यौन उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम अभिनेता को दी अग्रिम जमानत
4PM न्यूज़ नेटवर्क: यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (19 नवंबर) को अग्रिम जमानत दे दी। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि अदालत ने एक्टर को राहत दी लेकिन उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने शिकायत करने में 8 साल देर क्यों लगा दी ? शिकायतकर्ता 8 साल तक पुलिस के पास नहीं गई और उसने हेमा कमेटी को भी कथित हमले की सूचना नहीं दी। वहीं सिद्दिकी को इस मामले में सहयोग करने के लिए कहा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया। मामले में SC ने कहा कि शिकायतकर्ता ने घटना के करीब 8 साल बाद FIR कराई है। यह घटना 2016 की है और FIR अगस्त 2024 में दर्ज कराई गई थी। वहीं इस बीच कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिद्दीकी के वकील ने भी यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि वह कथित पीड़िता से कभी अकेले नहीं मिले। उन्होंने ये भी दलील दी कि रेप का आरोप झूठा है।
दूसरी तरफ सिद्दीकी की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि जांच एजेंसी बार-बार सिद्दीकी का फोन और लैपटॉप मांग रही है, जो उनके पास 2016 में था। अब 2016 का फोन और लैपटॉप अब उनके पास उपलब्ध नहीं है। केरल पुलिस की ओर से पेश वकील रंजीत कुमार ने कहा कि सिद्दीकी पुलिस के समक्ष पेश जरूर हो रहे हैं, लेकिन वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और घुमा-फिराकर जवाब दे रहे हैं।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, इस साल अगस्त में मलयालम अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ एक एक्ट्रेस के आरोप के बाद बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने 2016 में उनका यौन उत्पीड़न किया था। उनके खिलाफ धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपों के बाद सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के महासचिव पद से भी इस्तीफा दे दिया।
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- अभिनेत्री की शिकायत में सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
- केरल हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया अभिनेता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आधार है।