यूपी में कूड़े से माल बटोरने वालों पर अब गिरेगी गाज!

  • अमिताभ ठाकुर ने लोकायुक्त से की शिकायत
  • 600 करोड़ रुपए का कूड़ा प्रबंधन घोटाला
  • आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रस्तुत किया परिवाद
  • अपर मुख्य सचिव अमृत अभिजात के अधीन है नगर विकास विभाग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कूड़े से पैसा बनाने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत अब लोकायुक्त के समक्ष पहुंच गई है। पूर्व आईपीएस, सामाजिक कार्यकर्ता व आजाद अधिकार सेना के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग द्वारा पिछले 3 वर्षों में कूड़ा प्रबंधन के मामलों में लगभग 600 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपों के संबंध में यूपी के लोकायुक्त के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया है। बता दें यूपी में पुराने कूड़े के निस्तारण में हो रहे गोरखधंधे पर 4पीएम ने भी खबरें छापीं थीं।

नई कंपनियों के बैलेंस शीट के अनुसार इनका शुद्ध लाभ इनके टर्नओवर से कम

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि, इन नई कंपनियों के बैलेंस शीट के अनुसार इनका शुद्ध लाभ इनके टर्नओवर का बहुत ही छोटा प्रतिशत था, जो इस सेक्टर के सामान्य औसत से काफी कम था। यह इन कंपनियों द्वारा भारी घूसखोरी की ओर इशारा करते दिखता है।

शहरों व कस्बों में लगे हैं सालों से कूड़े के पहाड़

पूरे यूपी में शहरीकरण तेजी से बढ़ा है। जिसकी वजह से शहरों व कस्बों में आबादी बढ़ रही है आबादी बढऩे से गंदगी व ठोस अपशिष्ठ बढ़ रहे हैं। राज्य बड़े महानगरों की हालत और बदतर है। नौ-नौ साल से शहरों के बाहर कूड़े पहाड़ खड़े हो गए हैं। जब लोगों द्वारा आवाज उठाई जाती हे तो आनन-फानन में कूड़े के निस्तारण के लिए कमिशन की मंशा से एजेंसी को ठेका दे दिया जाता है। उसमें भी खेल हो एरिया के हिसाब से पुराना कूड़ा  उठाने की व्यवस्था की जाती है। कभी-कभी तो ऐसी कंपनियों को काम दे दिया जिनकी क्षमता बड़े क्षेत्रों के कूड़ा उठाने की नहीं होती है। ये नहीं ये कंपनियां कूड़े को उठाकर नदियों व तालाबों में डाल देती है जिससे की पर्यावरण को भी नुकसान होता है। इसी तरह कानपुर नौ साल बाद फिर से पनकी भौसिंह का कूड़ा निस्तारण प्लांट निजी हाथों में दिया गया था। इसमें कहा गया कि हाईवे किनारे 10 से 15 साल के बीच के पुराने कचरे (लीगेसी वेस्ट) के पहाड़ को छांटने का काम वैज्ञानिक तरीके से होगा। पर बाद में इसमे ंविवाद भी हुआ था।

तीन वर्षों में घोटाले के तथ्य सामने आए हैं : अमिताभ ठाकुर

आजाद अधिकार सेना के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने परिवाद में कहा है कि उन्हें प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 3 वर्षों में अपर मुख्य सचिव अमृत अभिजात के अधीन नगर विकास विभाग द्वारा 600 करोड़ रुपए से ऊपर के कूड़ा प्रबंधन के घोटाले के तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने आगे कहा, जानकारी के अनुसार कई पूरी तरह नई कंपनियों को बुनियादी अर्हता नहीं होने के बाद भी नियमों के विपरीत जाकर टेंडर दिया। इन कंपनियों के खिलाफ ताजा अपशिष्ट (फ्रेश वेस्ट) तथा विरासत अपशिष्ट (लिगसी वेस्ट) के मामलों में गंभीर अनियमितता की तमाम शिकायतें प्राप्त हुईं किंतु शासन द्वारा इनका संज्ञान नहीं लेते हुए इन कंपनियों का गलत बचाव किया गया।

इकोस्टेन को बिना टेंडर के दिए गए थे काम

प्रदेश में कई कंपनियों पर कूड़ा निस्तारण पर धांधली के आरोप लगें हैं। जिसमे इकोस्टेन का नाम सबसे ऊपर है। इसके काले कारनामों से अखबारों व सोशल मीडिया के पन्ने पटे पड़े हैं। इस कंपनी पर नगर विकास के प्रमुुख सचिव अमृृत अभिजात की नजरे इनायत हमेशा बनी रहती हैं। उनकी मेहरबानी की वजह से उसे बिना टेंडर के के ही 45 करोड़ से अधिक का काम सौंप दिया गया । तुर्रा ये की काम भी नहीं हुआ और भुगतान भी कर दिया गया।

हरित ट्रिब्यूनल, लोकायुक्त से लेकर उच्च न्यायालय तक पहुंची शिकायत

कूड़े के इस कारोबार में कितनी मलाई है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है इसके भ्रष्टïाचार की शिकायत शासन, हरित ट्रिब्यूनल, लोकायुक्त से लेकर उच्च न्यायालय तक की गई। शिकायतें बढ़ती गईं पर कूड़े से झोलियां भरने वाले कम नहीं हुए। क्या लखनऊ, क्या प्रयागराज, क्या अलीगढ़, क्या पडरौना मतलब यूपी के पूर्व से पश्चिम तक कूड़ा आज सोने के कारोबार की तरह हो गया है।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शहरों के लिए महत्वपूर्ण

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट किसी भी क्षेत्र में समुचित साफ-सफाई एवं स्वस्थ पर्यावरण बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए नगर निगम अपने क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रणाली की पूर्ति करने के लिए उत्तरदायी है जिससे उनके निर्धारित क्षेत्र में प्रदूषण एवं अन्य बीमारियों पर नियंत्रण अथवा रोकथाम हो सके। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की प्रणाली में मूल रूप से उन ठोस सामग्रियों को एकत्रित कर के, उपचार करने के बाद हटा दिया जाता है जो अब उपयोगी नहीं हैं। यदि नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट का निपटारा समुचित ढंग से नहीं किया जाये तो यह उस क्षेत्र में प्रदूषण अथवा कई खतरनाक रोगों को फैला सकता है।

प्रमुख सचिव के निकट लोगों की भूमिका पर सवाल

उन्होंने कहा कि इस मामले में कूड़ा प्रबंधन का काम करने वाली कई कंपनियां तथा प्रमुख सचिव के कुछ निकट लोगों की प्रमुख भूमिका सामने आई है। उन्होंने लोकायुक्त से इस मामले की गंभीरता और महत्ता के दृष्टिगत तत्काल जांच की मांग की है।

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