यूपी में फिर हैवानियत: सिर फोड़ा, पेट फाडक़र आतें निकाली बाहर

हाथ की उंगलियां भी काटी, लॉ स्टूडेंट के साथ कानपुर में बर्बरता, यूपी पुलिस पर उठे सवाल

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। यूपी की योगी सरकार की पुलिस एकबार फिर सवालों के घेरें में आ गई है। कानपुर में एक चौंकाने वाले हमले में 22 वर्षीय लॉ छात्र का पेट फाड़ दिया गया और उसकी दो उंगलियां काट दी गईं साथ ही उसके सिर को भी फोड़ दिया गया।
पुलिस ने रविवार को बताया कि एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र अभिजीत सिंह चंदेल पर दवा की कीमत को लेकर हुए विवाद में चाकू से हमला किया गया। पुलिस ने बताया कि कानपुर विश्वविद्यालय का छात्र और केशवपुरम निवासी चंदेल अपने घर के पास एक दवा की दुकान पर गया था, जहाँ उसकी दुकान के मालिक अमर सिंह चौहान से दवा की कीमत को लेकर बहस हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावरों ने अभिजीत पर चाकू से बार-बार वार किया, जिससे उसका सिर और पेट फट गया। घाव से उसकी आंतें बाहर निकल आईं और उसकी दो उंगलियां कट गईं। खून से लथपथ अभिजीत सडक़ पर गिर पड़ा, जबकि हमलावर मौके से भाग निकले।

पैसों के विवाद में लॉ छात्र का सिर फोड़ दिया गया

कानपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी प्रथम वर्ष का छात्र अभिजीत शनिवार रात करीब 9 बजे दवा खरीदने एक मेडिकल स्टोर गया था। जो एक सामान्य काम होना चाहिए था, वह उस समय एक भयावह अनुभव में बदल गया जब दुकान के मालिक अमर सिंह के साथ कथित तौर पर भुगतान को लेकर तीखी बहस हो गई। स्थिति तब नियंत्रण से बाहर हो गई जब अमर के भाई विजय सिंह और उनके साथी प्रिंस राज श्रीवास्तव और निखिल भी भिड़ गए।

पुलिस से जुड़े होने के आरोप

अभिजीत की माँ, नीलम सिंह चंदेल ने आरोप लगाया कि हमलावरों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है और उन्होंने ध्यान भटकाने के लिए उनके घायल बेटे के खिलाफ जबरन वसूली और डकैती का झूठा मामला दर्ज कराया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरोपियों में से एक, प्रिंस राज श्रीवास्तव का आपराधिक रिकॉर्ड है और उस पर काकादेव पुलिस स्टेशन में जबरन वसूली और ज़मीन हड़पने के आरोप हैं।

महागठबंधन व एनडीए में वार-पलटवार बेसुमार

बिहार में तेजी में प्रचार, वक्फ कानून पर तेजस्वी बोले- सरकार बनी तो राज्य में लागू नहीं होगा कानून

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है। इस बीच वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर इंडिया गठबंधन ने अपना रुख और कड़ा कर लिया है। उधर मुकेश सहनी ने भी सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला।
इन सबके बीच भाजपा व जदयू ने भी राजद व गठबंधन को घेरा है। राजद नेता तेजस्वी यादव और भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने को साफ कहा कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी, तो इस कानून को राज्य में लागू नहीं होने दिया जाएगा।

सरकार बनते ही कूड़ेदान में डाल दिया जाएगा वक्फ कानून : तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने सीमांचल के कटिहार जिले में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नई सरकार बनने पर इस विवादित वक्फ कानून को कूड़ेदान में डाल दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार इस कानून के जरिए समुदायों के बीच दरार डालने की कोशिश कर रही है। तेजस्वी के इस बयान को कांग्रेस सांसद तारिक अनवर का भी समर्थन मिला। अनवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वक्फ कानून के खिलाफ है और तेजस्वी के इस रुख का हम पूरा समर्थन करते हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि ममता बनर्जी जैसी विपक्षी नेता भी इस विधेयक का विरोध करती रही हैं।

अस्वस्थ सीएम के हाथों में 13 करोड़ जनता का भविष्य नहीं सौंपा जा सकता : मुकेश सहनी

वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने दरभंगा पहुंचकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब पूरी तरह अस्वस्थ हो चुके हैं। ऐसे में बिहार के 13 करोड़ लोगों का भविष्य एक अस्वस्थ व्यक्ति के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता। सहनी ने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं है। 70 वर्ष की उम्र में कोई भी व्यक्ति अस्वस्थ हो सकता है, लेकिन बिहार जैसे राज्य का नेतृत्व अब युवा हाथों में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2005 में नीतीश कुमार जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो जनता ने उन्हें अवसर दिया। 2010 तक उन्होंने कुछ विकास भी दिखाया, लेकिन 2015 में वे लालू प्रसाद यादव की ‘बैसाखी’ पर सवार होकर फिर सत्ता में लौटे। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में महज 42 विधायकों के साथ वे भाजपा और वीआईपी के समर्थन से किसी तरह मुख्यमंत्री बने।

शराबबंदी का बंद होगा ढोंग : दीपांकर भट्टाचार्य

इसी बीच भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य ने पटना में अपनी पार्टी का घोषणापत्र परिवर्तन संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि बिहार में न केवल वक्फ अधिनियम, बल्कि केंद्र द्वारा लाए गए अन्य सभी संघीय ढांचे के खिलाफ कानूनों को भी लागू नहीं किया जाएगा उन्होंने राज्य में 2016 से लागू शराबबंदी कानून को ढोंग बताया और कहा कि सत्ता में आने पर इस कानून की समग्र समीक्षा की जाएगी। वहीं, जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने भी शराबबंदी पर बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो यह फर्जी शराबबंदी कानून खत्म कर दिया जाएगा और उससे मिलने वाला राजस्व बिहार के विकास में लगाया जाएगा।

