हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। बीते दिन झारखंड में सियासी घटनाक्रम देखने को मिला। ईडी की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री पद से हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दे दिया है। हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के करीबी कहे जाने वाले चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है। इसी बीच, बीते रात भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का सुप्रीम कोर्ट के सामने वकील कपिल सिब्बल ने उल्लेख किया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा, दो फरवरी को मामले को सुनवाई को सूचीबद्ध किया गया है। इस दौरान कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले लेंगे।
इसी बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में आगे की पूछताछ के लिए सोरेन की रिमांड की मांग विशेष पीएमएलए कोर्ट से करेगा। ईडी टीम ने बुधवार रात सात घंटे की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। सीएम हेमंत ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि हेमंत ने अपनी गिरफ्तारी टालने का भी पूरा प्रयास किया। यहां तक कि उन्होंने ईडी की ओर से दिए गए गिरफ्तारी मेमो पर हस्ताक्षर करने से मना किया। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद ही उन्होंने मेमो पर दस्तखत किए। गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया।
आपराधिक मामले में किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति जरूरी होती है। इसके लिए उन्हें सूचित करना पड़ता है। इस प्रक्रिया से बचने के लिए ही ईडी ने सोरेन को पहले हिरासत में लिया और बाद में राज्यपाल के पास ले गए। यहां इस्तीफा होने के बाद ही उनकी गिरफ्तारी हुई।

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