जिस जज ने दी योगी के मंत्री को सजा वही सुनाएगें वो ही सुनाएंगें आज अपहरण के मामले में फैसला

प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण केस में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट का फैसला आज यानि मंगलवार को आएगा। इस केस के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ हैं। सबकी निगाहें जज दिनेश चंद्र शुक्ल पर टिकी हुई हैं, क्योंकि इस केस में फैसला वहीं सुनाएंगे।
दिनेश चंद्र का परिवार उत्तर प्रदेश के रायबरेली से आता है। उनका जन्म तीन मार्च 1968 को हुआ। उनके पिता का नाम हरि प्रसाद शुक्ल है। उनकी गिनती एक तेजतर्रार जज के तौर पर होती है। उनका एक फैसला काफी चर्चित रहा था। इसी साल उन्होंने योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को सजा सुनाई थी। नंदी पर आरोप था कि सपा नेता रेवती रमण सिंह की एक सभा में हमला किया था। दिनेश चंद्र शुक्ला ने उनको दोषी करार दिया था। यह मुकदमा साल 2014 में दर्ज हुआ था।
दिनेश चंद्र शुक्ल ने भदोही में साल 2003 में बतौर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अपने कैरियर की शुरुआत की। 2002 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कोर्ट में विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी सेवाएं दे चुके हैं।दिनेश चंद्र साल 2018 में मेरठ की कोर्ट में एसीजीएम रहते हुए कई फैसले सुनाए। इस दौरान डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सेक्रेटरी रहे।
साल 2019 में वह झांसी की कोर्ट में सिविल जज रह चुके हैं। वैसे देखा जाए तो दिनेश चंद्र अधिकतर समय इलाहाबाद में ही रहें, जो अब प्रयागराज बन चुका है। झांसी के बाद साल 2020 में वहीं इलाहाबाद के कोर्ट में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज रहे। इसके बाद वर्तमान में वह स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के जज कहें या प्रेसिडिंग ऑफिसर हैं।
दिनेश चंद्र के एजुकेशन की बात करें तो उन्होंने कानून के साथ कॉर्मस विषय में विशेषज्ञता हासिल की है। उन्होंने कॉमर्स में मास्टर की डिग्री हासिल की है। साथ ही एलएलबी भी किया है। दिनेश चंद्र के बारे में जानने वाले लोग बताते हैं कि वह बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। साल 1982 में हाई स्कूल की परीक्षा उन्होंने प्रथम श्रेणी में पास की थी।
फिर साल 1984 में इंटरमीडिएट की परीक्षा भी उन्होंने फस्र्ट डिवीजन में उत्तीर्ण किया।बतौर मुख्य अतिथि दिनेश चंद्र कानून के क्षेत्र में होने वाले ट्रेनिंग प्रोग्रामों का हिस्सा रह चुके हैं। साल 2019 में उत्तर प्रदेश के ज्यूडियशल अफसरों के लिए आयोजित मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम में दिनेश चंद्र ने अधिकारियों को कानून की बारीकियों को समझाया था।

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