साउथ में BJP को कोई गंभीरता से नहीं लेता: थरूर

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक दलों व उनके नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर सियासी हमले काफी तेज हो गए हैं। इस बीच केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस उम्मीदवार शशि थरूर ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत में मजबूत प्रदर्शन करने के भाजपा के दावे को खारिज किया और इसे पार्टी का प्रचार तंत्र बताया। थरूर ने कहा कि उत्तर में सत्तारूढ़ पार्टी सांप्रदायिकता, धार्मिक विभाजन और जातिवादी सामाजिक दरार जैसी बातों का राग अलाप रही है, वे वहां खरे नहीं उतरते।

धर्मनिरपेक्षता देश की संस्कृति के खून में गुंथी हुई

थरूर ने दक्षिण भारत में भाजपा के आक्रामक रुख पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो पार्टी ‘विकास’ पर ध्यान केंद्रित करने का दावा करती है, उसी के एजेंडे को वह राज्य, जो सबसे ज्यादा विकासशील हैं, गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी, हिंदुत्व और हिंदुस्तान के प्रभुत्व की चाह वास्तव में हमारी बहुलवादी चेतना के लिए सबसे अधिक खतरा है। कांग्रेस नेता ने हालांकि इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता देश की संस्कृति के खून में गुंथी हुई है और यह इतनी आसानी से गायब नहीं होगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह धर्मनिरपेक्षता के लिए चुनाव करो या मरो का चुनाव था, इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि नहीं, क्योंकि राष्ट्रीय एकता की शक्तियां हमेशा भारत की मूल धर्मनिरपेक्षता के सामने आने वाली चुनौतियों पर हावी रही हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव भारत की आत्मा के लिए चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चरण है।

मैं खुद राम का भक्त हूं

देश में राम मंदिर की लहर है जो भाजपा को फायदा पहुंचा सकती है, इस पर थरूर ने कहा कि भाजपा का धर्म का राजनीतिकरण तब बहुत आगे बढ़ गया जब प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की, जिसके लिए वह स्पष्ट रूप से योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं भगवान राम का भक्त हूं। उनकी तस्वीर मेरे घर के पूजाघर में रखी है। इसलिए मुझे यह पूछने का पूरा हक है कि अपने राम को भाजपा को क्यों सौंपना चाहिए। भगवान राम पर कॉपीराइट भाजपा को किसने दिया?

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