देश में पहली बार होगा स्पीकर का चुनाव
लोकसभा अध्यक्ष पर सरकार और विपक्ष में आर-पार
- सत्ता और विपक्ष में नहीं बनी सहमति
- ओम बिरला और के. सुरेश के बीच होगा मुकाबला
- डिप्टी स्पीकर की मांग पर अड़ा विपक्ष
- राहुल बोले- मोदी कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है। 24 जून से शुरू हुए इस सत्र में पहले और दूसरे दिन नवनिर्वाचित सांसदों द्वारा लोकसभा सदस्य की शपथ ली जा रही है। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासत गरमा गई है। पहले सत्र के दूसरे दिन लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों के बीच हाई वोल्टेज सियासत देखने को मिली और अंतत: दोनों के बीच तलवारें खिंच गईं। जिसके बाद अब भारत के इतिहास में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कल यानी 26 जून को होगा। सत्ता पक्ष एनडीए की ओर से ओम बिरला जबकि विपक्षी यानी इंडिया गठबंधन की ओर से 8 बार के सांसद और केरल कांग्रेस के नेता के. सुरेश ने स्पीकर पद के लिए नामांकन भर दिया है। आज सुबह पहले ऐसी खबरें आईं कि विपक्ष और सरकार के बीच स्पीकर पद को लेकर सहमति बन गई है और विपक्ष अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगा। लेकिन अचानक ही विपक्ष ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। दरअसल, विपक्ष की मांग डिप्टी स्पीकर पद की थी, जिसे लेकर वो अड़ गया। विपक्ष ने पहले ही कहा था कि अगर डिप्टी स्पीकर का पद नहीं मिलता है तो वो भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे।
खरगे से तीन बार हुई बात : राजनाथ
राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे एक वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। कल से मेरी उनसे तीन बार बातचीत हो चुकी है।
राजनाथ ने नहीं बैक की खरगे को कॉल : राहुल
शुरुआत में खबर थी कि लोकसभा स्पीकर को लेकर एनडीए और विपक्ष के बीच सहमति बन गई है और ओम बिरला एक बार फिर स्पीकर पद संभालेंगे। लेकिन संसद पहुंचने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के बयान से सियासत गरमा गई। राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष के पास राजनाथ सिंह का कॉल आया था। उन्होंने कहा था कि स्पीकर पद पर विपक्ष को समर्थन करना चाहिए और एक राय बनानी चाहिए। हमने कहा कि हम स्पीकर का समर्थन करेंगे, लेकिन डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा था कि मल्लिकार्जुन खडग़े को कॉल बैक करेंगे। लेकिन वो कॉल अभी तक नहीं आया। पीएम मोदी विपक्ष से सहयोग मांग रहे हैं, लेकिन हमारे नेता का अपमान हो रहा है। मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं।
अध्यक्ष किसी पक्ष का नहीं पूरे सदन का होता है : पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पहले उपाध्यक्ष कौन होगा ये तय करें फिर अध्यक्ष के लिए समर्थन मिलेगा, इस प्रकार की राजनीति की हम निंदा करते हैं। स्पीकर किसी सत्तारूढ़ पार्टी या विपक्ष का नहीं होता है वो पूरे सदन का होता है, वैसे ही उपाध्यक्ष भी किसी पार्टी या दल का नहीं होता है पूरे सदन का होता है। किसी विशिष्ट पक्ष का ही उपाध्यक्ष हो ये लोकसभा की किसी परंपरा में नहीं है।
बीते 10 सालों में भारतीयों को हुआ अघोषित आपातकाल का एहसास : खरगे
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि देश भविष्य की ओर देख रहा है, आप अपनी कमियां छिपाने के लिए अतीत को ही कुरेदते रहते हैं। बीते 10 सालों में 140 करोड़ भारतीयों को आपने जो अघोषित आपातकाल का आभास करवाया, उसने लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुंचाया है। पार्टियों को तोडऩा, चोर दरवाजे से चुनी हुई सरकारों को गिरना, 95 फीसदी विपक्षी नेताओं पर ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्रियों तक को जेल में डालना और चुनाव के पहले सत्ता का इस्तेमाल करके लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाडऩा- क्या ये अघोषित आपातकाल नहीं है? मोदी जी सहमति और सहयोग की बात करते हैं पर उनके एक्शन इसके विपरीत हैं।
टीएमसी का आरोप- हमसे नहीं ली गई सलाह
कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन की तरफ से स्पीकर पद के लिए के. सुरेश के नाम का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन इसे लेकर इंडिया गठबंधन में एकराय बनती नहीं दिख रही है। टीएमसी का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार को मैदान में उतारने के बारे में टीएमसी से कोई सलाह नहीं ली गई। बयान दिए जाने से पहले इंडिया ब्लॉक के साथ कोई परामर्श नहीं किया गया और न ही कोई सामूहिक फैसला लिया गया है। टीएमसी ने अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं। वे ममता बनर्जी की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।