तो अपने ही दांव में फंस गयी भाजपा!
पीयूष जैन से मिले करोड़ों रुपयों को क्यों बताया जा रहा टर्नओवर
4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में विधान सभा चुनाव के पहले कारोबारी पीयूष जैन के यहां जीएसटी की छापेमारी में 194 करोड़ बरामद हुए। इसको लेकर प्रदेश की सियासत गर्म हो गयी है। इस अघोषित संपत्ति का वारिस कौन है? क्या यह पैसा किसी और का है? जीएसटी टीम ने अभी तक सीजर मेमो पेश क्यों नहीं किया? काला धन अचानक टर्नओवर में क्यों बदल गया? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार विनीत नारायण, अशोक वानखेड़े, श्वेता आर रश्मि, राजेश आहूजा, चिंतक सीपी राय और वरिष्ठï पत्रकार अभिषेक कुमार के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
विनीत नारायण ने कहा, गुजरात में ट्रक पकड़े गए उसी को खोजते हुए जीएसटी टीम पीयूष जैन तक पहुंची। यह भाजपा का आदमी है। लिहाजा टर्नओवर का खेल खेला जा रहा है। अशोक वानखेड़े ने कहा, पीयूष जैन का तहखाना कई लोगों का कैश सेंटर था। इसमें शिखर पान मसाले वाले का सबसे अधिक पैसा है। जीएसटी ने उसको भी नोटिस भेजा है। इसके संबंध सीधे भाजपा से है। भाजपा इसको लेकर सपा पर निशाना साध रही है। अब उल्टे फंस गयी है। राजेश आहूजा ने कहा, जीएसटी पांच करोड़ से अधिक की बरामदगी पर गिरफ्तारी होती है। बड़ा सवाल यह है कि पीयूष जैन को गिरफ्तार किया लेकिन उससे पूछताछ क्यों नहीं हो रही है। इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए।
सीपी राय ने कहा, सवाल यह है कि क्या सैकड़ों करोड़ रुपया व्यक्ति अपने घर में रख सकता है। क्या यह देश की मुद्रा और अर्थव्यवस्था के खिलाफ अपराध नहीं है। अब इसे टर्नओवर बताकर मामले को रफा-दफा किया जा रहा है। श्वेता आर रश्मि ने कहा, एजेंसी अपना काम कर रही है। इस पूरे रेड के को लेकर अफरातफरी मचायी जा रही है और इसके जरिए सपा को निशाना साधा गया। जनता सीएम योगी से नाराज है। इससे भाजपा परेशान है। ये पैसा सत्ता पक्ष से जुड़ा है।