाने के अब तक 58 प्रतिशत मामले कम हो गए हैं जबकि हरियाणा में 65 प्रतिशत कमी आई है.
अगर दिवाली के दिन की बात की जाए तो 20 अक्टबर को पाकिस्तान के पंजाब में 1750 जगह पराली जली है वहीं
इसी दिन भारतीय पंजाब में 200 और हरियाणा में 61 जगह पराली जलाने के मामले पकड़ में आए हैं. हालांकि, रविवार को पंजाब में इस सीजन में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आये हैं.
पराली जलाने में टॉपर जिला
रविवार को 122 नये मामलों के साथ भारतीय पंजाब में इस सीजन में पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 743 हो गई है। वहीं इसी बीते रविवार को पाकिस्तान में करीब 600 पराली जलाचने के मामले हुए हैं. भारतीय पंजाब के तरनतारन जिले में अब तक 224 मामले सामने आये हैं और ये जिला पराली जलाने में टॉप पर है. इसके बाद अमृतसर में अब तक कुल 154 मामले सामने आ चुके हैं.
भारतीय पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ अब तक 16 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. 266 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 296 मामलों में किसानों की जमीन के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है. भारतीय पंजाब में पिछले 6 दिन में ही पराली जलाने के कुल 328 मामले पंजाब में सामने आये हैं. आने वाले दिनों में धान की कटाई तेजी से होगी ऐसे में इन मामलों की संख्या और भी बढ़ सकती है. लगातार पराली जलाए जाने की वजह से पंजाब के कई शहरों का AQI बेहद खराब हुआ है.
रविवार को जालंधर का AQI 439, बठिंडा का 321, लुधियाना का 260, अमृतसर का 257, पटियाला का 195 और मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 153 रिकॉर्ड किया गया. पीजीआई की टीम सैटेलाइट से पराली जलाने की मामलों की निगरानी कर रही है. विभागीय टीम की पकड़ से जो मामले बच जाते हैं ये टीम उन मामलों पर भी नजर रख रही है.
एक ही दिन में पराली जलाने के इतने मामले सामने आने के बाद ये साफ है कि आने वाले दिनों में पराली जलने के मामलों में बढ़ोतरी होगी जिसका सीधा असर वायु गुणवत्ता पर देखने को मिलेगा. अक्टूबर के अंतिम सप्ताह और नवंबर के पहले सप्ताह में हर बार ही AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है. इस साल भी पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कई इलाकों में ऐसे ही हालात बने हुए हैं. पिछले कुछ दिनों से हवा का डायरेक्शन इस तरह से है कि पाकिस्तान के पंजाब में जो पराली जलाई जा रही है उसका असर वहां के शहरों पर कम और पाकिस्तान से हवा का रुख हरियाणा, पंजाब और दिल्ली की तरफ होने के कारण भारत के इलाकों में ज्यादा नुकसान हो रहा है.
इसके अलावा पाकिस्तान में धड़ल्ले से जो पराली जल रही है उससे कई एयर शैड बन रहे हैं जोकि हवा के साथ भारतीय इलाके में आकर प्रदूषण की पूरी चादर आसमान में फैलाए हुए हैं. चंडीगढ़ पीजीआई से इस टीम का नेतृत्व सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र खैवाल कर रहे हैं. खैवाल ने बताया कि आने वाले दिनों में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी क्योंकि धान की कटाई अब रफ्तार पकड़ेगी. पाक पंजाब में जल रही पराली का असर पूरे उत्तर भारत में अधिक देखने को मिल सकता है क्योंकि वहां पराली जलाने के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है.
डॉ. खैवाल ने बताया कि हमारी टीम बीते दस वर्षों से लगातार पराली जलाने के मामलों पर निगरानी रखने के लिए सैटेलाइट की मदद ले रही हैं. पाकिस्तान के पंजाब में पराली जलाने से उत्तर भारत की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका है. सैटेलाइट डाटा के अनुसार, पाकिस्तान में भारत के मुकाबले पराली जलाने के मामले बहुत अधिक हैं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खेतों में जल रही पराली की धुआं अब ना सिर्फ वहां के स्थानीय इलाकों की हवा को दूषित कर रही है, बल्कि उसका जहरीला असर हवा के रुख के कारण पाकिस्तान की सीमाओं को लांघकर पंजाब-हरियाणा से होकर दिल्ली तक पहुंचने लगा है.
सैटेलाइट तस्वीरों से भी साफ होता है कि पाकिस्तान में लगातार जो पराली जल रही है उन मामलों की संख्या भारतीय पंजाब और हरियाणा के इलाकों से कई गुना है. साथ ही इस मौसम में हवा का रुख हमारी तरफ होने के कारण भी पराली का धुआं पाकिस्तान के शहरों को उतना नुकसान नहीं पहुंचा रहा जितना हवा के साथ बहकर ये जहरीला धुआं भारतीय इलाकों को नुकसान पहुंचा रहा है. दिल्ली तक इसका असर दिखाई दे रहा है. 10 नवंबर तक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और भारतीय पंजाब में पराली जलाने के मामले अपने पीक पर आ सकते हैं. जिससे प्रदूषण की ये समस्या और भी बढ़ सकती है. हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस नमी वाले मौसम में जो प्रदूषण के हालात बने हैं उसके लिए पराली जलने के अलावा अन्य भी कई कारण जिम्मेदार हैं.



