सेना के जवान की सूझबूझ से बची इतने महीने बच्चे की जान, राजधानी एक्सप्रेस में दिया CPR
ट्रेन में सफर कर रहे भारतीय सेना के जवान ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत से एक 8 महीने के बच्चे की जान बचा ली. जानकारी के मुताबिक सेपॉय सुनील, जो 456 फील्ड हॉस्पिटल में एम्बुलेंस असिस्टेंट हैं,

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राजधानी एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान, भारतीय सेना के जवान सेपॉय सुनील ने अपनी सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से एक 8 महीने के बच्चे की जान बचाई. बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हुई और वह बेहोश हो गई थी. सुनील ने तुरंत CPR देकर बच्चे की जान बचाई, जिससे कोच में मौजूद सभी लोगों ने उनकी सराहना की.
ट्रेन में सफर कर रहे भारतीय सेना के जवान ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत से एक 8 महीने के बच्चे की जान बचा ली. जानकारी के मुताबिक सेपॉय सुनील, जो 456 फील्ड हॉस्पिटल में एम्बुलेंस असिस्टेंट हैं, छुट्टी से लौटते समय राजधानी एक्सप्रेस के S4 कोच में यात्रा कर रहे थे. शाम करीब साढ़े 4 बजे एक बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ गई. बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हुई और वह बेहोश हो गया. बच्चे की मां भी डर के मारे बेहोश हो गईं, जिससे कोच में अफरातफरी मच गई.
ऐसे में सेपॉय सुनील तुरंत आगे आए. उन्होंने बच्चे की जांच की और देखा कि उसकी सांसें बंद थीं. उन्होंने तुरंत CPR(दिल और फेफड़ों की दबाव तकनीक) शुरू की और माउथ-टू-माउथ ब्रीदिंग दी. कुछ ही मिनटों में बच्चा फिर से सांस लेने लगा. जिसके बाद पूरे कोच में जवान की प्रशंसा होने लगी.
इसके बाद सुनील ने ट्रेन स्टाफ और रेलवे पुलिस की मदद से बच्चे को रंगिया स्टेशन पर आगे इलाज के लिए भेजा गया. इस मामले ने इस बात को एक बार फिर दिखाया कि मेडिकल अवेयरनेस कितनी जरूरी है. सेना के जवान की इस त्वरित और साहसिक कार्रवाई से एक मासूम की जान बच गई. उनके इस कदम ने दिखाया कि भारतीय सैनिक न सिर्फ सीमा पर, बल्कि हर जगह देशवासियों की सेवा के लिए तैयार रहते हैं.
यह घटना ट्रेन्ड मेडिकल कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है, यहां तक कि उनकी सर्विस के बाहर भी. सिपाही सुनील के समय पर, पेशेवर और निस्वार्थ कार्यों ने निस्संदेह एक संभावित त्रासदी को टाला और विमान में सवार कई लोगों को आश्वस्त किया. इसके बाद, उन्होंने रंगिया स्टेशन पर शिशु को निकालने और चिकित्सा प्रबंधन के लिए ट्रेन कर्मचारियों और रेलवे पुलिस के साथ समन्वय सुनिश्चित किया. दबाव में उनकी निर्णायक कार्रवाई और शांत स्वभाव ने पूरे देश को प्रेरित किया है.



