किसानों को राहत देने का इंतजाम नहीं : आराधना

  • निवेश पर श्वेत पत्र लाए सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधानसभा में कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्रा मोना ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि इसमें किसानों को राहत देने का इंतजाम नहीं किया गया है। सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को लेकर किये गए वादों को भी पूरा नहीं किया। उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब अन्य राज्यों ने इसे लागू कर दिया है, तो यूपी में आखिर क्या समस्या आ रही है। कांग्रेस सदस्य ने बढ़ती महंगाई के दृष्टिगत विधायकों का भत्ता बढ़ाने की मांग भी की।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक सदस्य को उसके क्षेत्र में 10-10 किमी की सडक़ और सौ-सौ हैंडपंप भी मिलने चाहिए। उन्होंने विधायक निधि पर जीएसटी का मुद्दा भी उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि ये विषय अनुपूरक बजट से संबंधित नहीं हैं। किसानों को बिजली के बिल में राहत देने के लिए सरकार ने 900 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार बदायूं, गोरखपुर, बहराइच, बाराबंकी में बायो गैस प्लांट भी लगवा रही है।
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधानसभा में वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए निवेश करार का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रश्नकाल में सरकार से सवाल किया कि सम्मेलन में कितने के निवेश करार हुए, कितना निवेश हुआ, कितनी कंपनियां स्थापित हुई और कितने लोगों को रोजगार मिला इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। मोना ने सरकार से सम्मेलन में हुए खर्च का ब्योरा देने की भी मांग रखी। औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि सम्मेलन और उसके बाद तक 26 हजार निवेश करार हुए हैं। यूपी देश-विदेश के उद्यमियों के निवेश का पसंदीदा गंतव्य बना है।

बजट में अन्य धर्मों की हुई उपेक्षा : पल्लवी

विधानसभा में सपा सदस्य पल्लवी पटेल ने कहा कि अनुपूरक बजट में अन्य धर्मों की उपेक्षा की गयी है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा की नजरों में यूपी केवल हिंदुओं का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि बजट में जैन, सिख, बौद्ध आदि समुदायों को क्या दिया गया। नाथ समुदाय को भी कुछ नहीं मिला। गरीबों और पिछड़ों को भी दरकिनार किया गया। मैं जातिवार जनगणना के लिए निजी विधेयक लेकर आई हूं, जबकि यह आपको लाना चाहिए था। इनकी नुमाइंदगी करने वाले आपके सदस्य पंगु हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि चर्चा अनुपूरक बजट पर सीमित रहनी चाहिए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैंने सचेतकों को सुबह ही बता दिया था कि अनुपूरक में विस्तार से चर्चा नहीं होती है।

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