तो बुलडोजर ने राजनीति में बना ली है जगह!

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार दोबारा आने के साथ ही बुलडोजर का असर दिखाना शुरू हो गया है। प्रदेश में अवैध निर्माण हो या फरार अपराधी की संपत्ति सब पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ ने खुद की छवि बुलडोजर बाबा के तौर पर स्थापित कर दी। सवाल यह है कि लोकतंत्र में इसके फायदे और नुकसान क्या हैं? इसी मुद्ïदे पर वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे, डॉ. अमित चंदन, उमाशंकर दुबे, प्रबल प्रताप शाही, संतोष दुबे और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
उमाशंकर दुबे ने कहा कि गोमतीनगर विस्तार में एक लाख स्कवायर फिट की वीके सिंह की जमीन है, बिल्डिंग हैं, खसरा नंबर 28, 29, 30। उस पर उनका अनाधिकृत कब्जा है जो एलडीए की संपत्ति है मगर कार्रवाई नहीं हुई। बिल्डिंग नहीं गिराई जा सकी। सरकार जिसकी भी चाहेगी बिल्डिंग गिरा देगी और जिस पर मेहरबान तो मेहरबान। सुशील दुबे ने कहा आज ये पॉलिटिकल बुलडोजर चल रहा है। भय की जेसीबी चल रही है। आने वाले समय के लिए ये उचित नहीं है। डॉ. अमित चंदन ने कहा, कह सकते हैं कि राजनीति का बुलडोजर चल रहा है। एक तरीके से भय क्रिएट किया जा रहा है। ये जो चल रहा है, बदले की भावना में परिवर्तित होने वाला है क्योंकि जब सरकार बदलेगी तो भविष्य में जाकर कहीं न कहीं ये विकराल रूप लेगा। सत्ता किसी की भी हो, वह अपने लोगों का संरक्षण जरूर करता है। बिल्डिंगों को गिराने की बजाय उसे कानूनी रूप से सरकार अपने कब्जे में लेकर समाज के काम में उपयोग करें तो बेहतर होगा। प्रबल प्रताप शाही ने कहा भाजपा के लोग तालिबान से ज्यादा प्रभावित हंै। जैसे तालिबान का शासन कोई आदेश नहीं मानता कोर्ट-कचहरी को नहीं मानता, वैसे ही वर्तमान सरकार है। बस एक ही दिन में प्रक्रिया के तहत बिल्डिंग गिरा दी जाए। संतोष दुबे ने भी परिचर्चा में विचार रखे।

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