पटना एयरपोर्ट पर साथ दिखे तेज प्रताप और रवि किशन, मरेंगे पलटी या महज इत्तेफाक!

दोस्तों बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य की सियासत इन दिनों सातवें आसमान पर है। विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है वहीं दूसरे चरण की वोटिंग को लेकर तैयारियां तेज हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य की सियासत इन दिनों सातवें आसमान पर है। विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है वहीं दूसरे चरण की वोटिंग को लेकर तैयारियां तेज हैं। राजनेता लगातार चुनावी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार जारी है। इसी बीच एक ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आई जिसने बिहार के सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है।

दरअसल हम बात कर रहे हैं लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और भाजपा सांसद रवि किशन की उस मुलाकात की जो हुई तो पटना के एयरपोर्ट पर। लेकिन उसकी चर्चा आज बिहार के सियासी गलियारों से लेकर दिल्ली दरबार तक में हो रही है। क्योंकि एक तरफ जहां यह मुलाकात महज एक इत्तेफाक बताई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सियासी पंडितों का कहना है कि ये मुलाकात कोई इत्तेफाक नहीं बल्कि बिहार की सियासत में एक नया अध्याय भी लिख सकती है। खैर ये तो चुनावी नतीजों के आने के बाद पता चल ही जाएगा लेकिन अभी मौजूदा वक़्त की अगर बात की जाए तो अभी इस मुकालात को अटकलों का बाजार गर्म है।

अब बात करें मुलाकात की तो यह मुलाकात पटना एयरपोर्ट पर हुई जहां इन दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने खुलकर अपनी बात भी रखी और एक साथ नजर आने का मतलब भी साफ़ किया। दोस्तों जैसा की आप जानते हैं बिहार विधानसभा को मद्देनजर रखते हुए जमकर चुनावी प्रचार-प्रसार चल रहा है। एक-एक दिन में एक नेता कई-कई सभाएं कर रहा है, जिसके लिए एयर रूट का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसी कारण एयरपोर्ट पर अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं का आमना-सामना भी हो रहा है.

जनशक्ति जनता दल के संस्थापक तेज प्रताप यादव और भाजपा सांसद रवि किशन को पटना एयरपोर्ट पर एक साथ देखा गया. फिर क्या दोनों नेताओं को साथ देखते ही लोगों में चर्चाएं और अटकलें तेज हो गई हैं. जब तेज प्रताप यादव और रवि किशन बातचीत करते हुए बाहर निकले, तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया और अटकलें लगाने लगे कि क्या पूर्व राजद नेता, जो कभी BJP-RSS के कट्टर आलोचक थे, अब उनका किशन के साथ दिखना किसी नए राजनीतिक समीकरण का संकेत तो नहीं है.

हालांकि आपको बता दें कि दिन भर के ताबड़तोड़ सभाओं के बाद दोनों पटना हवाई अड्डे पर उतरे थे. तेज प्रताप यादव जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं. बता दें लालू प्रसाद द्वारा राजद से निष्कासित होने के बाद ये उनका अपना दल है. वहीं किशन ने पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण ज़िलों में रैलियों को संबोधित किया, जहां उन्होंने NDA उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे.जब मीडिया कर्मियों ने रवि किशन से पूछा कि क्या कुछ संभव है, तो उन्होंने कहा कि कुछ भी हो सकता है,

बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोलेनाथ के उन सभी भक्तों के लिए अपने दरवाजे खुले रखते हैं जो निस्वार्थ सेवा में समर्पित हैं और किसी निजी स्वार्थ के लिए राजनीति में नहीं हैं. वहीं इस दौरान तेज प्रताप ने कहा, “बस मैं रवि किशन से पहली बार मिल रहा हूं. बेशक, भगवान शिव की भक्ति के मामले में हम दोनों एकमत हैं. हम दोनों माथे पर टीका लगाते हैं.” साथ ही तेज प्रताप से जब पूछा गया कि वह क्या भाजपा का साथ दे सकते हैं, तब उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया,

गौरतलब है कि इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है। अब देखना ये होगा कि चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद कौन नेता किसका दामन थामता है लेकिन अभी मौजूदा वक़्त की अगर बात की जाए तो महागठबंधन की बढ़ती लोकप्रियता के आगे NDA गठबंधन शक्ति कम होती नजर आ रही है।

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