लखीमपुर कांड पर सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी का खुलासा, यूपी सरकार से दो बार की थी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करवाने की सिफारिश
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित सरकार ने भी माना गंभीर अपराध
- केंद्रयी गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष पर है किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप
- पीडि़तों ने हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने की मांग वाली याचिका की थी दाखिल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। शीर्ष अदालत ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान जांच के लिए गठित एसआईटी ने अपना पक्ष रखा। एसआईटी ने कहा कि हमने किसानों को कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करवाने के लिए यूपी सरकार से दो बार कहा था। वहीं यूपी सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि मैं मानता हूं कि यह जघन्य अपराध है लेकिन आरोपी आशीष मिश्रा के भागने का खतरा नहीं है इसलिए अदालत सरकार की ओर से निश्चिंत रहें। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हमने इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट प्राप्त की है जिसे राज्य सरकार को भेज दिया गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन ने कहा कि आपने ये नहीं बताया कि चिट्ठी कब लिखी गई थी और ये ऐसा मामला नहीं है जिसमें आप इतना इंतजार करें। लखीमपुर हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। वहीं एसआईटी ने कोर्ट को बताया कि उसने यूपी सरकार से दो बार सिफारिश की थी कि वह आशीष मिश्रा की जमानत को रद््द कराए। यह भी कहा कि सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि आशीष उस जगह पर थे, जिसमें आठ लोग मारे गए थे। इस मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की विशेष पीठ ने 30 मार्च को यूपी सरकार से उन रिपोर्ट पर जवाब मांगा था, जिनमें एसआईटी ने जमानत रद्द करने का सुझाव दिया था। कोर्ट ने पाया कि एसआईटी ने अपर मुख्य सचिव (गृह) को दो पत्र लिख कर मामले के मुख्य आरोपी की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का सुझाव दिया था। तब यूपी सरकार के वकील महेश जेठमलानी ने पीठ को सूचित किया था कि उन्हें कोई पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। हालांकि इससे पहले यूपी सरकार ने अदालत को बताया कि उसने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया था।
गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सुुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हमें शुक्रवार को एसआईटी की रिपोर्ट मिली है और इसे राज्य सरकार के पास भेजा गया है। हम हलफनामे पर भरोसा कर रहे हैं। हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जो कहा, वही कह रहे हैं। हमने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि गवाहों को व्यापक सुरक्षा प्रदान की गई है। हमने सभी 97 गवाहों से संपर्क किया है और उन सभी ने कहा कि कोई खतरा नहीं है।
क्या है मामला
बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में कुछ किसान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। इस दौरान तेज स्पीड में एक एसयूवी कार ने कुछ किसानों को कुचल दिया था, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद हिंसा भडक़ गई। गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोप है कि जिस कार से किसानों को कुचला गया, उसे आशीष मिश्रा चला रहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। एसआईटी की जांच के बाद आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था।
कर्मचारी के मौत मामले में फरार एसडीएम सस्पेंड
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। प्रतापगढ़ के लालगंज तहसील में नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा की एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम द्वारा पिटाई से मौत के मामले में एसडीएम पर सख्त कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए फरार चल रहे आरोपी एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया है। घटना के विरोध में कलेक्ट्रेट और तहसील में तालाबंदी करके प्रदर्शन किया जा रहा है।
एसडीएम की पिटाई के चलते नायब नाजिर सुनील शर्मा की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में एसडीएम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के बाद से ही एसडीएम फरार चल रहे हैं। सीएम के आदेश के बाद निलंबन की कार्रवाई होने पर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, मृतक तहसीलकर्मी के शरीर में नौ जगहों पर चोट के निशान मिले। उसके फेफड़े में इंफेक्शन हो गया था। 31 मार्च को मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकीय परीक्षण में भी सुनील शर्मा के शरीर में आठ जगहों पर चोटों के निशान मिले थे, जिसमे डंडे से चोट के निशान संग सूजन व पीलापन दर्शाया गया था।
बेलगाम महंगाई पर बिफरा विपक्ष, राज्य सभा में हंगामा
- चर्चा की मांग खारिज होने पर विपक्षी सांसदों ने जताया विरोध
- कार्यवाही रही बाधित सरकार पर लगातार हमलावर है विपक्ष
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लगातार बढ़ रही महंगाई को लेकर विपक्ष संसद से सडक़ तक केंद्र सरकार को घेर रही है। आज भी राज्य सभा में महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्षी दलों ने राज्य सभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। विपक्ष के कई सांसदों ने बढ़ती कीमतों को लेकर राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू को चर्चा के लिए नोटिस दिया था। हालांकि, नायडू ने उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया। इसके चलते विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। बढ़ते हंगामे को देख राज्य सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। केरल से सीपीआई के राज्य सभा सांसद बिनाय विस्वास ने महंगाई पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। उन्होंने राज्य सभा में नियम 267 के तहत पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और केरोसिन की कीमतों में वृद्धि पर निलंबन का नोटिस दिया। वहीं टीएमसी के राज्य सभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने के लिए नोटिस दिया।