एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू बकाए पर सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाया की रीकैलकुलेशन के लिए दूरसंचार कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया है। इस खबर के आने के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 10 फीसदी तक की गिरावट आई है। वोडाफोन आइडिया का एजीआर बकाया वर्तमान में 70,300 करोड़ रुपये है। दरअसल, वोडाफोन इंडिया, भारती एयरटेल और अन्य दूरसंचार कंपनियों ने अक्टूबर 2019 के न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एक क्यूरेटिव याचिका दायर की है, जिसमें उन्हें तीन महीने के भीतर सरकार को 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया था।
अपनी याचिका में दूरसंचार कम्पनियों ने तर्क दिया कि दूरसंचार विभाग ने इन बकाया राशियों की गणना में महत्वपूर्ण त्रुटि की है, जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क शामिल हैं। फर्मों ने यह भी दावा किया कि शीर्ष अदालत ने उन पर मनमाना जुर्माना लगाया है। एजीआर यह निर्धारित करता है कि दूरसंचार कंपनियाँ सरकार के साथ राजस्व कैसे साझा करती हैं, जो लाइसेंस और स्पेक्ट्रम उपयोग से पैसा कमाती है।
एजीआर की गणना पर लगभग 20 वर्षों से विवाद चल रहा है। दूरसंचार कंपनियों का तर्क है कि इसमें केवल मुख्य राजस्व को शामिल किया जाना चाहिए, जबकि सरकार सभी राजस्व, यहां तक कि गैर-दूरसंचार आय को भी शामिल करती है। 2019 में शीर्ष अदालत ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें दूरसंचार कंपनियों को 180 दिनों के भीतर 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया। इससे उद्योग को भारी नुकसान हुआ, जिसके तुरंत बाद वोडाफोन इंडिया और भारती एयरटेल ने रिकॉर्ड घाटा दर्ज किया।

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