वाम दल BJP पर नहीं मुझ पर हमला बोलते, भाजपा को पहुंचा रहे लाभ : थरूर
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बार फिर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में वाम दलों पर भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करने का आरोप लगाया है। कहा कि वाम दल दावा करते हैं कि वे विपक्षी एकता के बारे में बहुत चिंतित हैं, लेकिन वह यह बताने में नाकामयाब है कि वह भाजपा के कुशासन पर ध्यान देने की बजाय आखिर अपनी ऊर्जा उन्हें गिराने क्यों लगा रहा है।
मुझे नीचा दिखाने में अपनी ऊर्जा खत्म कर रहे वाम दल
थरूर ने कहा कि यह विडंबना है कि वाम दल संसदीय सीट पर भाजपा विरोधी मतों को बांटना चाहता है और वायनाड में गठबंधन धर्म का प्रचार करना चाहता है, जहां से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। थरूर ने कहा कि वाम दलों ने उनके खिलाफ हमेशा ऐसा किया है और वह इसके लिए उनकी आलोचना नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने साल 2009 में उनसे यह सीट ली थी।
उन्होंने आगे कहा कि उनके पूरे प्रचार अभियान का मुझ पर हमला करना दिखाता है कि वह केवल भाजपा की मदद कर रहे हैं। वाम दल दावा करते हैं कि वे विपक्षी एकता को लेकर परेशान है, लेकिन वे भाजपा के कुशासन पर ध्यान देने की बजाय अपनी ऊर्जा मुझे नीचा दिखाने में क्यों लगा रहे हैं, यह बताने में असफल रहे हैं।
अपने प्रतिद्वंदियों से बहस को तैयार: थरूर
थरूर ने यह भी कहा कि वह निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ बहस करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि वे इसमें दिलचस्पी नहीं रखते हैं और उन्होंने विभिन्न संगठनों से चर्चा के लिए कई निमंत्रण ठुकरा दिए हैं। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि उनकी हिचकिचाहट कहां से आती है। मैं सिर्फ अपने किए गए कामों पर बहस कर सकता हूं।
किसी से भी बहस करने का मेरा विश्वास मेरे संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए किए गए कामों के कारण हैं। वहीं राष्ट्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर मेरे द्वारा अपनाए गए रुख के प्रति मेरे दृढ़ विश्वास से यह कह सकता हूं कि मैं बहस कर सकता हूं।
मेरी प्राथमिकता मेरे मतदाताओं की भलाई: शशि
थरूर ने प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देते हुए कहा कि हमें विकास और राजनीति पर बहस करनी चाहिए। आइए हम महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और भाजपा के 10 सालों तक नफरत की राजनीति के प्रचार पर बहस करें। साथ ही तिरुवनंतपुरम के विकास पर बहस और पिछले 15 सालों में दिखाई देने वाली प्रगति पर चर्चा करें।
यह पूछे जाने पर कि तिरुवनंतपुरम से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ने के बाद वह ‘थकान फैक्टर’ को कैसे हराएंगे, थरूर ने तर्क दिया कि जब ठहराव होता है तो थकान खत्म हो जाती है और सांसद के रूप में मेरे कार्यकाल में इसके अलावा कुछ नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा, ‘मेरी प्राथमिक चिंता मेरे मतदाताओं की भलाई रही है और मुझे विश्वास है कि तिरुवनंतपुरम के लोग फिर से मुझ पर अपना विश्वास व्यक्त करेंगे।’