फिर हंगामे की भेंट चढ़ गया सत्र का पूरा सप्ताह

  • सातवें दिन भी सत्ता पक्ष व विपक्ष में नोक-झोंक
  • रास सभापति धनखड़ व टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन में तीखी बहस
  • लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 31 जुलाई तक के लिए स्थगित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आखिरकार संसद के मानसून सत्र का ये पूरा सप्ताह हंगामें की भेंट चढ़ गया। शनिवार को कार्यवाही होते दोनो सदनों में मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया हुआ है। केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के बीच इस मुद्दे पर लगातार गतिरोध बना रहा। इस बीच राज्यसभा में मणिपुर मामले पर चर्चा के लिए शुरू हुई नारेबाजी और हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही को सोमवार (31 जुलाई) को स्थगित कर दिया गया। वहीं कुछ इसी तरह का शोरशराबा लोक सभा भी दिखाई दिया उसके बाद वहां भी कार्यवाही 31 जुलाई तक के लिए स्थगित हो गई। राज्य सभा सभापति व टीमएसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के बीच इसी मुद्दे को लेकर तीखी बहस भी हुई। गौरतलब हो कि मणिपुर हिंसा मामले पर विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर अड़े हुए हैं। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी और हंगामा होने लगा, इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि इस बीच दो विधेयक भी पारित किए गए।

सरकार बहाने बना रही है : अधीर

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि नियम 198 के तहत हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव है। इस नियम के अनुसार चर्चा (मणिपुर के संबंध में) तुरंत होनी चाहिए, सरकार नहीं चाहती कि सदन के अध्यक्ष उनसे सवाल पूछें, वे मुद्दों से बचने के लिए बहाने दे रहे हैं।

नियमों को ताख पर रखकर पेश हो रहे बिल : राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, संसदीय परंपरा कानून प्रक्रिया के तहत जब अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में पेश होता है और उसे मंजूर कर लिया जाता है तो कोई भी विधेयक या बिल सदन के भीतर नहीं लाया जाता। जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होती, इस बार तमाम नियमों को ताख पर रखते हुए बिल पेश किए जा रहे हैं और उन्हें पारित किया जा रहा है, जो दु:खद है. मैं लोकसभा अध्यक्ष और केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान नहीं हो जाता, तब तक कोई बिल पेश न किया जाए। राघव चड्ढा ने कहा, विपक्षी गठबंधन इंडिया का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जाएगा। हम मणिपुर के लोगों का समर्थन और उनके लिए स्टैंड लेने की आशा करते हैं, मणिपुर वायरल वीडियो केस को 85 दिनों बाद सीबीआई को देना बहुत देर की जा चुकी है।

मोदी व बीजेपी पर लोगों को विश्वास : सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया. पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टियां एकदूसरे से नफरत करती थीं, अब एक परिवार की तरह साथ आ रही हैं, उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर लोगों का विश्वास है, इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि बीजेपी एक बार फिर से 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी।

विपक्ष को पाकिस्तान, श्रीलंका और चीन जाना चाहिए : रवि किशन

भाजपा सांसद रविकिशन ने कहा कि इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल के मणिपुर दौरे को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वे (विपक्ष) जहां चाहें वहां जा सकते हैं। उन्हें पाकिस्तान, श्रीलंका और चीन जाना चाहिए।

मणिपुर मामले पर आज नहीं होगी सुनवाई

  • सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच नहीं है उपलब्ध

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (28 जुलाई) को मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने के मामले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच को सुनवाई करनी थी। हालांकि, चीफ जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ के शुक्रवार को उपलब्ध न होने के चलते उनकी बेंच नहीं बैठेगी। ऐसे में मणिपुर मामले की सुनवाई आज नहीं हो सकेगी। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा था कि उन्होंने क्या एक्शन लिया है? जिसके बाद मणिपुर वीडियो मामले पर सुनवाई से एक दिन पहले यानी गुरुवार (27 जुलाई) को केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार की सहमति लेकर मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई है। मुकदमे का तेजी से निपटारा जरूरी है। साथ ही केंद्र ने अपील की है कि मुकदमा राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाए और सुनवाई करने वाली निचली अदालत को यह निर्देश भी दे कि चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर फैसला दे।

राज्य में 35 हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात

मणिपुर में शांति बहाल करने की कोशिशें तेज है। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई अभद्रता पर गृह मंत्रालय एक्शन में है। मणिपुर में हालातों को काबू पाने के लिए 35 हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। 18 जुलाई के बाद हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कुकी और मैतई दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मणिपुर के हर घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। गृह मंत्री अमित शाह से पीएम मोदी हर जानकारी ले रहे हैं।

आजम को कोर्ट का झटका

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
  • सपा नेता को देना होगा वायस सैंपल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। भडक़ाऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को वायस सैंपल देना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खान को करारा झटका लगा है। उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट रामपुर के आदेश को चुनौती दी थी, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए आजम खान को वायस सैंपल देने का निर्देश दिया, जस्टिस राजीव मिश्र की सिंगल बेंच में सपा नेता की याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने आजम खान की मांग नामंजूर करते हुए आवाज का नमूना रिकॉर्ड कराने का निर्देश दिया। बता दें कि 2007 के विस चुनाव में आजम ने जनसभा को संबोधित करते हुए भडक़ाऊ भाषण दिया था।

आवाज का नमूना रिकॉर्ड कराने का मिला निर्देश

ट्रायल के दौरान बात सामने आई कि भाषण की ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग विवेचक ने केस डायरी का हिस्सा बनाया लेकिन आरोप पत्र में रिकॉर्डिंग का जिक्र नहीं है। रामपुर की एमपी-एलएलए कोर्ट ने आजम खान की आवाज का नमूना रिकॉर्ड कर सीडी में रिकॉर्ड ऑडियो से मिलान कराने का निर्देश दिया. आजम खान ने आदेश के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई. 29 अक्टूबर 2022 को स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए ने आपत्ति खारिज कर दी।

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