सीजेआई गवई ने उत्तराधिकारी के तौर पर की जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की

भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सीजेआई बीआर गवई ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है। उन्होंने कानून मंत्रालय को चि_ी लिखी है. इससे पहले कानून मंत्रालय ने सीजेआई को पत्र लिखा था और अपने उत्तराधिकारी का नाम मांगा था। 23 नवंबर, 2025 को मुख्य न्यायाधीश गवई रिटायर हो रहे हैं। इसके बाद 24 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।
दरअसल, परंपरा के मुताबिक कानून मंत्रालय सीजेआई को उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगता है. इसके बाद वर्तमान ष्टछ्वढ्ढ औपचारिक रूप से पद छोडऩे से लगभग 30 दिन पहले, पद धारण करने के लिए उपयुक्त माने जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज के नाम की सिफारिश करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्य कांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं।
उनको 24 नवंबर को पदभार ग्रहण करना है और उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा। वे 9 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।

यूपी समेत सभी राज्यों को ’सुप्रीम’ फटकार

आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई, नगर निगम की कंप्लायंस एफिडेविट फाइल ने देने पर नाराज

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोडक़र सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को हलफनामा दाखिल न करने पर तलब किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही कंप्लायंस एफिडेविट फाइल किया है।
अदालत ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के अलावा बाकी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को 3 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया। 22 अगस्त को, कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कम्प्लायंस एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया था। आज, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने नोट किया कि केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही कम्प्लायंस एफिडेविट फाइल किया है। मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को नोटिस जारी किया था और आदेश की बड़े पैमानें पर रिपोर्टिंग भी हुई थी। जस्टिस नाथ ने कहा, लगातार घटनाएं हो रही हैं और देश की इमेज दूसरे देशों की नजर में खराब हो रही है। हम न्यूज रिपोर्ट भी पढ़ रहे हैं। जस्टिस नाथ ने खास तौर पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे से यह भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने एफिडेविट क्यों फाइल नहीं किया है।जस्टिस नाथ ने कहा, एनसीटी ने एफिडेविट फाइल क्यों नहीं किया? चीफ सेक्रेटरी को एक्सप्लेनेशन देना होगा…नहीं तो कॉस्ट लगाई जा सकती है और सख्त कदम उठाए जाएंगे…सभी राज्यों/टीएस को नोटिस जारी किए गए थे…आपके ऑफिसर अखबार या सोशल मीडिया नहीं पढ़ते? सभी ने इसकी रिपोर्ट की है…जब उन्हें पता चलेगा, तो उन्हें आगे आना चाहिए! सभी चीफ सेक्रेटरी 3 नवंबर को मौजूद रहें, नहीं तो हम कोर्ट ऑडिटोरियम में करेंगे।

देश में चक्रवात मोंथा का कहर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कटक। चक्रवात मोंथा, जिसके सोमवार तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है, 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र प्रदेश के तट पर 90-100 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
चक्रवात के नजदीक आने के साथ ही, भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी जैसे राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पिछले छह घंटों में यह मौसम प्रणाली बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक गहरे दबाव के क्षेत्र में मजबूत हो गई है। सोमवार सुबह (27 अक्टूबर) तक इसके एक चक्रवाती तूफान और 28 अक्टूबर (मंगलवार) तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। ओडिशा सरकार ने बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव के क्षेत्र के सोमवार को चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ में तब्दील होने पर संवेदनशील स्थानों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है और राज्य के आठ दक्षिणी जिलों में 128 आपदा प्रतिक्रिया दल तैनात कर दिए हैं।

लखनऊ के रेलवे अस्पताल में लगी भीषण आग

22 मरीजों को बचाया गया धुआं भरने से लोग बेसुध

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ के आलमबाग में स्थित रेलवे अस्पताल सोमवार सुबह अचानक आग लग गई, जिसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। समय रहते 22 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। देखते ही देखते अस्पताल परिसर में धुआं भरने लगा। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
ये घटना सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे की बताई जा रही है, जब शॉर्ट सर्किट की वजह से अचानक रेलवे अस्पताल में आग लग गई। देखते-देखते आग का धुआं चारों तरफ भरने लगा। जिसके बाद तत्काल फायर ब्रिगेड की टीम को सूचना दी गई। अस्पताल स्टफ ने फायर ब्रिगेड टीम की मदद से तेजी से मरीजों को बाहर निकाला और दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया। इन मरीजों में इमरजेंसी में भर्ती मरीज भी शामिल थे। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने किसी तरह आग पर काबू पाया। आग को बुझाने में करीब एक घंटे का समय लगा। गनीमत ये रही कि इस आग में कोई हताहत नहीं हुआ, जो मरीज भर्ती थे उन्हें भी बाहर निकाल लिया गया और दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।

शॉर्ट सर्किट की वजह से अस्पताल में लगी आग

आग कैसे और क्यों लगी इसे लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन प्रथम दृष्टया आग की वजह से शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है. ये आग अस्पताल के सीसीटीवी रूम में लगी थी. जिसके बाद धुआं अस्पताल के दूसरे वार्डों में घुसने लगा, जिससे मरीजों को साँस लेने में परेशानी होने लगी।्र

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