मेरठ में मंदिर में पथराव, करोड़ों की जमीन का विवाद
मेरठ। मेरठ के बाबा मनोहर नाथ मंदिर में रविवार रात जमकर बवाल हुआ। मंदिर में ईंट-पत्थर चले। कुर्सियां, गाडिय़ां और सारा सामान तोडफ़ोड़ कर बिखरा दिया। करोड़ों की जमीन को लेकर मंदिर की महंत और महामंडलेश्वर गुरुमाता नीलिमानंद और दूसरे पक्ष सुशील गिरी का लंबे समय से विवाद है। इसको लेकर पहले भी दोनों पक्षों में झगड़ा होता रहा है। रविवार को दोबारा दोनों पक्षों में विवाद हुआ।
गुरुमाता नीलिमानंद का आरोप है कि पूरा हमला सिविल लाइन पुलिस ने करवाया। एक एसआई और पांच-छह सिपाही के साथ सुशील गिरी, उसके बेटे और कुछ बाहरी लोग मंदिर में आए। आते ही उन्होंने हम लोगों पर हमला बोल दिया। पुलिस ने आते ही कहा कि सीओ साहब के आदेश हैं। हवन कुंड नहीं बनेगा। इसके बाद पुलिस ने अपने सामने मंदिर में हमला, तोडफ़ोड़ और पथराव कराया।
थाना सिविल लाइन क्षेत्र का बाबा मनोहर नाथ मंदिर शहर के प्रमुख मंदिरों में एक है। मंदिर से सटा ऐतिहासिक सूरजकुंड है। मान्यता है कि कुंड में खुद मंदोदरी स्नान करने आती थीं। आरोप है कि गुरुमाता नीलिमानंद पर भी लाठी-डंडों से हमला किया गया। नीलिमानंद सहित 4 लोग हमले में घायल हुए हैं। अराजक लोगों ने मंदिर पर पत्थर भी फेंके। मंदिर परिसर में बने हवनकुंड को भी नष्ट कर दिया। पथराव से महंत की कार सहित अन्य वाहन भी टूट गए।
दरअसल, बाबा मनोहर नाथ मंदिर में नए साल पर निलिमानंद की ओर से हवनकुंड में हवन यज्ञ कराया गया था। इस बात का विरोध गिरी समाज के सुशील गिरी और उसके बेटों ने किया था। दो दिन से मंदिर में हवनकुंड पर यज्ञ चल रही थी। रविवार शाम को भी हवन थी। शाम के वक्त जब हवनकुंड पर यज्ञ होने लगी तो सुशील गिरी और उसके बेटों ने बाहरी लोगों के साथ हवनकुंड को हटवाने के लिए वहां आ गए। मंदिर परिसर में सुशील गिरी पक्ष के लोगों ने हंगामा कर हवनकुंड हटाने की मांग पुलिस से की। उस वक्त तो मामला निपट गया। मौके पर तीन सिपाही को तैनात किया गया था।
निलिमानंद का कहना है कि दोपहर में हम, मंदिर के पुजारी और अन्य लोग सीओ सिविल लाइन अरविन्द चौरासिया से मिलने पहुंचे। हवनकुंड पर पूजा-अर्चना की मांग की। सीओ ने उन्हें आश्वासन दिया कि आप जाइए और हवनकुं ड पर पूजा-अर्चना करिए। जब हवनकुंड पर पूजा की तैयारी करने लगे तो देर रात दस बजे सुशील गिरी, ईशांक, कपिल, शशांक और 10 से ज्यादा लोग वहां पहुंचे। उनके साथ एक स्ढ्ढ और पांच सिपाही मंदिर में पहुंचे। आते ही सुशील और उसके बेटों ने हवनकुंड में तोडफ़ोड़ कर दी। बस इसी के बाद तोडफ़ोड़ और बवाल शुरू हुआ।
सीओ सिविल लाइन अरविन्द चौरासिया मौके पर पहुंचे और मंदिर समिति के लोगों से पूछताछ की। पुलिस ने सुशील गिरी के दो बेटों को हिरासत में लिया है। चार घायलों को जिला अस्पताल के लिए भेजा गया। गुरुमाता निलिमानंद सहित मंदिर समिति के लोगों की तरफ से थाना सिविल लाइन में तहरीर दी गई है।
पहले भी बाबा मनोहर नाथ की पुण्यतिथि पर मनोहर नाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से भंडारे और समाधि स्थल पर पूजा अर्चना के लिए भक्त आए थे। इस बीच जब मनोहर नाथ मंदिर ट्रस्ट पीठाधीश्वर नीलिमानंद पक्ष के लोग समाधि स्थल पर साफ-सफाई करने पहुंचे तो वहां उपस्थित सुशील गिरी और उनके समर्थकों ने पूजा-अर्चना करने से रोक दिया। इस पर दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए थे।
सुशील गिरी मंदिर समाधि स्थल पर अपना हक बताते हैं। मंदिर अपना हक जताता है। मंदिर के स्वामित्व और अपने पूर्वजों के आधिपत्य को लेकर दोनों पक्षों के बीच सिविल कोर्ट में वाद दायर किए गए। सुशील गिरी का दावा है कि बाबा मनोहर नाथ समाधि उनके पूर्वजों की है। जबकि नीलिमानंद ने बताया कि यह मेरठ का सबसे बड़ा मंदिर मुगल बादशाह शाहजहां के समय है। यह गजट उत्तर प्रदेश सरकार 1922 में दिया गया है।