सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के मदरसों वाले फैसले पर लगाई रोक, मिलती रहेगी सरकारी फंडिंग 

4PM न्यूज नेटवर्क: सुप्रीम कोर्ट ने आज (21 अक्टूबर, सोमवार) को योगी सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों को फंडिग रोकने की NCPCR की सिफारिश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के बच्चे को सरकारी स्कूल भेजने पर रोक लगा दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। आपको बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। मदरसों को सरकारी फंडिंग मिलती रहेगी। SC ने सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों को फंडिग रोकने की NCPCR की सिफारिश पर रोक लगा दी है।

 दरअसल, योगी सरकार ने गैर-मान्यता प्राप्त और सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम छात्रों को सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर करने का निर्देश जारी किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद ने याचिका दायर की थी। यूपी सरकार का यह आदेश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की रिपोर्ट पर आधारित था। इसमें राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का पालन नहीं करने वाले मदरसों की मान्यता रद्द करने और सभी मदरसों की जांच करने को कहा गया था।

आपको बता दें कि इस याचिका की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर नोटिस जारी किया जाए। इसके अलावा NCPCR के 7 जून, 25 जून और 27 जून को जारी रिपोर्ट और इसके बाद उठाए गए सभी कदमों पर रोक लगाई जाती है।

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  • इस रिपोर्ट पर विपक्ष ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
  • अखिलेश यादव ने भाजपा पर अल्पसंख्यक संस्थानों को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया था।
  • इसके बाद एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा था कि उन्होंने कभी भी ऐसे मदरसों को बंद करने की मांग नहीं की थी।
  •  इन संस्थानों को दी जाने वाली सरकारी फंडिंग बंद कर दी जानी चाहिए, क्योंकि ये गरीब मुस्लिम बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=FAlwNvppf98

 

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