नाजुक दिल को मजबूत बनाते हैं ये योगासन

  • हृदय को स्वस्थ रखने के लिए करें नियमित अभ्यास

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पिछले कुछ वर्षों से हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों में हृदयाघात का जोखिम बढऩे के कई कारण हो सकते हैं। हृदय रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। बिगड़ी लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी के कारण हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। कोरोना काल के बाद से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कई मामले सामने आए हैं। इनमें से कई ऐसे केस भी हैं, जिसमें फिटनेस का ध्यान रखने वाले जिम व नियमित व्यायाम करने वाले लोग शामिल हैं। सिर्फ शरीर को हिट रखने से ह्रदय मजबूत नहीं बनता है। दिल को मजबूत बनाने और हृदय रोग के जोखिम से बचने के लिए नियमित योग किया जा सकता है। योग के माध्यम से उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर के हृदय गति को कम किया जा सकता है। अपनी दिनचर्या में योग आसनों को शामिल करके हार्ट अटैक और हृदय संबंधी रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।

वृक्षासन

योग में बच्चों और वृद्धों दोनों के लिए अगर कोई आसन मुफीद है तो वो है वृक्षासन। जैसा की नाम से स्पष्ट है कि यह आसन वृक्ष पर अधारित है। जिस तरह वृक्ष जमीन में जड़ों को समाहित कर तने को मजबूती देता है ठीक उसी तरह यह आसन भी जमीन पर अपना बैलेंस बनाकर पूरे शरीर को मजबूती देता है। तनाव कम करने, मस्तिष्क शांत रखने और हृदय रोग की समस्या से बचाव के लिए नियमित वृक्षासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस आसन से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है। इस आसन से एकाग्रता बढऩे के साथ ही गठिया की बीमारी में राहत मिलती है। इस आसन में बैलंस बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें एक पैर पर खड़े होना होता है। इसलिए बच्चे जब यह आसन करते हैं तो उनकी एकाग्रता बढ़ती है जो पढ़ाई में उन्हें आगे ले जाती है। वहीं वृद्ध जब इस आसन को करते हैं तो उन्हें गठिया आदि के रोगों में आराम मिलता है।

धनुरासन

इस आसान को धनुरासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह धनुष आकार में होता है। यह आसान पद्मासन श्रेणी का एक आसान है। धनुरासन की खास बात यह है कि इस आसन को करने से आपको भुजंगासन और शलभासन दोनों के लाभ मिलते हैं। इसके अलावा हृदय को मजबूत बनाने के लिए धनुरासन योग लाभकारी होता है। धनुरासन हृदय की मांसपेशियां मजबूत बनाता है, शरीर को स्ट्रेच और हृदय पर अतिरिक्त पडऩे वाले दबाव को कम करता है। रक्त संचार में सुधार और रक्त परिसंचरण बेहतर कार्य करने में भी सहायक है। धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। आपके पैरों में नितंब जितना फासला रखें और दोनों हाथो को सीधा रखें। अब अपने घुटनों को मोडक़र कमर के पास ले जाएं और अपनी घुटिका को दोनों हाथों से पकड़ें। अब सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। अब अपने पैरों को आगे की ओर खीचें। अब अपना संतुलन बनाते हुए सामने देखें।

वीरभद्रासन

वीरभद्रासन को वारियर पोज भी कहते हैं जो एक स्टैडिंग हाई पोज है। यह आमतौर पर हठ, विन्यास और अष्टांग योग के साथ कई तरह के योग स्टाइल में काफी फेमस है। इस मुद्रा का नाम एक भयानक योद्धा वीरभद्र के नाम पर रखा गया है। वीरभद्र हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव का ही एक रूप है जिसे सती की मृत्यु पर उन्होंने अपनाया था। वीरभद्रासन इसे शुरू करने वालों के साथ ही लिमिटेड मोबिलिटी वाले लोगों के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है। पर अगर इस योगासन को अपने रूटीन में शामिल कर लिया जाए तो इसके कई फायदे हैं। शरीर के संतुलन में सुधार, सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए नियमित इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं। वीरभद्रासन रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और तनाव को कम कर सकता है। इस आसन से हार्ट रेट नियंत्रित रहता है। हृदय की क्षमता में सुधार और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए वीरभद्रासन को जीवन में शामिल करें।

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