केंद्र ऋण लेने पर लगा रहा रोड़े: सुक्खू
- पुरानी पेंशन बहाली के बाद लगा दी पाबंदी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के बाद से केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार पर ऋ ण लेने पर पाबंदियां लगा दी हैं। पूर्व की भाजपा सरकार को बीते 5 साल में विभिन्न एजेंसियों से 10,000 करोड़ का ऋ ण मिला। अब पाबंदियां लगने से वर्तमान सरकार को 3 साल में 2,944 करोड़ रुपये का ही ऋ ण लेने का सीमित कर दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से शिवधाम मंडी और कन्वेंशनल सेंटर धर्मशाला को केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति का पत्र देने का आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के दौरे करने से कई जानकारियां मिल रही हैं। जिस स्वीकृति की बात जयराम ठाकुर करते हैं, वो कहां है। मुख्यमंत्री ने पालमपुर के मैंझा में मैरिज डेस्टिनेशन बनाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 100 कनाल भूमि पर करीब 40 करोड़ की राशि से मैरिज डेस्टिनेशन बनाया जाना है। यह बनने से क्षेत्र में मैदान की कमी हो जाएगी। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंझा की जगह इसे पालमपुर या सुलह के किसी अन्य क्षेत्र में बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को विधायक परमार के साथ बैठकर हल कर लिया जाएगा।
वंही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में भांग की कानूनी खेती शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के लोगों की राय ली जाएगी। इस सदन में भी इस बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा। इस संबंध में विधायकों की एक कमेटी बनाई गई है। इसे राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बनाया गया है। यह कमेटी चार देशों का दौरा करेगी। उसके बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।
बीजेपी के समय में कई प्रस्ताव सिर्फ कागजों पर चल रहे थे
सीएम ने कहा कि यह प्रस्ताव वर्ष 2018 से कागजों में ही चल रहा है। एशियन डेवलेपमेंट बैंक से इस प्रस्ताव को कोई मंजूरी नहीं मिली है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को मिलने वाले ऋ ण की सीमा को कम कर दिया है। केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने ऋ ण सीमा पर पाबंदी लगाई है। विश्व बैंक, जायका, जापान के बैंक सहित अन्य एजेंसियों से मिलने वाले ऋ ण भी इसमें आते हैं। प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बाद से यह पाबंदियां लगी हैं।