अरबों के चंदे के धंधे ने तो भाजपा को मुंह दिखाने लायक भी नहीं छोड़ा
- विपक्ष ने मोदी सरकार व बीजेपी पर साधा निशाना
- कुल 22, 217 इलेक्टोरल बॉण्ड बेचे गयेे, सबसे ज्यादा बॉण्ड भाजपा के
- कांग्रेस बोली- 18,871 बॉण्डों की ही जानकारी सामने आई, बाकी 3,346 बॉण्डों की छिपाई गई जानकारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मोदी सरकार के कई बार अडंग़ा लगाने की साजिश के बावजूद व सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉण्ड मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से मिला डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट में 763 पेजों की दो लिस्ट डाली गई है। एक लिस्ट में इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदने वालों की डिटेल है, दूसरी लिस्ट में राजनीतिक पार्टियों को मिले बॉण्ड का ब्यौरा है। इस खुलासे में सबसे ज्यादा चंदा बीजेपी ने लिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कुल 22,217 बॉण्ड बेचे गए जबकि केवल 18,871 की ही जानकारी दी गई। बाकी के 3,346 बॉण्ड की जानकारी आखिर क्यों छिपाई गई। इस लिस्ट आने के बाद बीजेपी व मोदी सरकार को मुंह छिपाने के लिए जगह नहीं मिल रही है। उसके झंडाबरदार जवाब नहीं दे पा रहे हैं और बगले झांक रहे हैं। वहीं इसको लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार व बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। मामला इतना बड़ा है कि यह लोक सभा चुनाव-24 में कहीं भाजपा के लिए गले की फांस ने बन जाए। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान बेंच ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉण्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी। एसबीआई ने मंगलवार शाम 5.30 बजे चुनाव आयोग को डेटा सौंप दिया था। इसके बाद ईसी ने गुरुवार को इसे सार्वजनिक किया। इससे पहले 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाई थी।
तीन इंटरग्लोब इकाइयों ने 36 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड लिए
इन आंकड़ों से पता चलता है कि तीन इंटरग्लोब इकाइयों ने 36 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे थे। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने चार अक्टूबर, 2023 को पांच करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे थे। आंकड़ों के मुताबिक, इंटरग्लोब एयर ट्रांसपोर्ट ने 11 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे जबकि इंटरग्लोब रियल एस्टेट वेंचर्स ने 20 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे थे। दोनों इकाइयों ने 10 मई, 2019 को बॉन्ड खरीदे। इसके अलावा इंडिगो की प्रवर्तक कंपनी ने सात अप्रैल, 2021 को 20 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे थे। आंकड़ों से पता चलता है कि स्पाइसजेट ने तीन अलग-अलग मौकों पर 65 लाख रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे। स्पाइसजेट ने ये बॉण्ड आठ जनवरी, 2021, नौ अप्रैल, 2021 और नौ जुलाई, 2021 को खरीदे। इंटरग्लोब और स्पाइसजेट की ओर से इस सूचना पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
पार्टियों व कंपनियों के नाम के खुलासे
चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिए बीजेपी, कांग्रेस,एआईडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस को डोनेशन मिला। इलेक्टोरल बॉण्ड के खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन और सन फार्मा शामिल हैं। इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड भी शामिल हैं। ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज ने भी राजनीतिक दलों को चंदा दिया है।
3 मूल्यवर्ग के बॉण्ड की खरीद की जानकारी
चुनाव आयोग की वेबसाइट में अपलोड की गई सारी जानकारी 3 मूल्यवर्ग के बॉण्ड की खरीद से जुड़ा हुआ है। इलेक्टोरल बॉण्ड 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के खरीदे गए हैं। हालांकि, दी गई जानकारी में ये पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को डोनेशन दिया है।
शीर्ष तीन खरीदारों ने कुल 2,744 करोड़ रुपए के बॉण्ड खरीदे
जानकारी के लिए बता दें कि राजनीतिक दलों को गोपनीय चंदा देने वाली योजना में शीर्ष तीन खरीदारों ने कुल 2,744 करोड रुपए के बॉण्ड की खरीदारी की है। वेबसाइट पर अपलोड किए गए डाटा के अनुसार लक्ष्मी मित्तल, सुनील मित्तल की भारतीय एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड, आईटीसी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के नाम शामिल है।
बॉण्ड नंबरों का खुलासा नहीं करने पर एसबीआई को सुप्रीम फटकार
इलेक्टोरल बॉण्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है। अदालत ने बैंक से पूछा है कि बॉण्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया। बैंक ने अल्फा न्यूमिरिक नंबर क्यों नहीं बताया। अदालत ने एसबीआई को बॉण्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है। अदालत का आदेश है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है, अदालत ने कहा कि बॉण्ड खरीदने और भुनाने की तारीख बतानी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईसी में अपलोड करने के लिए डेटा जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉण्ड नंबरों से पता चल सकेगा कि किस दानदाता ने किस पार्टी को चंदा दिया। अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को यानी कि 18 मार्च को होगी। पहले इस मामले पर आज ही सुनवाई होनी थी और इसकी लाइव स्ट्री मिंग भी की जानी थी। लेकिन अब सोमवार को मामले पर सुनवाई होगी।
किस डोनर ने दिया कितना चंदा
फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज – 1,368 करोड़ रुपये
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़ रुपये
क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़ रुपये
वेदांता लिमिटेड – 400 करोड़ रुपये
हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़ रुपये
भारती ग्रुप – 247 करोड़ रुपये
एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 224 करोड़ रुपये
वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन – 220 करोड़ रुपये
केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड – 194 करोड़ रुपये
मदनलाल लिमिटेड – 185 करोड़ रुपये
डीएलएफ ग्रुप – 170 करोड़ रुपये
यशोदा सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल – 162 करोड़ रुपये
उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल – 145.3 करोड़ रुपये
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड – 123 करोड़ रुपये
बिड़ला कार्बन इंडिया – 105 करोड़ रुपये
रूंगटा संस – 100 करोड़ रुपये
डॉ रेड्डीज – 80 करोड़ रुपये
पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप – 60 करोड़ रुपये
नवयुग इंजीनियरिंग – 55 करोड़ रुपये
शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स – 40 करोड़ रुपये
एडलवाइस ग्रुप – 40 करोड़ रुपये
सिप्ला लिमिटेड – 39.2 करोड़ रुपये
लक्ष्मी निवास मित्तल – 35 करोड़ रुपये
ग्रासिम इंडस्ट्रीज – 33 करोड़ रुपये
जिंदल स्टेनलेस – 30 करोड़ रुपये
बजाज ऑटो – 25 करोड़ रुपये
सन फार्मा लैबोरेटरीज – 25 करोड़ रुपये
मैनकाइंड फार्मा – 24 करोड़ रुपये
बजाज फाइनेंस – 20 करोड़ रुपये
मारुति सुजुकी इंडिया – 20 करोड़ रुपये
अल्ट्राटेक – 15 करोड़ रुपये
टीवीएस मोटर्स – 10 करोड़ रुपये
चंदा प्राप्त करने वाले दस प्रमुख दल
पार्टी धनराशि करोड़ों में
भाजपा 6060
टीएमसी 1609
कांग्रेस 1421
बीआरएस 1214
बीजद 775
डीएमके 639
वाईएसआर कांग्रेस 337
शिवसेना 158
राजद 72.50