CM नीतीश की सरकार में ये 7 विधायक बनाए जा सकते हैं मंत्री, चर्चाएं तेज
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4PM न्यूज़ नेटवर्क: बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने के संकेत मिल रहे हैं। बिहार में नीतीश कुमार की कैबिनेट का आज (26 फरवरी) विस्तार होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बुधवार की शाम 4 बजे 7 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। संभावित मंत्रियों के नाम भी सामने आ गए हैं। अनिल शर्मा, जीवेश मिश्रा, राजू सिंह, विजय खेमका, संजय सरावगी, अवधेश पटेल और नवल किशोर यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। मंत्रिमंडल विस्तार में भारतीय जनता पार्टी और JDU कोटे के ही विधायकों को मंत्री बनाया जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक राजपूत समुदाय से राजू सिंह, कुर्मी समुदाय से कृष्ण कुमार मंटू, अति पिछड़ा वर्ग से विजय मंडल, भूमिहार वर्ग से जीवेश मिश्रा, वैश्य समुदाय से संजय सरावगी, अति पिछड़ा (तेली) से मोतीलाल और कुशवाहा समाज से डॉ सुनील को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
नीतीश मंत्रिमंडल में 7 नए चेहरें हो सकते हैं शामिल
राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हो रहीं हैं कि इस बार नीतीश मंत्रिमंडल में 7 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी का दबदबा दिखाई दे सकता है। इस विस्तार को विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक रणनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार विधानसभा में अभी BJP के पास सबसे अधिक विधायक हैं। सहमति के तहत BJP के कोटे से अधिक मंत्री बनने हैं। JDU के विधायकों की संख्या कम है माना जा रहा है कि JDI के कोटे से सभी मत्री बन गए हैं। ऐसे में अब BJP कोटे से ही मंत्री बनाए जाएंगे।
इससे पहले बिहार के राजस्व मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि ‘एक व्यक्ति, एक पद’ वह सिद्धांत है जिस पर पार्टी काम करती है। मैं आभारी हूं कि केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे पार्टी की राज्य इकाई की जिम्मेदारी दी है। नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से दो उपमुख्यमंत्री समेत कुल 15 मंत्री हैं। JDU के 13, हम पार्टी के 1 और मुख्यमंत्री समेत एक निर्दलीय समेत कुल 30 मंत्री हैं। वहीं दिलीप जायसवाल के इस्तीफे से भी एक मंत्री पद खाली हो गया है। फिलहाल मंत्रिमंडल में कुल 30 सदस्य हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- इसके अलावा अति पिछड़ा वर्ग से भी दो व्यक्तियों को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है।
- तेली समुदाय से एक मंत्री का चयन लगभग पक्का माना जा रहा है, पिछड़े वर्ग से भी एक मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
- ऐसे में जिन मंत्रियों के पास अभी कई विभाग हैं, उनके कुछ विभाग नए मंत्रियों को सौंपे जा सकते हैं।