संघ का कोई पराया नहीं, मुस्लिम भी हमारे: भागवत

  • बोले- सनातन धर्म नहीं संस्कृति, इस देश पर सबका अधिकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहनराव भागवत ने कहा कि मुस्लिम भी हमसे अलग नहीं हैं, वह भी हमारे ही हैं बस उनकी पूजा पद्धति बदल गई है। यह देश उनका भी है वह भी यहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि संघ सम्पूर्ण समाज को संगठित करना चाहता है इसमें संघ का पराया कोई नहीं। जो आज हमारा विरोध करते हैं, वे भी हमारे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन यह पक्का है, कि उनके विरोध से हमारी क्षति न हो, इतनी चिंता हम जरूर करेंगे। सरस्वती शिशु मंदिर में शाम को दूसरे दौर के संवाद में सेना सहित कुछ अन्य क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने संवाद किया।
संघ प्रमुख ने कहा कि हिन्दू धर्म की आलोचना करने वाले हिन्दू धर्म को जानते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण है जब लोगों ने हिन्दू धर्म को जाना और समझा तो वह भी प्रशंसक हो गए। उन्होंने कहा कि सनातन कोई धर्म नहीं बल्कि संस्कृति है। एक सवाल के जवाब में मोहन भागवत ने माना कि शिक्षा में तीन भाषा नीति लागू होनी चाहिए। एक मातृ भाषा, एक भारतीय भाषा और तीसरी अन्य भाषा हो सकती है। संघ प्रमुख ने कहा कि हम लोग तो सर्व लोकयुक्त भारत वाले लोग हैं, मुक्त वाले नहीं। संघ प्रमुख ने बच्चों में संस्कारों की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि मोबाइल के कारण बच्चे संस्कार से दूर हो रहे हैं। उनका बचपन खराब हो रहा है। उन्होंने शिक्षाविद्, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों से इस समस्या के समाधान के लिए अभिभावकों को जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जातिप्रथा, भेदभाव जैसी सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के लिए समाज को एकजुट करना होगा।

जो अच्छा काम कर रहे हैं उनका सहयोग करें

भागवत ने कहा कि समाज में प्रबुद्धजन यदि तटस्थ रहेंगे तो राजनीति भटक जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज में जो अच्छा काम हो रहा है उसका सहयोग करना चाहिए। अवध प्रांत के चार दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन मोहन भागवत ने सोमवार सुबह और शाम को दो चरणों में शिक्षा, वकालत, सेना, कृषि, चिकित्सा, पत्रकारिता सहित अन्य क्षेत्र से जुड़े लोगों से संवाद किया। सरस्वती शिशु मंदिर में शाम को दूसरे दौर के संवाद में सेना सहित कुछ अन्य क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह राजनीति या किसी पार्टी से नहीं जुडऩा चाहते हैं। भागवत ने कहा कि संघ भी राजनीतिक संगठन नहीं हैं। लेकिन समाज में जो अच्छा काम हो रहा है उसका सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की ओर से समाज में परिवर्तन के लिए अनेक अच्छे कार्य किए जा रहे हैं। प्रबुद्ध जन उन कार्यों में सहयोगी हो सकते हैं।

सामाजिक विसंगतियों को दूर करने में सहयोग करें प्रबुद्धजन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले प्रबुद्धजन सामाजिक विसंगतियों को दूर करने में सहभागिता निभाएं। सोमवार को प्रबुद्धवर्ग के लोगों से संवाद में संघ प्रमुख ने राष्ट्र  की उन्नति, सामाजिक समरसता और भारतीय संस्कृति की रक्षा पर जोर दिया।

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