शहर का कचरा उठाने वाली गाड़ियां बनीं कूड़ा!
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- 10 हजार से ज्यादा घरों में कूड़ा उठाने में हो रही दिक्कत
- स्वच्छता रैंकिंग पर पड़ रहा असर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। शहर में बेहतर की सफाई व्यवस्था दावे को नगर निगम खुद ही पूरा नहीं करना चाहता है। कूड़ा उठाने वाले गाडिय़ां एक बार खराब हो जाती है तो महीनों उनकी मरम्मत नहीं की जाती। इसकी वजह से डोर टू डोर कूड़ा उठाने के साथ साथ खाली प्लाट से भी कूड़ा उठाने का काम प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरफ से केवल जोन आठ में ही 17 गाडिय़ां काफी समय से खराब पड़ी है। नगर निगम आरआर विभाग में इन गाडिय़ों को करीब डेढ़ साल से बनने के लिए दिया गया है।
उसके बाद भी यह सही नहीं हो पा रही है। इन गाडिय़ों की वजह से कम से कम 10 हजार से ज्यादा घरों में कूड़ा उठाने से लेकर उसको शिवरी प्लांट पहुंचाने का काम प्रभावित हो जाता है। हालांकि उसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। जोन आठ में करीब एक लाख से ज्यादा मकान है, जहां से प्रतिदिन डोर डू डोर कूड़ा उठता है। वर्कशॉप में गाडिय़ों के मरम्मत का ही काम होता है। उसके बाद भी अगर गाडिय़ां ठीक नहीं हो रही है तो यह नगर निगम के सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। सफाई व्यवस्था ठीक न होने की वजह से स्वच्छता रैंकिग में लखनऊ नगर निगम लगातार पीछे होते जा रहा है। पिछले 3 साल के अंदर नगर निगम लखनऊ 11 से 44 स्थान पर पहुंच गया है।
वायरिंग और स्टार्टिंग की समस्या भी नहीं हो रही ठीक
बड़ी बात यह है कि ज्यादातर खराब गाडिय़ों में समस्या बहुत छोटी है। इसमें गेयर, स्टार्टिंग और वायरिंग से जुड़ी समस्याएं है। यह समस्याएं ठीक नहीं होने से यह गाडिय़ां जोन में खड़ी है। 17 गाडिय़ों के अलावा 7 ऐसी गाडिय़ां है जो आरआर विभाग के कार्यशाला में खड़ी है। हालांकि यह गाडिय़ां तीन से चार महीने से ही खड़ी है। इन गाडिय़ों में भी टायर और ट्यूब के अलावा स्टार्टिंग की समस्या है।